Posted on 30 September 2012 by admin
Posted on 24 September 2012 by admin
प्रदेश में अधिकांश विद्यालयों और कक्षाओं की दीवारों पर एक साधारण चेहरा आमतौर पर देखने को मिलता है। यह चेहरा है 9 वर्षीय मीना का जिसने प्रदेश के बच्चों के दिलों में अपनी जगह बना रखी है। गुलाबी रंग के कपड़े में यह काल्पनिक चरित्र उत्तर प्रदेश में अधिकांश बच्चों के लिए एक अनुकरणीय प्रतिरूप है। मीना कोई सुपर हीरो नहीं है बल्कि अद्भुत जीवन कौशल से युक्त एक साधारण लड़की है। यह अपने आस-पास की दुनिया के बारे में प्रश्न पूछती है और अपने व्यवहार के बारे में प्रत्येक को सोचने के लिए मजबूर करती है। यूनिसेफ के सहयोग से सर्व शिक्षा अभियान मीना को बच्चों की दुनिया में लाए हंै। यह एक प्रेरणादायक चरित्र रही है जो बच्चों के अन्दर विश्वास जगाती है जिससे वे भी इनका अनुकरण कर सकते हैं।

मीना की कहानियों से स्कूल जाने वाले ग्रामीण बच्चों में बढ़ोतरी हुई है। ये कहानियाँ उन तक दूरदर्शन, रेडियो, काॅमिक्स, किताबों, फ्लिप चार्टों और पोस्टरों के माध्यम से पहुँचाती है। इन कहानियों से बच्चों को प्रेरणा मिली है और पूरे राज्य में हजारों की संख्या में मीना मंच का गठन किया गया है। आज, उत्तर प्रदेश में 40,000 से अधिक मीना मंच सक्रिय हैं। मीना मंच के सदस्य महीने में एक बार मिलते हैं और इन कहानियों का सम्पादन करते हैं। अपने बल पर, ये मंच कुछ बाल विवाह को रोकने, पढ़ाई छोड़ने वाली लड़कियों को वापिस स्कूल लाने, घर एवं समुदाय में लिंग असमानता पर चर्चा करने, स्वस्थ खान-पान की आदतों को बढ़ावा देने एवं खाने से पहले साबुन से हाथ धोने और अन्य अच्छी आदतों को अमल करवाने में मददगार रही है। 24 सितम्बर, 1998 को मीना कम्यूनिकेशन पहल की शुरूआत की गई और हर वर्ष इस दिन को मीना दिवस के रूप में चिन्हित किया गया है। यह दिन लड़कियों के लिए हमारी प्रतिबद्धता कि पुनः पुष्टी करता है। इस वर्ष भी, पूरे राज्य में इस दिवस को मनाया गया। लखनऊ में, इस दिवस को मनाने के लिए लगभग 250 बच्चे फन रिब्लिक माॅल के सामने स्थित संगीत नाटक अकेडमी के संत गाडगे जी आॅडीटोरियम में 24 सितम्बर को सुबह 11 बजे एकत्रित हुए। सर्व शिक्षा अभियान और यूनिसेफ ने ‘‘मीना रत्न’’ पुरस्कारों की स्थापना की। यह पुरस्कार उन बच्चों को दिये गये है जिन्होंने अपने ग्रामीण परिवेश में: नेतृत्व क्षमता दिखाने, कड़ी चुनौतियों का सामना करने और बदलाव के लिए उत्प्रेरक बनने में उल्लेखनीय चरित्र प्रदर्शित किए हैं। 24 सितम्बर, 2012 को 11 चयनित बच्चों को पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इस वर्ष 11 शिक्षकों को भी उनके द्वारा बच्चों को मीना कार्यक्रम से प्रोत्साहित करने और उन्हें एक बेहतर दुनिया का रास्ता दिखाने के लिए ‘‘मीना रत्न शिक्षक’’ पुरस्कारों से नवाजा गया। इस वर्ष के कार्यक्रम में बच्चों की विद्यालयों में नियमित उपस्थिति को बढ़ावा देना पर विशेष ध्यान दिया गया है, क्योंकि अनियमित उपस्थिति शिक्षा के स्तर पर एक बुरा प्रभाव डालती है, मीना दिवस 2012 नियमित उपस्थिति के महत्व पर बल दिया गया। वर्तमान में, मीना की कहानियाँ अत्यन्त लोकप्रिय मीना की दुनिया के जरिए रेडियो पर प्रसारित किया जा रहा है। प्रदेश में तमाम बच्चे