Archive | October, 2009

पेड़ सहेजने वाले राज्यों को ग्रीन बोनस

Posted on 31 October 2009 by admin

शिमला -भारत के वे सब पहाड़ी राज्य जो वन संरक्षण करने के कारण विकास की सीढि़यां नहीं चढ़ पा रहे, उन्हें केंद्र सरकार जल्द ही ‘ग्रीन बोनस’ देने जा रही है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने पर्यावरण संरक्षण के लिए अहम वनों के बदले कुछ राहत राशि देने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय व योजना आयोग से बातचीत कर ली है। देश में वास्तविक वन संपदा कितनी है, इस पर भी हर राज्य का दोबारा क्षेत्रवार सर्वे हुआ है जिसकी रिपोर्ट जल्द ही नए खुलासे करेगी। केंद्र सरकार ने 4 हजार मीटर से ऊपर उन क्षेत्रों का दोबारा जो आकलन किया है। उनमें पहाड़ी राज्यों के वन क्षेत्र प्रतिशत में काफी बढ़ोतरी होगी। यह इसलिए किया है क्योंकि इस ऊंचाई पर वन संपदा होती ही नहीं है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने शिमला में पर्यावरण संरक्षण व ग्लेशियरों का संवर्धन विषय पर पहाड़ी राज्यों द्वारा किए गए मंथन के बाद दी।

मंथन के निष्कर्ष व समस्या के समाधान को लेकर एक 12 सूत्रीय शिमला घोषणा पत्र भी जारी किया गया। रमेश ने यह भी घोषणा की कि ग्लेशियरों की वास्तविक स्थिति क्या है, कितने पिघल रहे हैं और इनकी रफ्तार क्या है, इसका आकलन करने के लिए देहरादून में राष्ट्रीय स्तर का संस्थान स्थापित किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार 4 हजार मीटर से ऊपर के बर्फ से ढके क्षेत्रों को वन भूमि की परिभाषा से पृथक करने पर भी विचार कर रही है, जिससे देश के सभी 12 हिमालयी राज्यों की लगभग 6 करोड़ की जनसंख्या तथा देश का 15 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र लाभान्वित होगा।

रमेश ने कहा अब चुनौती विकास और पर्यावरण में संतुलन बिठाने की है। कौन-कौन से प्रोजेक्ट लगने चाहिए और किस सीमा तक लगें, यह तय करना होगा। उन्होंने ऐलान किया कि जिस नदी में जो पावर प्रोजेक्ट स्थापित किया जाएगा, उसकी पर्यावरण रिपोर्ट संबंधित प्रोजेक्ट एरिया तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि उस नदी पर पड़ने वाले प्रभाव का इसमें विस्तृत जिक्र होगा।

उन्होंने कहा कि अब राज्यों में किसी भी तरह के हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट को यूं ही अनुमति नहीं मिलेगी बल्कि पर्यावरण खतरों के हर पहलू पर गौर के बाद ही केंद्र हरी झंडी देगा। उन्होंने कहा कि इसी आधार कई प्रोजेक्ट मंजूर नहीं किए गए और गुजरात में कई बंदरगाहों की अनुमति नहीं दी।

उन्होंने कहा कि राज्यों ने अपने स्तर पर पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण बनाया है, जो पर्यावरण मंजूरी देता है, इस पर भी चैक रखने के लिए मंत्रालय में अलग से ‘नेशनल एनवायरनमेंट प्रोटेक्टेशन अथारिटी’ बनाने का निर्णय लिया है।

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Girl escapes human traffickers, reunites with family

Posted on 31 October 2009 by admin

Varanasi - Gudia alias Moni, a 14-year-old tribal girl who managed to escape from the clutches of a couple trying to sell her, was handed over to
her Sonebhadra-based parents by NGO Guria on Thursday. However, the police have denied having any knowledge of the incident.

According to Ajit Singh, the member of central advisory committee on combating human trafficking and child prostitution and Guria, a couple had gone to Singrauli from Pandeypur a few weeks back. They contacted Binu Panika and his wife Hema to send their daughter Moni with them as they had arranged for a job for her.

However, they brought the girl and allegedly forced her to learn dance and also showed her obscene films. He said four days back, the girl heard the telephonic conversation about a deal to sell her to some person. Hearing it, she managed to flee from the house at wee hours. A family of Sarsauli locality provided shelter to the girl. After failing to trace her parents, the family handed over the girl to Guria.

