Posted on 30 June 2010 by admin
लखनऊ - प्रदेश में भूगर्भ जल संरक्षण हेतु विधेयक के प्रारूप को प्रकाशित कर प्रबुद्ध नागरिकों समाजसेवियों एवं जन सामान्य से 5 जुलाई 2010 तक सुझाव मांगे गये थे। इस सम्बंध में अब तक 30 सुझाव प्राप्त हुए हैं जिन्हें वैज्ञानिकों, प्रेस प्रतिनिधियों, समाजसेवियों, स्वैच्छिक संगठनों तथा जनसामान्य ने भेजा है। यह जानकारी विशेष सचिव एवं निदेशक डॉ0 एस0के0पाण्डेय ने दी है। उन्होंने बताया कि सुझाव भेजने की अवधि को दो सप्ताह और आगे बढ़ाया जा रहा है।
डॉ0 पाण्डेय ने बताया कि ई-मेल के अलावा लोगों ने लिफाफे एवं पोस्टकार्ड पर भी अपने सुझाव दिये हैं। उन्होंने बताया कि विभागीय वेबसाइट http://gwd.up.nic.in पर विधेयक का प्रारूप अंग्रेजी तथा हिन्दी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है। उन्होंने जनसामान्य से अपील की है कि वह अपने सुझाव ई-मेल [email protected] rediffmail.com
या डाक द्वारा निदेशक भूगर्भजल नवम्तल इिन्दरा भवन, लखनऊ के पते पर भेंजे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 29 June 2010 by admin
लखनऊ - उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय एवं कार्यमन्त्री श्री लालजी वर्मा ने रजिस्ट्रार एवं अन्य विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि चिट्स एवं फम्र्स सोसायटी का रजिस्ट्रेशन प्रबंध समिति एवं साधारण सभा का अधिनियम की धारा-04 के अनुसार किया जाय। इसमें संस्था के सदस्यों की वैधता का निर्धारण होगा एवं विवाद पर रोक लगेगी। सोसायटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1860 बी धारा-12 डी के अन्तर्गत निष्क्रिय समितियों को नोटिस देकर उनका पंजीकरण निरस्त करने की कार्यवाही की जाय। समितियों के पंजीकरण एवं नवीनीकरण में प्रदेश मुख्यालय एवं मण्डलीय मुख्यालय के कार्यालयों को पूर्णत: कम्प्यूटरीकृत किया जाय। इसके लिए शासन को प्रस्ताव शीघ्रता से सम्बंधित अधिकरी को उपलब्ध कराये। उन्होंने कहा कि विभाग में स्थायीकरण एवं पदोन्नति सम्बंधी मामलों में कार्मिंक विभाग से परामर्श लेकर त्वरित कार्यवाही की जाय।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 24 June 2010 by admin
साउथ अफ्रीका की डॉक्टर सॉनेट एहलर्स ने ऐसा फीमेल कॉन्डोम डेवलप किया है जिसके इस्तेमाल से बलात्कार जैसे घिनौने अपराधों पर रोक लग सकती है। बलात्कार की कोशिश करने वाले पुरुष को अपनी इस हरकत की सजा मिलेगी। बलात्कार की कोशिश करने के बाद उसे दिन में तारे नज़र आने लगेंगे और उसके गुप्तांग में बेहद तेज दर्द होगा। पुरूष को ज़माने भर की जग-हसांई मिलेगी सो अलग से।
‘रेप एक्स’ (यानि बलात्कार पर कुल्हाड़ी) नाम के इस कॉन्डम की खासियत यह है कि इसमें कांटों की एक कतार जैसी लगी होती है। अगर कोई पुरुष बलात्कार करने की करता है और महिला की योनि में अपना गुप्तांग प्रविष्ट करवाता है तो इस अनोखे कॉन्डोम पर लगे दांतों जैसे कांटे उसके पेनिस को जकड़ लेते हैं। पुरूष अपने पेनिस को निकालने की जितनी ज्यादा कोशिश करेगा, इन कांटों की पेनिस पर पकड़ और भी ज्यादा गहरी होती जाएगी। बलात्कारी पुरूष ना तो टॉयलेट जा सकेगा और न ही चल-फिर पाएगा।
ये चमत्कारी कॉन्डोम ‘रेप एक्स’ सिर्फ डॉक्टर की मदद से ही निकलवाया जा सकेगा। डॉक्टर एहलर्स ने बताया कि चूंकि ये कांटे घाव नहीं बनाते इसलिए पीड़ित महिला को हमलावर के शरीर से निकलने वाले किसी भी प्रकार के द्रव के संपर्क में आने का खतरा नहीं रहता है।
इस कॉन्डम को 20 बरसों के रिसर्च के बाद बनाया गया है। फिलहाल ये ट्रायल पीरियड में है लेकिन जल्द ही यह लगभग 100 रुपये में मिलने लगेगा। यह उन महिलाओं के लिए फायदेमंद होगा जिन्हें जोखिम भरी जगहों पर जाना हो।
Posted on 21 June 2010 by admin
A three-member team of India Policy Foundation {IPF} met with Dr C Chandramouli, the Census Commissioner of India at his office in New Delhi. The team presented an intervention paper Census-2011 : Blinked Vision Fragmented Ideas to the commissioner . the team included Rakesh Sinha,Dr Rajveer Sharma and Uday Sinha.