इस 15 मिनट के रेडियो प्रसारण को कक्षा में विचार-विमर्श के बाद अध्ययन के दौरान सुनने का आनन्द ले रहे हैं। उत्तर प्रदेश में मीना रेडिया की सफलता को देखकर, अन्य राज्यों जैसे आन्ध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश ने भी मीना रेडियो का स्थानीय भाषाओं में प्रसारण शुरू किया गया है। इस अवसर पर कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय सरोजनी नगर के विद्यार्थियों ने शिक्षा के महत्त्व को एक रंगा रंग कार्यक्रम (नाटक) के रूप में प्रस्तुत किया। अतुल कुमार, आईएएस (सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक) इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अपनी उपस्थित प्रदान की और कहा, ”शिक्षा वह कुंजी है जो किसी भी ताले को खोल सकती है।” साथ ही अपने शब्दों में उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा कि वृद्धि में मीना ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐडिशनल डायरेक्टर, सर्व शिक्षा अभियान, श्री. डी. बी. शर्मा ने भी कहा की, बालिकाओं ने भी विद्यालय जाने की ओर कदम बढ़ाया है, और हमारा विश्वास है की वह आगे भी बहुत बेहतर करेंगी। श्री पाओलो मेफालोपुलोस, युनिसेफ के संचार विकास के मुख्य ने भी इस अवसर की शोभा बढ़ाते हुए कहा, ”खेल में शिक्षा की प्रणाली किताबी शिक्षा से बेहतर साबित हुई है।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विद्यार्थियों तक सन्देश पहुचाने में शिक्षक अहम भूमिका निभाते हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 September 2012 by admin
शिक्षा के मौलिक अधिकार कानून को लागू करने से पहले बच्चो के पुष्टाहार और स्वास्थय के मौलिक अधिकार को सुनिश्चित किता जाना चाहिए जोकि मानवाधिकार आयोग और श्रम विभाग के संयुक्त प्रयास से किया जाना चाहिए. यह बात आज माइंड शेयर द्वारा आयोजित बाल अधिकार सम्मलेन कि अध्यक्षता करते हुए विधान सभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय ने कही. उन्होंने अपने अनुभवों का उल्लेख करते ही कहा कि ज्यादा तर बच्चे इसलिए मजदूरी करने को मजबूर होते हैं क्यूँ कि उनका आर्थिक स्थिति दयनीय हनी के कारन उनको उचित पालन पोषण ही नहीं मिल पता. अतः वोह मजदूरी करके पेट भरने को बाध्य हैं. इस अवसर पर वक्ताओं ने बच्चों के अधिकारों के संरक्षण पर बाल दिया. सम्मलेन को संबोधित करते हुए विधान सभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय ने कहा बच्चो के अधिकारों का संरक्षण सर्कार का उत्तर दायित्व है. उन्होंने ने स्कूलों में बच्चो के अधिकारों की जाकरूकता की आवाक्श्यकता पर बाल देते ही कहा की आज ज़रूरी है की हर बच्चे को उसके अधिकार मालूम हो और उसका मौलिक मार्गदर्शन हो. उन्होंने कहा कि बच्चे उन्होंने कहा कि बाल श्रम प्रदेश कि एक मुख समस्या है. उत्तर उत्तर शासन द्वारा उनके संरक्षण और समग्र विकास के लिए १४ वर्ष तक शासन कि अनेक योजनायें चलायी जा रही है लेकिन समस्त बच्चो को इसका लाभ नहीं मिल पारहा है . अपने अध्यक्षीय भाषण में विधान सभा अध्यक्ष ने सभी से बाल श्रम के खिलाफ जनता को जागरूक होने की अपील करते हुए कहा की जनता जब बाल श्रम के खिलाफ जागरूक होगी तो तभी इस समस्सया का निदान संभव होगा.
