Archive | January, 2012

International Children’s Camp concludes

Posted on 24 January 2012 by admin

Young participants of 10 nations return to their countries with the message of Indian culture ‘Vasudhaiv Kutumbkam’

cisv-childrenYoung participants of 10 nations came here to attend a month-long International Children’s Camp ‘Greenville Village’ hosted by City Montessori School today left for their countries carrying the message of India’s great culture ‘Vasudhaiv Kutumbkam’. During their four weeks stay here they learnt cooperation, friendship, global understanding, brotherhood, love and peace and order and also experienced the everlasting concept of unique culture, customs and ‘Vasudhaiv Kutumbkam’  that will remain with them throughout their life. It may be noted that a month-long ‘International Children’s Camp’ held from 28 December 2011 to 24 January 2012, hosted by CMS in which 10 nations viz Brazil, Costa Rica, Finland, Germany, Italy, Norway, Columbia, Sweden, USA and India had sent their young representatives of 11-12 years old, stayed and experienced the unique feeling of global family, concluded today. Founder of CMS and President, International Children’s Camp (CISV) UP Chapter and renowned educationist, Dr Jagdish Gandhi and other members of CMS bid warm and hearty farewell to the young participants.
Mr Hari Om Sharma, Chief Public Relations Officer of CMS informed that the young children came from different countries gave a new dimension to new world order with mutual love, understanding, unity and peace and spread the message that the ‘world is one family’. They celebrated ‘Open Day Ceremony’ in their colourful traditional attire and folk songs with great joy and blissfulness and showed a glimpse of mini-world during their one month stay in Lucknow. Apart from it these foreign guests also lived with Indian families for two days and experienced the happy joint family in which grand parents and grand children live together happily.
Mr Sharma said that the significance of ‘Greenville Village’ had been the staying together of the children of diverse culture and exchanging their folk dances, festivals, life styles and food habits. They also enjoyed ‘Lucknow Darshan’ and visited Imambara, Regional Science Centre and many other places worth seeing and came to understand the ‘Ganga-Jamuni ‘ culture of our grand city, Lucknow. The young guests came from 10 nations were highly impressed by Indian hospitality and went back to their homes with everlasting happy feelings and they will spread the high ideals of Indian culture and customs ‘Vasudhaiv Kutumbkam’ in the whole world.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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नमन: गणतन्त्र दिवस -अनीता सहगल