The Guria volunteers reached the place of Binu Panika in Singrauli on Wednesday night and returned with him on Thursday. They took the girl to police office to lodge an FIR against the couple. Singh said despite repeated efforts, the Cantt police refused to lodge a case of human trafficking in the matter. Finally, the organisation handed over the girl to her parents without lodging any complaint. When the inspector Cantt was contacted, he refused to have any knowledge of recovery of any girl.

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Books for school dropouts

Posted on 31 October 2009 by admin

Calcutta -Mumtaz Khatoon had to drop out of school three years ago because of financial problems when she was in Class VIII. But now, the hawker’s daughter is back to her books, thanks to Snegam.

She is one of 350 children under Snegam Social Welfare and Resource Society, a five-year-old NGO that provides education to underprivileged children from five to 14 years of age. “We want to reduce the number of school dropouts. To ensure that the child does not drop out again, student volunteers from our college counsel both the parents and the kids,” said Felix Raj, the principal of St Xavier’s College and founder-president of Snegam.

The NGO celebrated its Founder’s Day at St Xavier’s Primary School in August.

Snegam has two centres in Tamil Nadu and five in West Bengal. Three of them are located in South 24-Parganas and two at Kidderpore and Entally. Classes are held four hours a day, five days a week.

The NGO also takes in students who have never been to school. Many are also sent to mainstream schools and trained in co-curricular activities like drawing, drama and dance.

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संभव 2009 के तहत होंगे सेमिनार

Posted on 31 October 2009 by admin

नई दिल्ली -शारीरिक व मानसिक चुनौतियां झेल रहे बच्चों व उन के लिए काम कर रही संस्थाओं व लोगों के लिए नवंबर 2009 की 14 व 15 तारीखें खास हैं। सालों से ऐसे लोगों के बीच काम कर रही संस्था ‘‘अल्पना‘‘ ‘एसोसिएशन फार लर्निंग परफार्मिंग आटर्स एंड नारमेटिव एक्शन‘ ने ‘संभव 2009‘ के तहत 14 व 15 नवंबर को पूरे दिन अंतरराष्ट्रीय सेमिनार व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए हैं।

सेमिनार व सांस्कृतिक कार्यक्रम निम्नवत् होंगे , 14 व 15 नवंबर २009

स्थान- मेन आडिटोरियम, इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, मैक्स मुलर मार्ग, नई दिल्ली-3
समय प्रात- 9.30 से प्रतिदिन
मुख्य अतिथि- जयराम रमेश (केंद्रिय राज्य मंत्री, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, भारत सरकार)
प्रतिभागी देश-भारत, अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, कम्बोडिया, मलेशिया, थाईलैंड, मोरिशस, नाइजीरिया।

अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक संध्या 14 नवंबर

स्थान- फिक्की आडिटोरियम, तानसेन मार्ग, नई दिल्ली - 2
समय- सांय 6.00 बजे से।
प्रतिभागी देश- भारत ( अल्पना- नार्थ इंडियन ग्रुप, नार्थ ईस्ट इंडिया ग्रुप, ईस्ट इंडिया ग्रुप), अफगानिस्तान, म्यांमार, नेपाल, थाइलैंड, बांग्लादेश।
मुख्य अतिथिः  मुकुल वासनिक, केंद्रिय मंत्री, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता।

अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक संध्या 15 नवंबर
स्थान- स्टेन आडिटोरियम, हैबिटेट सेंटर, लोदी एस्टेट्स, नई दिल्ली-3
समय- सांय 6.00 बजे से
प्रतिभागी देश- भारत (अल्पना- नार्थ इंडिया ग्रुप, वेस्ट इंडिया ग्रुप, साउथ इंडिया ग्रुप), नाइजीरिया, मारिशस, भूटान, श्रीलंका, मलेशिया।

मुख्य अतिथि- गुरशरण कौर (प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह की धर्मपत्नी, चर्चित समाजसेवी।)
विशिष्ट अतिथि -श्रीमती निरूपमा राव (विदेश सचिव, भारत सरकार)
अध्यक्षता -शेवांग फुनसांग (चैयरमैन, पब्लिक इंटरप्राइजेज सलेक्शन बोर्ड.)