माइंड शेयर द्वारा आयोजित बाल अधिकार सम्मलेन को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन प्रोफेसर शांता सिन्हा ने उत्तर प्रदेश में बिना समय बिना समय व्यर्थ किये राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की स्थापना की जाने की मांग की. उन्होंने बाल श्रम को देश की प्रमुख समस्या बताते हुए कहा की सरकारों द्वारा इसपर लगाम लगाने के अनेक प्रयास किये जारहे हैं लेकिन इसका प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा है क्यूंकि समाज से बाल श्राम प्रथा का पूर्न्यथा उन्मूलन नहीं हो पा रहा जैसा की शासन की मंशा है.
सम्मलेन को संबोधित करते हुए पूर्व राज्यपाल श्री सय्यद सिब्ते रजी ने बाल श्रम को देश की प्रमुख समस्या बताया. उन्होंने कहा की इनके अधिकारों को विभाग और कानून द्वारा संरक्षित तो किया गया है लेकिन जागरूकता की कमी और देश की आर्थिक स्तिथि के करक बाल श्रम आजभी देश की सबसे बड़ी समस्या है.
सम्मलेन को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग के सदस्य जस्टिस विष्णु सहाए ने बच्चों के मौलिक अधिकारों का उल्लेख करते हुए उनके अधिकारों के सम्मान पर बल दिया.
सम्मलेन में विशिष्ट अतिथि श्री लव वर्मा (प्रमुख सचिव, महामहिम राज्यपाल) ने बच्चो के विकास, संरक्षण और भागीदारी की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि यदि हम बच्चों के बचपन और उनके अधिकारों का संरक्षण करेंगे तो यह उनको सही रूप में उपहार होगा.
इस सम्मलेन को श्री जीतेन्द्र कुमार (सचिव, उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग) ने स्कूलें में मानवाधिकार के बारे में जागरूकता किये जाने कि आवश्यकता है. उन्होने उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग द्वारा किये जारहे कार्यों का भी उल्लेख किया.
सम्मलेन को यूनिसेफ की चीफ आदेल खुदर ने भी सम्भोदित किया. उन्होंने उत्तर प्रदेश के ग्रामीण शेत्रों में बच्चों की स्तिथि की जानकारी दी. उन्होंने जौनपुर और श्रावस्ती में अपने अनुभवों का उल्लेख भी किया. उन्होंने यूनिसेफ के मीना रेडियो के द्वारा बच्चों की भागीदारी और अभिव्यक्ति के लिए किये गए प्रयासों की जानकारी दी.
सम्मलेन के आयोजक श्री सय्यद जुल्फी और फादर पॉल रोड्रिक्स ने उपस्थित अतिथियों को धन्यवाद् ज्ञापित किया.