Posted on 23 January 2012 by admin

हमारे देष में राष्ट्रीय तथा धार्मिक त्योहारों का विषेष महत्व होता है। त्योहारों से ही हमें पता चलता है कि जाति, धर्म,सम्प्रदाय, भाषा आदि की विभिन्नताओं के बावजूद भी हम एक हैं। गणतंत्र-दिवस भारत का सर्वाधिक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है। इस दिन आजाद भारत सही अर्थों में ‘स्वतंत्र’ हुआ था। इसलिए यह किसी एक धर्म या जाति के लोगों द्वारा नहीं बल्कि पूरे भारत के लोगों द्वारा मनाया जाता है। हमारा देष आपसी फूट, कलह तथा एकता के अभाव में सैकड़ों वर्षों तक गुलामी की जंजीरों में जकड़ा रहा, स्वंतन्त्रता सभी को अच्छी लगती है, क्योंकि पराधीनता का जीवन अपमान और षोषण से भरा होता है, इसीलिए भारत ने एक लम्बे समय तक संघर्ष करने के बाद गुलामी की जंजीरों को तोड़ा और 15 अगस्त, 1947 को आजाद भारत में चैन की सांस ली, परन्तु उस समय भारत का अपना कोई संविधान नहीं था जिससे भारत को विधिवत् रूप से चलाया जाए।
भारत को पूर्ण प्रभुता संपन्न गणतंत्र बनाने के लिए संविधान के निर्माण में ढाई वर्ष लगे। नये संविधान को 26 जनवरी 1950 को भारत में लागू कर दिया गया। ‘गणतंत्र-दिवस’ दो शब्दों से मिलकर बना है- ‘गण’ और  ‘तन्त्र’ । ‘गण’ का अर्थ है ‘प्रजा’ तथा ‘तन्त्र’ का अर्थ है ‘षासन व्यवस्था’। अतः गणतन्त्र का अर्थ है-‘प्रजा द्वारा स्थापित शासन व्यवस्था’। भारत का संविधान लागू करने के लिए 26 जनवरी का ही दिन क्यों चुना गया, इसके पीेछे स्वतन्त्रता प्राप्ति की एक ऐतिहासिक भावना छिपी हुई है। इस दिन का एक ऐतिहासिक महत्व भी है। 26 जनवरी, 1929 के दिन पवित्र सलिला रावी नदी के तट पर लाहौर में सम्पन्न हुए कांग्रेस अधिवेषन के अवसर पर भारत के लोकप्रिय नेता एवं कांग्रेस नेता पं0 जवाहर लाल नेहरू जी के सभापतित्व में पूर्ण स्वाधीनता का प्रस्ताव पारित किया गया कि पूर्ण स्वराज प्राप्त करना ही अब हमारा परम लक्ष्य है। जब तक हम पूर्ण स्वराज प्राप्त नहीं कर लेगें तब तक चैन से नहीं बैठेगें। ब्रिटिश सरकार की कठोर कार्यवाही, अनेक नेता बंदी, भारतीयों पर अत्याचार, अंग्रेजों के दमनचक्र के उपरान्त भी इस अधिवेषन के बाद 26 जनवरी, 1930 को सारे देष में विभिन्न स्थानों पर सभाएं हुई तथा पूर्ण स्वराज की मांग दोहराई गई तथा गोरी सरकार का दमन चक्र चलता रहा। जब तक स्वराज्य नहीं मिलता, विदेषी सत्ता में संधर्ष जारी रहेगा। यह प्रतिज्ञा आज भी हमें आज़ादी के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा देती है। 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हो गया, लाहौर अधिवेषन की याद में भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया।
इस प्रकार अपना संविधान लागू हो जाने पर इस दिन हम पूर्ण रूप से स्वतंत्र हो गए और भारत को एक गणतन्त्र राज्य घोषित कर दिया गया। भारत के पूर्ण गणतंत्र घोषित हो जाने की खुशी में ही प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। अतः उसी दिन सेे प्रति वर्ष 26 जनवरी हमारे लिए राष्ट्रीय पर्व का रूप धारण कर चुका है। डाॅ0 राजेन्द्र प्रसाद को भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गयी तथा पं0 जवाहर लाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय पर्व भारतवर्ष के कोने-कोने में बड़े उत्साह तथा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। प्रति वर्ष इस दिन प्रभात फेरियां निकाली जाती है। भारत के प्रत्येक राज्य तथा विदेषों के भारतीय राजदूतावासों में भी यह त्योहार उल्लास व गर्व से मनाया जाता है। यह दिन बलिदानों की पावन स्मृति लेकर हमारे सामने उपस्थित होता है। कितने सपूतों ने देष की बलिवेदी पर अपने प्राणों को हंसते-हंसते बलिदान कर दिया, कितनी बहनों ने अपने भाईयों को अर्पित किया, कितनी स्त्रियों ने अपना सुहाग न्योछावर कर दिया तथा न जाने कितनी माताओं ने अपनी गोदी की शोभा को कुर्बान कर दिया, तब जाकर हमें इस स्वर्णिम दिन के दर्षन हुए। इस दिन हम सब उन अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