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असहाय जोड़े अपनी शादी का लुत्फ ले सकेंगे

Posted on 30 October 2009 by admin

फरीदाबाद-महाराजा अग्रसेन विवाह समिति के 1 नवंबर को आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में शामिल 60 असहाय जोड़े भी अपनी शादी का पूरा लुत्फ ले सकेंगे। समिति अपने नौ साल के सामूहिक विवाह कार्यक्रम के इतिहास में पहली बार इस तरह का आयोजन करने जा रही है।

आमतौर पर सामूहिक विवाह समारोहों में ऐसा देखने को नहीं मिलता। शादी के इस मौके पर शहर में 60 दुल्हों की एक साथ बारात निकलेगी। इसमें करीब 20 हजार लोगों के शिरकत करने की उम्मीद है। महाराजा अग्रसेन विवाह समिति पिछले आठ वर्षों में 375 जोड़ों का विवाह करा चुकी है। इस बार इस आंकड़े में 60 और जुड़ जाएंगे। अब तक संस्था ऐसे विवाह रूढ़ प्रथाओं से दूर रहकर आयोजित कराती रही है। पहली बार दुल्हों की सामूहिक बारात निकाली जाएगी। बारात दोपहर 3 बजे ओल्ड फरीदाबाद की नई अग्रवाल धर्मशाला से निकलेगी और मेन बाजार ओल्ड फरीदाबाद होते हुए सेक्टर 16-ए नेहरु कॉलेज के करीब के दशहरा ग्राउंड पहुंचेगी। यहां शादी संपन्न कराने को 60 बेदियां पंडित व पूर्ण विवाह सामग्री के साथ मौजूद रहेंगे।

विवाह उत्सव में आने वालों के मनोरंजन के लिए इस मौके पर खास कव्वाली प्रतियोगिता व धार्मिक झांकियों का आयोजन किया जाएगा।  समिति प्रधान ब्रह्म प्रकाश गोयल ने बताया कि समिति यह कार्य निःस्वार्थ समाजसेवा के भाव से करती आ रही है। जरूरतमंदों तक आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए बीच की कड़ियां भी काम करती हैं।

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सुधार के लिए होगा संविधान संशोधन

Posted on 30 October 2009 by admin

नई दिल्ली- सहकारी समितियों की गड़बड़ियों को दूर करने की तमाम सरकारी कोशिशें अब तक विफल रही हैं। इससे सबक लेते हुए अब सरकार इन समितियों का स्वतंत्र व लोकतांत्रिक संचालन सुनिश्चित करने के लिए संविधान में संशोधन करेगी। इसके लिए संविधान [110वां संशोधन] विधेयक, 2009 संसद के अगले सत्र में पेश किया जाएगा। सरकार के इस फैसले से सहकारी समितियों और राजनीतिज्ञों के साथ इनकी साठगांठ पर भी रोक लग सकेगी। गुरुवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया।

गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने बताया कि संविधान संशोधन के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सहकारी समितियां भी पंचायती राज या नगर निगमों की तरह काम करें। राज्य स्वैच्छिक स्तर पर बनाई जाने वाली सहकारी समितियों को प्रोत्साहित करें, उन्हें स्वतंत्र तरीके से काम करने में सहूलियत प्रदान करें। इससे सहकारी समितियों के प्रबंधन को पेशेवर बनाने में भी मदद मिलेगी। अब सहकारी समितियों में समय पर चुनाव करवाना अनिवार्य कर दिया जाएगा। इस चुनाव की निगरानी एक स्वतंत्र प्राधिकरण के जरिए की जाएगी। यह काम राज्य चुनाव आयोग या किसी अन्य स्वतंत्र निकाय से करवाया जा सकता है। समितियों के शीर्ष पदों पर 5 वर्षो के लिए ही नियुक्तियां हो सकेंगी। अगर किसी समिति के बोर्ड को भंग कर नया बोर्ड गठित किया जाता है तो उसका कार्यकाल छह महीने से ज्यादा नहीं हो सकेगा। इसका मतलब यह हुआ कि छह महीने में नए बोर्ड का गठन स्वतंत्र तरीके से करना होगा।