The intervention paper prepared by the IPF primarily deals with the issue of caste enumeration and data collection for the preparation of National Population Register (NPR) along with census exercise . The Census Commissioner Mr. Chandramouli appreciated the effort of the IPF and said the initiative taken by the civil society is worth appreciating.
Posted on 12 June 2010 by admin
समाज सेबी आयूशी श्रीवास्तव ने अधिकारियो पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार द्वारा बनाये गये जनता का अधिकार, अधिकारियो के लिये महत्वपूर्ण कार्य नही है शायद इसी लिये इन कानूनों पर कोई खास दिलचस्पी अधिकारियो को नही रहती क्यूं की भ्रश्टाचार में संलिप्तता साफ नज़र आ रही है यह जानकारी आयूशी ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मसिहुज्जमा सिद्दीकी से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी चाही है कि सर्व शिक्षा अभियान में कोआर्डिनेटर पद पर तैनाद जामवन्त मौर्या के बारे मे, जो उन्हे नही मिली।
इसी क्रम मे नगर पालिका सुल्तानपुर से कुछ महत्वपूर्ण जानकारी अधिशाशी अधिकारी के असेसमेन्ट रजिस्टर में विना किसी सूचना के नाम काटे जाने का कारण पूछा था, और मो0 रियाज अहमद के सन्दर्भ में अपने ही जनपद मे एक ही पद पर विगत कई वर्षो से किस नियम के अन्तर्गत जमे हुए है जिसका जबाब न देने पर समाज सेवी श्रीमती श्रीवास्तव ने अक्रोश व्यक्त किया कि अधिकारी भी भ्रश्टाचार में लिप्त है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 11 June 2010 by admin
लखनऊ कांफेडरेशन ऑफ इण्डियन इण्डस्ट्री (सीआईआई) ने एसोसिएशन ऑफ इण्डियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू) और शोध एवं विकास आधारित तकनीकी कंपनी माइण्डलॉजिक्स इंफोटेक के साथ मिलकर हाल ही में यूनिवर्सिटीज ऑफ इण्डिया का आयोजन किया। यह भारत में शिक्षा प्रणाली के सुधार के लिये एक ज्ञान सभा थी।
इस दो दिवसीय सभा में उद्योग विशेषज्ञों के समूह के साथ-साथ देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति और निदेशक उपस्थित हुए। इस सभा में विविध विषयों पर चर्चा की गई, जैसे क्या हमारे क्षेत्र में विदेशी कंपनियों के प्रवेश से सुधार होगा, उनके आगमन से किस प्रकार के परिवर्तन हो सकते हैं। क्या आरक्षण भारत में तेजी से फैलते शिक्षा क्षेत्र के लिये घातक होगा, क्या विश्वविद्यालयों की स्थापना के बजाए सरल व्यवसाय विकल्प को आर्थिक सहयोग दिया जाना चाहिये।
इस सभा में कुछ अनूठी पहलें की गईं। यूनिवर्सिटीज ऑफ इण्डिया ने प्रत्येक राज्य में तीन से चार पेशेवरों वाले खोजपरक केन्द्र स्थापित करने का प्रस्ताव दिया। ये राज्य के अग्रणी विश्वविद्यालयों में से एक में स्थित होंगे और राज्य में मौजूद उद्योगों तथा विश्वविद्यालयों के मध्य अभिकरण के तौर पर कार्य करेंगे। ये उद्योग की आवश्यकता के अनुरूप पाठ्यक्रम की रचना, शिक्षकों के आदान-प्रदान, संयुक्त एवं संक्षिप्त शोध, विश्वविद्यालयों में शोधकार्यों के व्यवसायीकरण, आदि के लिये कार्य करेंगे। बीईएसयू, शिबपुर और पश्चिम बंगाल में एक अग्रगामी योजना लागू की गई थी। इसका प्रस्ताव मानव संसाधन विकास मन्त्री को सुपुर्द किया गया है। इस सभा के परिणामों को एकत्रित करके सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
एआईसीटीई (एक्टिंग) के चेयरमैन डॉ. एस. एस. मन्था( सीआईआई कर्नाटक राज्य समिति के भूतपूर्व चेयरमैन एवं एन्कोर सॉटवेयर लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री विनय एल. देशपाण्डे( माइण्डलॉजिक्स इंफोटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुरेश एलैंगोवन( डॉ. विक्रम साराभाई डिस्टिंगुइश्ड प्रोफेसर इण्डियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (आईएसआरओ) के प्रोफेसर वाय. एस. राजन और सीआईआई कर्नाटक राज्य समिति के वाइस चेयरमैन एवं भोरूका पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री एस चन्द्रशेखर इस अवसर उपस्थित होने और संवाद परक चर्चा करने वाले अन्य प्रतििष्ठत व्यक्तियों में शामिल थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 10 June 2010 by admin