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 September 2012 by admin
तीन वर्गीकृत श्रेणी में पुरूस्कारो हेतु 2 लाख रू0 नकद, प्रशस्ति पत्र व फलक
मुख्य विकास अधिकारी डा0 रूपेश कुमार ने बताया है कि राष्ट्रीय जल पुरस्कार हेतु जनपद आगरा से वांछित योग्यता रखने वाले इच्छुक उम्मीदवार/ एजेन्सी से नामांकन हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये है। तीन विभिन्न वर्गीकृत श्रेणी के समस्त पुरूस्कार हेतु आवेदन पत्र विज्ञप्ति प्रकाशन के 15 दिवस के अन्दर ‘‘कार्यालय मुख्य विकास अधिकारी आगरा’’ को पहुंच जाने चाहिए।
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया हेै कि पुरस्कार तीन वर्गीकृत श्रेणी के लिए अलग-अलग दिये जायेगे। श्रेणी-3 में राष्ट्रीय पुरस्कार जल श्रेत्र में पंचायत राज के लिए है । जल उपयोग हेतु लोगो की सहभगिता के साथ नवाचारी विधियों को अपनाने के लिए ग्राम पंचायत को देय है।
श्रेणी-4 में राष्ट्रीय पुरस्कार जल श्रेत्र में एन0जी0ओ0, डब्लू0यू0ए0 पानी पंचायत एवं सामुदायिक संस्थानो के लिए है। जल प्रबन्धन हेतु वर्षा जल की नई तकनीकें विकसित करने के लिए एन0जी0ओ0 सामुदायिक संस्थाओं को दिया जायेगा।
उन्होंने बताया कि श्रेणी-5 में राष्ट्रीय पुरस्कार जल क्षेत्रों में शहरी स्थानीय निकायों के लिए है। शहर, नगर, गांव मे वाटर सप्लाई और वेस्ट वाटर मैनेजमन्ट हेतु शहरी स्थानीय निकायों को देय है। इन सभी श्रेणी के लिए पुरस्कारो में दो लाख रूपये नकद, प्रशस्तिपत्र व फलक/मेडल देय है।
उन्होंने बताया कि यह पुरस्कार उन सभी पंजीकृत गैर सरकारी संगठनों/ग्राम पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों और व्यक्तियों के लिए खुला है जिन्होंने जल प्रबन्धन के क्षेत्रो में उत्कृष्टता हासिल की हो। भूजल पुर्नभरण, जल उपयोग दक्षता, जल पुनर्चकण अथवा जल के दोबारा उपयोग और इसके लिए जागरूकता सृजन करने को बढावा देने में उत्कृष्टता हासिल होनी चाहिए। नामित व्यक्ति को उक्त क्षेत्र मे कम से कम तीन वर्ष का अनुभव अवश्य होना चाहिए।
इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिए कार्यालय सीनियर जियोफिजिसिस्ट, भूगर्भ जल विभाग 295 जयपुर हाउस आगरा से सम्पर्क किया जा सकता हेै अथवा विस्तृत दिशा निर्देश तथा आवेदन कि लिए जल संसाधन मंत्रालय की वेबसाइट http:/mowr.gov.in पर भी देखा जा सकता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 11 September 2012 by admin
सेन्ट्र ल बैंक आफ इंडिया आंचलिक कार्यालय लखनऊ से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्रामीण स्व रोजगार प्रशिक्षण संस्था न स्थाापित करने में उल्लेखनीय भूमिका का निर्वाह करने पर सर्टीफिकेट आफ एक्सीणलेन्स भारत सरकार के केन्द्री य ग्रामीण विकास मंत्री श्री जय राम रमेश द्वारा प्रदान किया गया। बैंक की ओर से यह पुरस्काार श्री आर.बी.गुप्ताम महाप्रबंधक प्राथमिकता क्षेत्र द्वारा ग्रहण किया गया। विदित हो कि बैंक द्वारा देश में 46 ग्रामीण स्वारोजगार प्रशिक्षण संस्था न स्थािपित किए गए हैं जिनके माध्यगम से ग्रामीण युवकों के कौशल उन्नथयन के लिए प्रशिक्षण देकर प्रोत्सानहित किया जाता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 September 2012 by admin