गणतन्त्र दिवस समस्त देष में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। सभी नागरिक इसे उत्साह से मनाते हैं। शासन/प्रषासन की ओर से इसकी तैयाारियां महीनों पहले से ही प्रारम्भ हो जाती हैं। इस दिन पूरे राष्ट्र में सार्वजनिक अवकाष रहता है। दिल्ली में राष्ट्रपति और राज्यों की राजधानियों में राज्यपाल तिरंगा फहराकर उसका अभिवादन करते हैं। समूचे देष में अनेकानेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। प्रदेषों की सरकारें सरकारी स्तर पर अपनी-अपनी राजधानियों में तथा जिला स्तर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का तथा कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं। विद्यालयों में भी यह पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
26 जनवरी का मुख्य समारोह भारत की राजधानी दिल्ली में किया जाता है, जिसकी शोभा अद्भुत एवं भव्यता देखते ही बनती है। महिनों पहले से इस समारोह की तैयारियां प्रारम्भ हो जाती हैं। देष के विभिन्न भागों से असंख्य व्यक्ति इस समारोह में सम्मिलित होने तथा इसकी शोभा देखने के लिये आते हैं। इस अवसर पर एक शानदार परेड का आयोजन किया जाता है। परेड विजय चैक से प्रारम्भ होकर राजपथ एवं दिल्ली के अनेक क्षेत्रों से गुजरती हुयी लाल किले पर जाकर समाप्त हो जाती है। परेड शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री‘अमर जवान ज्योति’ शहीदों को श्रंद्धांजलि अर्पित करते हैं, फिर राष्ट्रपति अपने अंगरक्षकों के साथ 14 घोड़ों की बग्धी में बैठकर आते हैं, जहाँ प्रधानमंत्री उनका स्वागत करते हैं। राष्ट्रीय धुन के साथ ध्वजारोहण करते हैं, उन्हें 31 तोपों की सलामी दी जाती है, हवाई जहाजों द्वारा पुष्पवर्षा की जाती है। आकाष में तिरंगे गुब्बारे और सफेद कबूतर छोड़े जाते हैं। जल, थल, वायु तीनों सेनाओं की टुकडि़यां, बैंडो की धुनों पर मार्च करते हुए सैनिक एवं पुलिस के जवान, विभिन्न प्रकार के अस्त्र-षस्त्रों, मिसाइलों, टैंको, वायुयानो आदि का प्रदर्षन करते हुए देष के राष्ट्रपति को सलामी देते हैं। सैनिकों का सीना तानकर अपनी साफ-सुथरी वेषभूषा में कदम से कदम मिलाकर चलने का दृष्य बड़ा मनोहारी होता है। यह भव्य दृष्य को देखकर मन में राष्ट्र के प्रति असीम भक्ति तथा ह्ृदय में असीम उत्साह का संचार होने लगता है। स्कूल, कालेज की छात्र-छात्राएं, एन.सी.सी. की वेशभूषा में सुसज्जित कदम से कदम मिलाकर चलते हुए यह विष्वास उत्पन्न करते हैं कि हमारी दूसरी सुरक्षा पंक्ति अपने कर्तव्य से भलीभांति परिचित हैं। मिलेट्री तथा स्कूलों के अनेक बैंड सारे वातावरण को देष-भक्ति तथा राष्ट्र-प्रेम की भावना से गुंजायमान कर देते हैं। विभिन्न प्रदेषों की झांकियां वहाँ के सांस्कृतिक जीवन, वेषभूषा, रीति-रिवाजों, औद्योगिक तथा सामाजिक क्षेत्र में आये परिवर्तनों का चित्र प्रस्तुत करने में पूरी तरह समर्थ होती हैं। झांकियों की कला तथा शोभा को देखकर दर्षक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। झाँकियों से पहले विभिन्न प्रान्तों से कई नृत्य-मंडलियां समस्त वातावरण को उल्लास से भर देती हैं। उन्हें देखकर भारत का बहुरंगी रूप  सामने आ जाता है। यह पर्व अतीव प्रेरणादायी होता है। गणतन्त्र दिवस की संध्या पर राष्ट्रपति भवन, संसद भवन तथा अन्य सरकारी कार्यालयों पर रौषनी की जाती है।
26 जनवरी का पर्व अपने में भारतीय आत्माओं के त्याग, तपस्या और बलिदान की अमर कहानी समेटे हुए है, जो भारतीय जनमानस को प्रेरित करती रहेगी कि उन्हें देष की स्वतंत्रता एवं एकता के लिये कटिबद्ध रहना चाहिये। आज की परिस्थितियों में प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है कि आपसी भेदभाव एवं वैमनस्य को भुलाकर देष की एकता एवं अखंडता को बनाये रखें तथा देष के सम्मान की रक्षा के लिये सदैव तन-मन-धन अर्पित करने के लिये तैयार रहें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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HDFC BANK LIMITED -FINANCIAL RESULTS (INDIAN GAAP) FOR THE QUARTER AND NINE MONTHS ENDED DECEMBER 31, 2011