लखनऊ - राजकीय रेलवे पुलिस कर्मचारियों एवं उनके बच्चों को नि:शुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण देने के लिये इण्डिया वीजन फाउडेशन की किरनबेदी और वेदान्ता फाउन्डेशन संस्था के साथ मिलकर पुलिसकर्मियों व उनके बच्चों को दो माह का कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिलाएगी।
लखनऊ राज्य की रेलवे पुलिस लाईन में कम्प्यूटर प्रिशक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ एडीजी रेलवे ए.के. जैन ने किया। प्रोजेक्ट के तहत प्रत्येक पुलिस लाइन को पांच कम्प्यूटर स्टेशनरी और प्रशिक्षण किरन बेदी और संस्था की ओर से उपलब्ध कराये जाएंगे। प्रशिक्षण में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले को एक कम्प्यूटर मेधावियों को रोजगार दिलाया जाएगा। एसपी रेलवे डा. जीके गोस्वामी ने बताया कि जीआरपी के 77 अभ्यर्थियों को 10-10 के समूह मे प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें 45 पुलिकर्मी, उनके 32 बच्चे और बारह महिलाएं भी शामिल है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 09 June 2010 by admin
मध्यप्रदेश में सात सीमेंट कारखानों की भटि्टयां प्लास्टिक की थैलियों से चल रही हैं। प्लास्टिक थैलियों से निकलने वाली ऊष्मा कोयले से कहीं अधिक होती हैं इसलिए इन्हें जलाना कारखानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है। वहीं प्लास्टिक थैलियों को 1400 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर जलाए जाने से इनसे हानिकारक गैसों का उत्सर्जन भी नहीं होता। यह काम नगर निगम भोपाल और एक स्वयंसेवी संस्था के प्रयास से संभव हुआ है।
नगर निगम भोपाल ने सार्थक स्वयंसेवी संस्था के साथ खोजे गए इस विकल्प से जहां राजधानी को प्लास्टिक के कचरे से मुक्ति मिलेगी, वहीं पन्नी बीनने के काम मे लगे लोगों को वैकल्पिक रोजगार भी मिल रहा है। इतना ही नहीं पन्नी बीनने वालों के उत्थान के लिए “रेग पिकर्स” उत्थान परियोजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत 250 पन्नी बीनने वालों को सुरक्षा की दृष्टि से टोपी, एप्रेन, जूते, दस्ताने, उपचार किट, खुरपी आदि प्रदान की गई है। इस परियोजना का मकसद नगर को प्लास्टिक कचरे से मुक्त बनाना है। योजना के अंतर्गत सार्थक संस्था, पन्नी बीनने वालों के जरिए प्लास्टिक कचरा इकटठा करके निगम को उपलब्ध कराएगी। निगम इस कचरे को संप्रीदित कर कैमोर स्थित एसीसी, डायमंड सीमेंट दमोह, विक्रम सीमेंट नीमच, सतना सीमेंट सतना, मैहर सीमेंट , प्रिज्म सीमेंट तथा जेपी सीमेंट रीवा को उपलब्ध करा रहा है। जानकारी के मुताबिक सीमेंट कारखाने सार्थक संस्था को तीन रूपए किलो और सार्थक संस्था के पन्नी बीनने वालों को दो रूपये किलो की दर से राशि का भुगतान कर रही है। नगर निगम की महापौर कृष्णा गौर ने बताया कि पन्नी बीनने वालों की पर्यावरण सुरक्षा और स्वच्छता में महत्वपूर्ण भूमिका है। लिहाजा इनके आर्थिक उत्थान व पुनर्वास की बेहतर व्यवस्था की जाएगी। जो सीमेंट कारखाने प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल कर रहे है वह प्लास्टिक को 1400 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर भटि्टयों में जलाकर उससे ऊर्जा उत्पन्न कर रहे हैं। इस तापमान पर प्लास्टिक कचरा जलाने से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन नहीं होता।
1400 डिग्री सेल्सियस तापमान से पहले प्लास्टिक कचरा जलाना पर्यावरण के लिए खतरनाक माना जाता हैं। नगर निगम भेापाल अब तक 535 टन प्लास्टिक कचरा सीमेंट कारखानों को भेज चुका है। नगर निगम के आयुक्त मनीष सिंह ने बताया कि पन्नी बीनने वालों को घरों से कचना इकट्ठा करने के काम में भी लगाया जाएगा जिससे उन्हें अतिरिक्त आय मिलेगी।