यह संविधान संशोधन विधेयक सहकारी समितियों की तमाम गड़बड़ियों को एक साथ दूर कर देगा। अभी तक बाहरी या स्वतंत्र आडिट से बचने वाली इन समितियों को अब नियमित तौर पर अपने बही-खाते की जांच-पड़ताल करवानी होगी। इसके लिए राज्य सरकारों के पैनल के आडिटर का इस्तेमाल किया जा सकता है। वित्त वर्ष की समाप्ति के छह महीने के भीतर हर सहकारी समिति की सालाना आम बैठक करना सुनिश्चित कर दिया जाएगा। समितियों के लिए वित्त वर्ष समाप्ति के छह महीने में रिटर्न भरना भी अनिवार्य कर दिया गया है। यही नहीं, समिति के हर सदस्य को यह अधिकार दिया जाएगा कि वह समिति की खाता-बही के बारे में सूचना ले या समिति से संबंधित किसी अन्य सूचना के बारे में जानकारी हासिल कर ले।

सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि समिति का आकार चाहे जितना ही बड़ा हो, उसमें निदेशकों की संख्या 21 से ज्यादा नहीं हो। सहकारी समितियों में बाहरी सदस्यों को भी बोर्ड में शामिल करने की परिपाटी खत्म हो जाएगी।

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समितियों पर अंकुश लगाने के प्रबंध किए

Posted on 30 October 2009 by admin

भोपाल(मध्य प्रदेश)- सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार के लिए लीड समितियों पर अंकुश लगाने के प्रबंध किए गए हैं। अब सरकार की इजाजत के बिना लीड संस्था का न जन्म होगा और न ही चयन या आवंटन। खाद्य वितरण एवं नियंत्रण आदेश 2009 में इन सोसायटियों से संबंधित सख्त प्रावधान किए गए हैं।

नई लीड सोसायटी का लायसेंस तयशुदा मानदण्डों के तहत जिला कलेक्टर जारी करेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में लीड सोसायटी के बतौर काम करने के लिए अब सिर्फ विपणन सहकारी समितिया या प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितिया ही नियुक्त की जाएंगी। खाद्य वितरण एवं नियंत्रण आदेश में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक विकासखण्ड में एक लीड सोसायटी की ही नियुक्ति की व्यवस्था की गई है। शहरी इलाकों में लीड संस्थाओं की तादाद अब वहा आवश्यक वस्तुओं की आवंटित मात्रा पर निर्भर करेगी। शहरी क्षेत्रों में लीड सोसायटी का काम सिर्फ थोक उपभोक्ता भंडार, राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ और ऐसी विपणन सहकारी समितिया जो मार्कफेड की सदस्य हैं, केवल उन्हें उनके कार्यक्षेत्र के भीतर दिया जाएगा। नए आदेश में साफ कर दिया गया है कि हर 15 से 20 हजार क्विंटल तक के पूरे खाद्यान्न के परिवहन के लिए सिर्फ एक लीड सोसायटी ही कायम की जाएगी। इन आधारों पर जिला कलेक्टर अपने क्षेत्रों में लीड सोसायटी की तादाद, इनका संचालन क्षेत्र और स्थान तय करेंगे।

नए आदेश के तहत चिन्हाकित की जाने वाली लीड संस्था को छह महीने के भीतर कम्प्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक डाटाबेस का प्रबंधन अपने यहा करना होगा। वर्तमान में चल रही लीड सोसायटियों को भी काम जारी रखने की इजाजत भी सूचना प्रौद्योगिकी सेवा और इलेक्ट्रॉनिक डाटाबेस प्रबंधन की शर्त पर मिलेगी। छह महीनों का वक्त इसके लिए मुकर्रर किया गया है।

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भजनों के माध्यम से सामाजिक बुराइयां मिटाने की पहल

Posted on 30 October 2009 by admin

चित्रकूट(मध्य प्रदेश)- पारंपरिक लोक कलाओं और भजन से ही भारतीय संस्कृति को बचाया जा सकता है। पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रभाव का दुष्परिणाम गांव-गांव में बताकर जागरूकता फैलाने के लिए भजन मंडली कार्यशाला प्रारंभ की गयी।