प्रदेश में चल रहें तीन दिवसीय साक्षर भारत महोत्सव के समापन पर ‘‘महिला साक्षरता मातृत्व एवं सशक्तिकरण पर जोरदार चर्चा आज यहां डा0 राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय स्थित डा0 अम्बेडकर सभागार में हुई। सुश्री नीलम शर्मा (दूरदर्शन) ने महिलाओं को साक्षर कर उनकी समाज में उचित व प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित किये जाने के बात पर दिया।
इस अवसर पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए प्रदेश के बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास पुष्टाहार मंत्री श्री राम गोविन्द चैधरी ने कहा कि सरकार महिलाओं में शिक्षा को हर स्तर पर बढ़ाने हेतु प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि बाल विकास पुष्टाहार विभाग द्वारा बालिकाओं, धात्री महिलाओं व छोटे बच्चों के विकास हेतु उनके स्वास्थ्य व पोषण आदि पर योजनायें चलायी जा रही हैं ताकि महिलाओं का विकास सुचारू रूप से हो सके। उन्होंने कहा कि स्वस्थ्य महिलायें समाज का निर्माण व अपनी देख-रेख अच्छी तरह से कर सकती हंै।
श्री चैधरी ने कहा कि महिलाओं को अधिक साक्षर बनाने के लिए केन्द्र े व राज्य दोनो को ही ग्रामीण स्कूलों के नवीनीकरण पर जोर देना होगा। गांव में ‘टाट-पट्टी’ हटाकर मेज कुर्सी की भी व्यवस्था हो ताकि गांव का हर बच्चा स्कूल जाने में रूचि लंे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किताब, ड्रेस, टाई आदि निःशुल्क दी जा रही है।
इस अवसर पर उपस्थित केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा तीरथ ने परिचर्चा में हिस्सा लेते हुए सबकी मांगों को सुना और कहा कि केन्द्र सरकार महिलाओं की साक्षरता के लिए कई योजनायें चला कर देश को आगे बढ़ाने पर जोर दे रही हैं। साक्षर बनने से महिलाओं के जीवन में सुधार आया है। उन्होंने कहा कि 33 प्रतिशत महिलायें भारत में अशिक्षित रह गयी हैं उन्हें भी साक्षर बनना हम सब की प्राथमिकता है। महिला चैका, बर्तन, घर-संसार में इस तरह से उलझी रहती है कि वह अपने स्वास्थ्य आदि का ध्यान कम रख पाती हैं। अगर महिला साक्षर होगी तो प्रगति निश्चित है।
इस अवसर पर 25 राज्यों के प्रतिनिधि, स्वयंसेवक व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 September 2012 by admin
स्कूली षिक्षा तथा साक्षरता विभाग, मानव संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा तैयार किया गया तीन दिवसीय ‘‘साक्षर भारत महोत्सव‘ साक्षरता के ऊॅंचे लहराते परचम के साथ आज सम्पन्न हुआ। आज के दिन का मुख्य आकर्शण अनूठा तथा संवादपूर्ण गेम षो - ‘षिक्षा का सूरज‘ रहा। यह गेम षो सिद्धार्थ बासु की टीम द्वारा तैयार किया गया था और इसे होस्ट किया, आकर्शक मिनि माथुर और दिलचस्प रोषन अब्बास ने। इस गेम षो में 6 विभिन्न राज्यों - मध्य प्रदेष, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेष, उत्तराखंड तथा हरियाणा - के नये-नये साक्षर हुये लोगों, जिनमें अधिकांष महिलायें थीं, ने हिस्सा लिया। इस गेम षो के कई राउंड थे - जैसे कोई षब्द खोजना, असंगत षब्द बताना, नये षब्द बनाना, आवाज़ की पहचान करना इत्यादि - जिनके तहत इन नव-साक्षर लोगों के साक्षरता स्तर को परखा गया।