Posted on 19 January 2012 by admin

hdfc-bank-house-mumbaiThe Board of Directors of HDFC Bank Limited approved the Bank’s (Indian GAAP) accounts for the quarter and nine months ended December 31, 2011 at its meeting held in Mumbai on Thursday, January 19, 2012. The accounts have been subject to a “Limited Review” by the Statutory Auditors of the Bank.

FINANCIAL RESULTS:
Profit & Loss Account: Quarter ended December 31, 2011
For the quarter ended December 31, 2011, the Bank’s total income was `8,622.6 crores, an increase of 35.6% over `6,357.8 crores, for the quarter ended December 31, 2010. Net revenues (net interest income plus other income) were `4,536.0 crores for the quarter ended December 31, 2011, as against `3,904.5 crores for the corresponding quarter of the previous year. Interest earned (net of loan origination costs and amortization of premia on investments held in the Held to Maturity (HTM) category) increased by 37.7% from `5,230.0 crores in the quarter ended December 31, 2010 to `7,202.6 crores in the quarter ended December 31, 2011. Net interest income (interest earned less interest expended) for the quarter ended December 31, 2011 grew by 12.2% to `3,116.0 crores, driven by asset growth and a net interest margin (NIM) of 4.1% which remained stable on a sequential basis.

paresh-sukhtankarOther income (non-interest revenue) for the quarter ended December 31, 2011 increased by 25.9% to `1,420.0 crores, primarily contributed by fees and commissions of `1,127.6 crores, up 19.6% over `942.8 crores during the quarter ended December 31, 2010. The other two components of other income were foreign exchange & derivative revenues of `365.6 crores (`216.8 crores for the corresponding quarter ended December 31, 2010) and loss on revaluation / sale of investments of `81.8 crores (loss of `30.7 crores for the corresponding quarter of the previous year).

With the ongoing expansion in the bank’s business and extension of the branch distribution network to 341 new cities, operating expenses, for the quarter ended December 31, 2011 were up 17.8% to `2,158.0 crores. The core cost to income ratio was therefore at 46.7% as against 46.5% for the quarter ended December 31, 2010. With stable asset quality, provision and contingences for the quarter ended December 31, 2011 were `329.2 crores (against `465.9 crores for the corresponding quarter ended December 31, 2010), comprising primarily of loan loss provision of `289.3 crores (against `292.9 crores for the corresponding quarter ended December 31, 2010). After providing `619.1 crores for taxes, the Bank earned a Net Profit of `1,429.7 crores, an increase of 31.4% over the corresponding quarter ended December 31, 2010.

Balance Sheet: As of December 31, 2011
The Bank’s total balance sheet size increased to `335,487 crores as of December 31, 2011. Total deposits were `232,508 crores, up by 21.0% over December 31, 2010, primarily driven by a 15.2% growth in savings deposits to `70,330 crores. Core CASA deposit adjusted for one-off current account balance of approx `4000 crores was at 47.7% of total deposit as at December 31, 2011. Gross advances grew by 21.9% over December 31, 2010 to `195,788 crores, with the retail loans accounting for 51.3% of total loans.

Nine Months ended December 31, 2011
For the nine months ended December 31, 2011, the Bank earned total income of `23,650.0 crores as against `17,539.1 crores in the corresponding period of the previous year. Net revenues (net interest income plus other income) for the nine months ended December 31, 2011 increased by `1,877.1 crores to `12,660.2 crores. Net Profit for the nine months ended December 31, 2011 was `3,714.0 crores, up by 32.1% over the corresponding nine months ended December 31, 2010.

Capital Adequacy:
The Bank’s total Capital Adequacy Ratio (CAR) as at December 31, 2011 (computed as per Basel 2 guidelines) remained strong at 16.3%, against the regulatory minimum of 9%. Tier-I CAR was 11.2% as of December 31, 2011.

Network:
As of December 31, 2011, the Bank’s distribution network was 2,201 branches and 7,110 ATMs in 1,174 cities as against 1,780 branches and 5,121 ATMs in 833 cities as of December 31, 2010.

Asset Quality:
Portfolio quality as of December 31, 2011 remained healthy with gross non-performing assets (NPAs) at 1.0% of gross advances and net non-performing assets at 0.2% of net advances (as against 1.1% gross NPA and 0.2% net NPA ratios as of December 31, 2010). The Bank’s provisioning policies for specific loan loss provisions remained higher than regulatory requirements. The NPA provision coverage ratio (excluding write-offs, technical or otherwise) was at 80.3% as of December 31, 2011. Total restructured assets were 0.4% of the bank’s gross advances as of December 31, 2011. Of these, restructured advances categorized as standard assets were 0.1% of the Bank’s gross advances.
Note:`= Indian Rupees1 crore = 10 millionAll figures and ratios are in accordance with Indian GAAP.
Certain statements are included in this release which contain words or phrases such as “will,” “aim,” “will likely result,” “believe,” “expect,” “will continue,” “anticipate,” “estimate,” “intend,” “plan,” “contemplate,” “seek to,” “future,” “objective,” “goal,” “project,” “should,” “will pursue” and similar expressions or variations of these expressions that are “forward-looking statements.” Actual results may differ materially from those suggested by the forward-looking statements due to certain risks or uncertainties associated with our expectations with respect to, but not limited to, our ability to implement our strategy successfully, the market acceptance of and demand for various banking services, future levels of our nonperforming loans, our growth and expansion, the adequacy of our allowance for credit and investment losses, technological changes, volatility in investment income, our ability to market new products, cash flow projections, the outcome of any legal, tax or regulatory proceedings in India and in other jurisdictions we are or become a party to, the future impact of new accounting standards, our ability to pay dividends, the impact of changes in banking regulation and other regulatory changes in India and other jurisdictions on us, our ability to roll over our short-term funding sources and our exposure to market and operational risks. By their nature, certain of the market risk disclosures are only estimates and could be materially different from what may actually occur in the future. As a result, actual future gains, losses or impact on net income could materially differ from those that have been estimated. In addition, other factors that could cause actual results to differ materially from those estimated by the forward-looking statements contained in this document include, but are not limited to: general economic and political conditions, instability or uncertainty in India and the other countries which have an impact on our business activities or investments, caused by any factor including terrorists attacks in India or elsewhere, anti-terrorist or other attacks by any country, military armament or social unrest in any part of India; the monetary and interest rate policies of the government of India; natural calamities, inflation, deflation, unanticipated turbulence in interest rates, foreign exchange rates, equity prices or other rates or prices; the performance of the financial markets in India and globally; changes in Indian and foreign laws and regulations, including tax, accounting and banking regulations; changes in competition and the pricing environment in India; and regional or general changes in asset valuations.