दीनदयाल शोध संस्थान के उद्यमिता विद्यापीठ में विवाद रहित व खुशहाल ग्राम की कल्पना को साकार रूप देने के लिए तीन दिवसीय भजन मंडली कार्यशाला का आयोजन शुरू हुआ। कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए मप्र के कृषि व पशुपालन मंत्री डा. राम कृष्ण कुसमारिया ने कहा कि भजन के माध्यम से समाज में व्याप्त बुराइयों को मिटाने व विवाद रहित गांव की कल्पना के लिए भजनोत्सव का आयोजन करना अभिनव प्रयास है। दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव डा. भरत पाठक ने कहा कि पुरानी कला व सभ्यता का सदैव एक दूसरे से संबंध रहा है। पाश्चात्य संस्कृति को अपनाने वाले उसमें अपना भविष्य तलाशते हैं, जबकि ग्रामीण परिवेश में आज भी भारतीय सभ्यता की झलक देखने को मिलती है। इसी को बनाये रखने में सबका कल्याण है। नये प्रयोग व नये विचारों के साथ ही सबको भारतीय परंपरा की जड़ को मजबूत रखने का काम करना पड़ेगा। संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने कहा कि दीनदयाल शोध संस्थान कला के माध्यम से ग्रामीण विविधता व एकता का संगम करा रहा है। इसके पूर्व सैकड़ों क्षेत्रीय ग्रामीणों की मंडलियों ने कलश लेकर शोभायात्रा निकाली।

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डॉक्टर पर नाबालिग नौकरानी को यातना देने का मामला दर्ज

Posted on 29 October 2009 by admin

लखनऊ (उत्तर प्रदेश)-  नाबालिग नौकरानी को यातनाएं देने के आरोप में डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

पुलिस सूत्रो के अनुसार, संजय गांधी पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में कार्यरत डॉक्टर अरुणा भारती के खिलाफ अपनी नाबालिग नौकरानी की हत्या की कोशिश, धमकी देने, चोट पहुंचाने, गलत तरीके से रोककर रखने आदि के आरोप में विभिन्न धाराओं के तहत मोहनलालगंज थाने में केस दर्ज किया गया। डॉक्टर भारती के खिलाफ बंधुआ मजदूर कानून और बाल श्रम कानून के तहत भी केस दर्ज किया गया। नाबालिग रेणू को बलरामपुर अस्पताल में स्वास्थ्य परीक्षण के लिए ले जाया गया जहां उसके शरीर पर चोट के निशानों की पुष्टि हुई। इसके बाद उसे बाल गृह भेज दिया गया। चाइल्ड वेलफेयर कमिटी ने पुलिस से डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज करने को कहा था। पुलिस ने डॉक्टर के निवास पर छापा मारा लेकिन वह वहां नहीं मिली

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बच्चों की पहली पाठशाला व आधार शिला मां होती है

Posted on 29 October 2009 by admin

चित्रकूट (मध्य प्रदेश)-  दीनदयाल शोध संस्थान के प्रकल्प सुरेन्द्रपाल ग्रामोदय विद्यालय के नन्हीं दुनिया में आयोजित मातृ सम्मेलन में उद्यमिता विद्यापीठ की निदेशक डा. नंदिता पाठक ने कहा कि बच्चों की पहली पाठशाला व आधार शिला मां ही होती है।

डा. पाठक ने कहा कि प्रत्येक मां को अपने परिवार को संबल प्रदान करना चाहिये। आधुनिक परिवेश में मां के दायित्व ज्यादा बढ़ गये है। मां पढ़ने वाले बच्चों को घर में ऐसा वातावरण व संस्कार दे कि बच्चे संस्कारवान नागरिक बनकर राष्ट्र की सेवा कर सकें। भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष रंजना उपाध्याय ने कहा कि बालक-बालिकाओं के समग्र विकास में परिवार, समाज व विद्यालय की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। ग्रामोदय विश्वविद्यालय की प्रवक्ता डा. नीलम चौरे ने कहा कि ऐसे सम्मेलनों से माताओं को स्वदायित्व का बोध होगा। प्रधानाचार्य मदन तिवारी व शिक्षिका पुष्पा जोशी ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुये विद्यालय की उपलब्धियां गिनाई। प्रतिनिधियों व बच्चों ने इस मौके पर नन्हीं दुनिया के सुंदर दृश्यों का अवलोकन किया।

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""काम की गारंटी है" हर गाव की गारंटी है"
                                         हर महिला पुरुष को दाम की गारंटी है""
महात्मा गाँधी राष्टीय गामीणरोजगार अधिनियम

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