हरियाणा की टीम - प्रतियोगियों के नाम, कविता तथा सोना - इस गेम षो की विजेता रही और इन दोनों ही प्रतियोगियों को एक-एक एलजी एलसीडी टेलीविज़न इनाम में दिया गया। उत्तराखंड की टीम - प्रतियोगियों के नाम, भावना, पुश्पा तथा कमला - दूसरे स्थान पर रही और इस टीम के प्रत्येक प्रतियोगी को एक-एक मोबाइल फोन इनाम के तौर पर दिया गया। मध्य प्रदेष की टीम - प्रतियोगियों के नाम, माया, कुमेष तथा पूनम - गेम षो में तीसरे स्थान पर रही और इसके प्रत्येक प्रतियोगी को एक-एक घड़ी इनाम स्वरूप भेंट की गई।
गेम षो के बाद, लोकप्रिय दूरदर्षन षो - चर्चा का आयोजन किया गया, जिसका विशय था, महिला साक्षरता, मातृत्व तथा सषक्तिकरण। इसकी एंकर थीं, सबकी पसंदीदा एंकर सुश्री नीलम षर्मा। इस चर्चा में श्रीमती कृश्णा तीरथ, महिला एवं बाल विकास मंत्री, डाॅ0 डी0 पूरनदेष्वरी, मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री, भारत सरकार, सुश्री छवि राजावत, सरपंच, ग्राम पंचायत, सोडा, जिला टोंक, राजस्थान, श्री राम गोविंद चैधरी, माननीय मौलिक षिक्षा तथा बाल विकास एवं पोशण मंत्री और प्रो0 नसरीन, टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान ने हिस्सा लिया।
महिलाओं को साक्षर तथा षिक्षित करना न केवल उन्हें समाज में समान दर्जा दिलाने तथा सषक्त बनाने के लिये आवष्यक है, बल्कि देष के विकास के लिये भी ज़रूरी है। महिलाओं के षिक्षित होने से परिवार में स्वच्छता तथा पोशण पर बेहतर ध्यान दिया जाता है और समय पर चिकित्सीय सहायता प्राप्त कर, परिवार के स्वास्थ्य की देखभाल भी अधिक प्रभावपूर्ण ढंग से की जाती है। षिक्षा महिलाओं को, परिवार के स्वास्थ्य की दृश्टि से, बेहतर माॅं बनने में सहायता प्रदान करती है। इससे न केवल महिलाओं की स्वयं की स्वास्थ्य स्थिति बेहतर रहती है, बल्कि उनकी मातृत्व योग्यता भी सुधरती है, जिससे षिषु मृत्यु दर कम होती है। साक्षर भारत अभियान का संदेष - साक्षरता, षिक्षा तथा सषक्तिकरण - इन तीन दिवसीय महोत्सव का मुख्य बिंदु रहा।
साक्षर भारत की परिकल्पना युवाओं के सषक्तिकरण के लिये एक मिषन के रूप में की गई है, जिसका केंद्र महिलायें हैं। साक्षरता कार्यक्रम को पुनः डिज़ाइन किया गया है और अब इसके तहत चार प्रमुख कार्यक्रम आते हैं - मौलिक षिक्षा/ समकक्षता / व्यवसायिक अध्ययन तथा सतत् षिक्षा कार्यक्रम है
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 September 2012 by admin
जिला युवा कल्याण अधिकारी सीपी सिंह ने कहा कि शिक्षा व प्रशिक्षण को लेकर आज के युवाओं पर माता-पिता व शिक्षकों का काफी दबाव रहता है। यही कारण है कि इच्छुक टेªड में प्रवेश न मिलने के चलते कुंठित मन से शिक्षण व प्रशिक्षण करने वाले युवा वर्ग को रोजगार तलाशने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए युवा वर्ग को चाहिए कि वह अपनी पसंद की टेªड में प्रवेश लेने के लिए अभिभावकों को राजी करें और तनमयता के साथ प्रशिक्षण प्राप्त करें। क्योंकि निष्ठा व लग्न के साथ किये गये प्रयास से ही सफलता मिलती है। श्री सिंह रविवार को लघु उद्योग विभाग व केन्द्रीय वित्तीय संस्थाओं द्वारा संचालित उद्यमिता विकास संस्थान एवं सहयोग परिवार इंस्टीट्यूट आफ कम्प्यूटर एजूकेशन (स्पाइस) द्वारा आयोजित डिप्लोमा इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन पाठ्यक्रम के समापन पर प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरित करने के बाद प्रतिभागियों को सम्बोधित कर रहे थे।