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तीर्थ नैमिषारण्य

Posted on 15 January 2012 by admin

नैमिषारण्य का मुख्य तीर्थ नैमिषारण्य का प्रायः प्राचीनतम उल्लेख वाल्मीकि रामायण के युद्ध-काण्ड की पुष्पिका में प्राप्त होता है । पुष्पिका में उल्लेख है कि लव और कुश ने गोमती नदी के किनारे राम के अश्वमेध यज्ञ में सात दिनों में वाल्मीकि रचित काव्य का गायन किया ।

ckrtiमहर्षि शौनक के मन में दीर्घकाल तक ज्ञान सत्र करने की इच्छा थी। उनकी आराधना से प्रसन्न होकर ब्रह्माजी ने उन्हें एक चक्र दिया और कहा- `इसे चलाते हुए चले जाओ। जहां इस चक्र की `नेमि’ (बाहरी परिधि) गिर जाय, उसी स्थल को पवित्र समझकर वहीं आश्रम बनाकर ज्ञान सत्र करो।’ शौनकजी के साथ अदृसी सहस्र ऋषि थे। वे सब लोग उस चक्र को चलाते हुए भारत में घूमने लगे। गोमती नदी के किनारे एक तपोवन में चक्र की नेमि गिर गयी और वही वह चक्र भूमि में प्रवेश कर गया। चक्र की नेमि गिरने से वह तीर्थ `नैमिश’ कहा गया। जहां चक्र भूमि में प्रवेश कर गया, वह स्थान चक्रतीर्थ कहा जाता है। यह तीर्थ गोमती नदी के वाम तट पर है और ५१ पितृस्थानों में से एक स्थान
माना जाता है। यहां सोमवती अमावस्या को मेला लगता है।

शौनकजी को इसी तीर्थ में सूतजी ने अठारहों पुराणों की कथा सुनायी। द्वापर में श्रीबलरामजी यहां पधारे थे। भूल से उनके द्वारा रोमहर्षण सूत की मृत्यु हो गयी। बलराम जी ने उनके पुत्र उग्रश्रवा को वरदान दिया कि वे पुराणों के वक्ता हों। और ऋषियों को सतानेवाले राक्षस बल्वल का वध किया। संपूर्ण भारत की तीर्थयात्रा करके बलराम जी फिर नैमिषारण्य आये और यहां उन्होंने यज्ञ किया।

दर्शनीय स्थल
चक्रतीर्थ
नैमिषारण्य स्टेशन से लगभग एक मील दूर चक्रतीर्थ है। यहां एक सरोवर है, जिसका मध्यभाग गोलाकार है और उससे बराबर जल निकलता रहता है। उस मध्य के घेरे के बाहर स्नान करने का घेरा है। यहीं नैमिषारण्य का मुख्य तीर्थ है। इसके किनारे अनेक मंदिर हैं। मुख्य मंदिर भूतनाथ महादेव का है। चक्रतीर्थ का बड़ी महिमा है। एक बार अट्ठासी हज़ार ऋषि-मुनियों ने ब्रह्मा जी से निवेदन कि जगत कल्याण के लिये तपस्या हेतु विश्व में सौम्य और शांन्त भूमि का निर्देश करें। उस समय ब्रह्मा जी ने अपने मन से एक चक्र उत्पन्न करके ऋषियों कहा कि इस चक्र के पीछे चलकर उसका अनुकरण करो, जिस भूमि पर इस चक्र की नेमि (अर्थात मध्य भाग) स्वतः गिर जाये तो समझ लेना कि, पॄथ्वी का मध्य भाग वही है, तथा विश्व की सबसे दिव्य भूमि भी वही है। इस परम पवित्र भूमि के दर्शन विना जीव का जीवन भी कभी सफल नहीं होता।

परिक्रमा
नैमिषारण्य की परिक्रमा ८४ कोस की है। यह परिक्रमा प्रतिवर्ष फाल्गुन की अमावस्या को प्रारंभ होकर पूर्णिमा को पूर्ण होती है। नैमिषारण्य की छोटी (अंतर्वेदी) में यहां के सभी तीर्थ आ जाते हैं।

यहां के प्रमुख तीर्थों में:
पंचप्रयाग
यह पक्का सरोवर है। इसके किनारे अक्षयवट नामक वृक्ष हैं।

ललितादेवी- यह यहां का प्रधान मंदिर है। इसके साथ ही गोवर्धन महादेव, क्षेमकाया देवी, जानकी कुंड, हनुमानजी एवं काशी का पक्के सरोवर पर मंदिर है। साथ ही अन्नपूर्णा, धर्मराज मंदिर तथा विश्वनाथजी के भी मंदिर हैं। यहां पिण्यदान होता है।

व्यास-शुकदेव के स्थान- एक मंदिर में भीतर शुकदेवजी की और बाहर व्यासजी गद्दी है तथा पास में मनु और शतरूपा के चबूतरे हैं। *ब्रह्मावर्त- सूखा सरोवर। गंगोत्तरी, सूखा सरोवर रेत से भरा।

पुष्कर- सरोवर है। गोमती नदी ।
दशाश्वमेध टीला- टीले पर एक मंदिर में श्रीकृष्ण और पाण्डावों की मूर्तियां हैं।
पाण्डव किला- एक टीले पर मंदिर में श्रीकृष्ण तथा पाण्डवों की मूर्तियां हैं।
सूतजी का स्थान- एक मंदिर में सूतजी की गद्दी है। वहीं राधा-कृष्ण तथा
बदलरामजी की मूर्तियां हैं।

यहां स्वामी श्रीनारदनंदजी महाराज का आश्रम तथा एक ब्रह्मचर्याश्रम भी है, जहां ब्रह्मचारी प्राचीन पद्धति से शिक्षा प्राप्त करते हैं। आश्रम में साधक लोग साधना की दृष्टि से रहते हैं। धारणा है कि कलियुग में समस्त तीर्थ नैमिष क्षेत्र में ही निवास करते हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय हिंदी उत्सव का सम्मान समारोह के साथ समापन

Posted on 13 January 2012 by admin

1तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय हिंदी उत्सव का दिनांक 12 जनवरी को सम्मान समारोह के साथ समापन हुआ जिसमें प्रसिद्द साहित्यकार कुंवर नारायण द्वारा देश – विदेश के हिंदी साहित्यकारों , विद्वानों को सम्मानित किया गया । इनमें भारत मे बल्गारिया के राजदूत श्री  कोस्तोव, प्रसिद्ध लेखिका चित्रा मुद्गल, प्रसिद्ध शायर शीन काफ निज़ाम, इटली के प्रो. श्याम मनोहर पांडेय,  प्रवासी साहित्यकार  उषा राजे सक्सेना, ( ब्रिटेन) शैल अग्रवाल,( ब्रिटेन) अनिता कपूर ( अमरीका), दीपक मशाल, ( उतरी आयरलेंड) स्नेह ठाकुर ( कनाडा) कैलाश पंत, महेश शर्मा, विमला सहदेव को पुरस्कार प्रदान किया गया।

सम्मान प्रदान करते हुए श्री कुंवर नारायण ने कहा कि भाषा और साहित्य के क्षेत्र में गहन अध्ध्यन और शोध की आवश्यकता है। उन्होंने मध्यकाल में बौद्ध भिक्षुओं द्वारा भारतीय ज्ञान को एशिया और दूरस्थ देशों में ले जाने को प्रेरणा का स्रोत बताया। उन्होंने  पुस्तकें ले जाते बोद्ध भिक्षुओं को  संस्कृति का वाहक बताया। उन्होने सम्मान विजेताओं को पुरस्कार देते हुए कहा कि उनकी हिदी के प्रति निष्ठा और समर्पण की सराहना की । रत्नाकर पांडेय ने इस अवसर पर आयोजकों प्रवासी दुनिया , अक्षरम और हंसराज कालेज की सराहना करते हुए कि हिंदी का विकास केवल सरकार के माध्यम से संभव नहीं है।