उद्यमिता विकास संस्थान के नोडल अफसर विनोद शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित इस प्रशिक्षण वितरण समारोह में बोलते हुए श्री सिंह ने कहा कि इस वैज्ञानिक युग में कम्प्यूटर का महत्व काफी बढ़ गया। विदेशों में तो कम्प्यूटर की जानकारी न रखने वाले लोगों को निराक्षर की श्रेणी में माना जाता है। उन्होंने कहा कि आज के समय में कम्प्यूटर सभी व्यवसायों के लिए जरूरी बन गया है। इसलिए कम्प्यूटर प्रशिक्षण लेकर बेरोजगार युवक-युवतियां नौकरी के साथ ही कम पूंजी में अपना व्यापार शुरू कर सकते हैं। इस मौके पर बोलते हुए श्री शुक्ला ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षकों को चाहिए कि वह प्रतिभागियों को कम्प्यूटर आपरेट करने के साथ ही रोजगार से संबंधित जानकारियां दें जिससे प्रशिक्षण के बाद उन्हें रोजगार व स्वारोजगार स्थापित करने में कोई कठिनाई न हो। इस मौके पर सहयोग परिवार के निदेशक राज किशोर पासी व स्पाइस की प्रबंधक ज्योति भारती ने आये हुए अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 September 2012 by admin
’’लोहिया अस्पताल गोमती नगर के पीछे स्थित ज्योतिपुरम मलिन बस्ती में धरम भारती मिशन द्वारा नव सृजित विद्यालय अन्त्योदय निकेतन के गरीब बच्चों ने आज ’’विश्व साक्षरतादिवस’’को बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया . बच्चों के बीच तीन प्रतियोगिताएं आयोजित की गई जिसमें शामिल थीं . गुब्बारा फुलाना’ विश्व ’’साक्षरता’’ दिवस के बारें में और तीसरी एवं अंतिम प्रतियोगिता जीवन से जुड़े पांच सूत्र प्रार्थना सूत्र पढाई सूत्र, सफाई सूत्र, ’सेवा सूत्र और प्रेम सूत्र’की प्रतियोगिता में बच्चों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया’विजयी बच्चों को इण्डिया मीडिया ’’रिलेशंस’’ की प्रतिनिधि प्राची शुक्ला ने पुरूस्कार वितरण कर उनकी हौसला आफजाई की विजयी बच्चों में गुब्बारे फूलाने की प्रतियोगिता में सहाना ,सोनू , मंगेश और धीरज, विश्व’साक्षरता दिवस के बारें में करन और सोनू तथा तीसरी एवं अंतिम प्रतियोगिता में मोनू , ममता, करन और सोनू विजयी घोषित हुए इस अवसर पर उप कृषि निदेशक डॉ एस. के. सिंह की पत्नी श्रीमति अनीता सिंह ने अपना जन्मदिन मलिन बस्ती के बच्चों के बीच में बनाया धर्म भारती मिशन के कोषाध्यक्ष श्री प्रमिल द्विवेदी ने अपने संबोधन में कहा कि ८ सितम्बर अंतर्राष्ट्रीय ’’साक्षरता’’ दिवस के रूप में मनाया जाता है आज भी हमारे देश में हर १०० में से तकरीबन२६ लोग निरक्षर हैं अफसोस है कि पूरे विश्व में हिंदुस्तान कि ही सबसे बड़ी आबादी निरक्षरों की है.