सम्मान समारोह के तुरंत पश्चात अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया । यह सम्मेलन इस बार बाल स्वरूप राही जी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में था। इस कवि सम्मेलन में देश के प्रमुख कवियों उदय प्रताप सिंह, सुरेन्द्र शर्मा, शेरजंग गर्ग कुंवर बैचेन, नरेश शांडिल्य , सर्वेश चंदोसवी,आलोक श्रीवास्तव, अल्का सिन्हा और विदेश से उषा राजे सक्सेना, दिव्या माथुर, स्नेह ठाकुर, अनिता कपूर, दीपक मशाल आदि  काव्य पाठ का सैंकड़ों की संख्या में उपस्थित श्रोताओं ने देर रात तक आनंद लिया। इस अवसर पर बालस्वरूप राही के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाशित स्मारिका और उनकी ओर पुष्पा राही की पुस्तकों का लोकार्पण किया गया।

इससे पूर्व सुबह के सत्रों में वर्ष 2050 में हिंदी और भारतीय भाषाएं विषय में हिंदी के भविष्य के संबंध में व्यापक विचार –विमर्श किया गया। असगर वजाहत ने चर्चा की शुरूआत  करते हुए। विश्वविद्यालयों, अकादमियों. राजभाषा और गैर –सरकारी क्षेत्र में हिंदी की दुर्दशा का विश्लेषण किया। अभय दुबे ने हिंदी और भारतीय भाषाओं को पारिभाषात करते हुए कहा कि हिंदी राष्ट्रभाषा और राजभाषा नहीं अपितु संपर्क भाषा है। प्रभु जोशी ने हिंदी की दुर्दशा के लिए एक गहरे षड्यंत्र का उल्लेख किया । उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकारी अधिकारी, मीडिया और मैकालेपुत्र जिम्मेदार हैं। कैलाश पंत ने हिंदी के संबंध में सकारात्मक पक्षों की ओर ध्यान दिलाया। राहुल देव ने विचारोत्तेजक भाषण में सूत्र दिया अपनी भाषा में अपना भविष्य और युवकों को भाषा के संबंध में बड़े बदलाव का आह्वान किया। बहुत से युवाओं ने इस अभियान से जुड़ने के लिए स्वयं को प्रस्तुत किया । अनिल जोशी ने इसके लिए संयोजित और संगठित प्रयास करने पर बल दिया । उन्होंने कहा कि हिंदी का संस्थागत फ्रेमवर्क बहुत कमजोर है।

तीन दिन का यह कार्यक्रम प्रवासी दुनिया , अक्षरम और हंसराज कालेज की ओर से किया गया था।

विदेशों में हिंदी शिक्षण विषय पर विचार व्यक्त करते हुए केन्द्रीय हिंदी संस्थान के उपाध्यक्ष अशोक चक्रधर ने विदेशों में हिंदी शिक्षण की चुनौतियों पर सिलसिलेवार बात की और एकरूपता और मानकीकरण के संबंध मे किए जा रहे उपायों के संबंध में बताया। डा विमलेश कांति वर्मा ने अपनी सूरीनाम और त्रिनिडाड की यात्रा में आए अनुभव बांटे । डा  श्याम मनोहर पांडेय ने इटली में 30 वर्षों के सुदीर्घ अनुभव के आधार पर शिक्षण की प्रविधियों की चर्चा की। वीरेन्द्र भारद्वाज ने दक्षिण कोरिया के अपने अनुभवों का ब्यौरा दिया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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INICC & CSULB WILL WORK TOGETHER IN DEVELPOPING EFFECTIVE CURRICULAR FOR COMMUNITY COLLEGE SYSTEM IN U.P. IN GENERAL AND IN LKO PARTICULAR

Posted on 12 January 2012 by admin

img_4882An International Seminar for higher education was organized by Iqbal Narain IGNOU Community College (INICC) at Picasso Animation College, Lucknow.  in which the students of California State University Long Beach (CSULB) and Professors of INICC shared their views on the “Development of modern higher education with reference to Community College and the Education system in USA and India and their Campus life”.