यूं तो साक्षरता दिवस के लिए मात्र एक दिन देकर हम अपनी जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ सकते लेकिन इस एक दिन फैलाई गई जागरुकता की लहर आने वाले सालों में साक्षरता के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव ला सकती है.’धर्म भारती ’मिशन के डॉ एस. के. सिंह ने बताया ’’इस साल विश्व साक्षरता दिवस का थीम है साक्षरता और शांति.” साक्षरता विश्व में शांति फैलाने में अहम भूमिका निभा सकता है. जब लोग साक्षर होंगे तो उनके पास रोजगार होंगे, रोजगार का अर्थ है आमदनी और खुशहाली. अगर खुशहाली होगी तो लोग आपस में लड़ेंगे नहीं. यूनेस्को ने इसी सोच के साथ “साक्षरता और शांति” को इस साल की थीम रखा है
’उम्मीद करते हैं जब अगले साल हम साक्षरता दिवस मनाएं तब कोई छोटू, मोनू या अन्य बच्चा शिक्षा से वंचित ना हो और समाज का एक बड़ा हिस्सा साक्षर कहलाए इस अवसर पर प्रमिल द्विवेदी , डॉ एस. के. सिंह श्रीमति अनीता सिंह, छाया’, हिमांशू, प्राची शुक्ला आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे
Posted on 08 September 2012 by admin
भारत के दूसरे सबसे बड़े निजी बैंक, एचडीएफसी बैंक को फोर्ब्स एशिया की प्रतिष्ठित ‘फैब 50’ सूची में जगह दी गयी है। इस साल एचडीएफसी बैंक ने इस अभिजात्य सूची में वापसी की है और यह फोर्ब्स एशिया की फैब 50 के 2012 संस्करण में शामिल 11 भारतीय कंपनियों में से एक है। एचडीएफसी बैंक को एशिया की सबसे दमदार कंपनियों की इस सूची में लगातार पाँच वर्षों (2005 से 2010) तक जगह दी गयी थी। इस सूची में भारत का स्थान चीन के बाद दूसरा है। चीन की 23 कंपनियों का नाम शीर्ष 50 कंपनियों की इस सूची में आया है। पिछले साल भारत की केवल 7 कंपनियाँ इस सर्वेक्षण में आ सकी थीं। फोर्ब्स एशिया की फैब 50 में कुल 50 कंपनियों में केवल 2 ही बैंक हैं। दिलचस्प बात यह है कि दोनों ही बैंक भारत से हैं दृ एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक। इस साल ‘फैब 50’ की सूची उन कंपनियों के दमखम का प्रमाण है जो आर्थिक धीमेपन का सामना करके एशिया, अमेरिका और यूरोप में बढ़ोतरी जारी रख पा रही हैं। फोर्ब्स पत्रिका ने इन शीर्ष 50 कंपनियों के बारे में लिखा है, “एक धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था केवल अच्छी चल रही कंपनियों को वास्तव में महान कंपनियों से अलग करके दिखा देती है।” भारत से एचसीएल टेक्नोलॉजीज और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने भी इस सूची में वापस अपनी जगह बनायी है। इस साल भारतीय दवा कंपनी सन फार्मास्युटिकल्स ने इस सूची में पहली बार जगह पायी है। साल 2012 की फैब 50 सूची में शामिल अन्य भारतीय कंपनियाँ हैं दृ एशियन पेंट्स, बजाज ऑटो, भारती एयरटेल, आईटीसी, टाटा मोटर्स और टाइटन इंडस्ट्रीज। ये शीर्ष 50 कंपनियाँ उन 1295 कंपनियों की सूची में शीर्ष पर रही हैं, जिनकी कम-से-कम 3 अरब डॉलर की सालाना आमदनी या बाजार पूँजी (मार्केट कैप) है। आमदनी, मुनाफा, पूँजी पर लाभ (आरओसी), शेयर भाव की चाल और भविष्य के अनुमानों का मूल्यांकन करके फोर्ब्स एशिया की फैब 50 सूची को अंतिम रूप दिया जाता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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