The event started with a welcome speech by Mr. Amir Haider, Director and Member Governing Committee followed by an introduction on community college by Prof.Manoj Dixit Member, INICC Academic Council & Head of Public Administration Dept. LU .Prof. Tim Kerin explained“ INICC & CSULB will work together in developing effective curricular for community college system in U.P. in general and in Lucknow particular“  while participating an international seminar Dr. Arnold Kamisky of California State University Long Beach also shared his views on higher education  system in India in general .
Interaction between team of 14 CSULB students & selected group of Indian Students  comprising of Kendriya Vidhyalaya on their perception of Higher education system, Campus life and related matters in USA and India created a good impact to make the students get a clear understanding on achieving their goals in life.
The Principals of various schools of Lucknow showed an active participation in interacting with the Faculty members of Iqbal Narain IGNOU Community College so that they can throw light of the same concept to their school children. It was a great tool and platform for all the students globally to come together and Iqbal Narain Ignou community College made it possible.

Creative art and animation work and demo reels of students of Picasso Animation College was displayed in still and video form which was impressive and was widely appreciated by the visiting US team as well as participants, audience.
The event concluded on the vote of Thanks by President, INICC Mr.Arun Srivastava. He stated  that inclusion of community college system in higher education in India is going to enhance skill for better employability of local students and make them fit to suit local employability besides imparting good education.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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एक खोज:भारत की

Posted on 11 January 2012 by admin

10स्वतंत्रता आन्दोलन १८५७-१९४७ के शहीदों के जीवित गुमनाम वंशजों की दास्ताँ,

“आन्दोलन:एक पुस्तक से” एक मुहीम है. प्रत्येक वर्ष एक पुस्तक के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम (१८५७-१९४७) में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों के जीवित गुमनाम वंशजों को ढूंढ़कर उन्हें एक नई जिन्दगी देने का अनवरत प्रयास है. अबतक तीन वंशजों - तात्या टोपे के प्रपौत्र, बहादुर शाह ज़फ़र की पौत्रबधू और उधम सिंह के पौत्र - को नया जीवन देने में सफल रहा है. यह फिल्म उसी श्रृंखला की एक कड़ी है.

यह फिल्म मूलरूप से शहीदों और उनके वंशजों के प्रति सरकार और विशेषकर स्वतंत्र भारत के आवाम की अनवरत उदासीनता और उपेक्षा की भावना को उजागर करने की एक कोशिश है, साथ ही, भारत के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय के. आर. नारायणन की बात को लोगों तक पहुँचाने का एक प्रयास भी. पूर्व राष्ट्रपति ने कहा था कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद शहीदों और उनके वंशजों को जो “यथोचित” सम्मान मिलना चाहिए था, वह नहीं मिल पाया. नारायणन स्वतंत्रता आन्दोलन के सभी शहीदों के परिवारों को “राष्ट्रीय परिवार” का दर्जा दिलाना चाहते थे, साथ ही, उनकी यह भी इक्षा थी कि स्वतंत्रता आन्दोलन के शहीदों और अंडमान जेल (कालापानी) की सजा भुगते क्रांतिकारियों के वंशजों को भी राज्य सभा में स्थान सम्मानित किया जाय. दुर्भाग्यवश, उनकी ये सभी इक्षाएं उनकी मृत्यु के साथ ही दफ़न हों गयी.

इस फिल्म को महज एक नवमी कक्षा का १४ साल का बालक आकाश झा ने बनाया है ताकि इतिहास के पन्नों पर शहीदों की गाथाएं धूमिल ना हों और बच्चे अपने पिता से पूछे की आजादी हमें कैसे मिली? किन-किन लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी? हमें उन्हें सम्मान देनी चाहिए नहीं तो भारत की स्वतंत्रता अधूरी मानी जाएगी .

(आप चाहें तो इस प्रयास का डी.वी.डी सिर्फ लागत मूल्य (@ २००/- रुपये) पर अपने बच्चों को भेंट कर सकते है ताकि वह जन सके उधम सिंह, राजगुरु, तात्याटोपे, बटुकेश्वर दत्त, हरिदामोदर चापेकर, सत्येन्द्रनाथ बोस, सुखदेव, खुदीराम बोस कौन थे और आज उनके वंशज जीवित हैं तो कहाँ हैं?

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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‘डूडल फाॅर गूगल’ प्रतियोगिता की अखिल भारतीय मेरिट में सी.एम.एस. छात्रा चयनित

Posted on 08 January 2012 by admin

doodle4google-1सिटी मोन्टेसरी स्कूल, अलीगंज (प्रथम कैम्पस) की छात्रा त्रिशा चटर्जी ने अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित ‘डूडल फाॅर गूगल’ प्रतियोगिता की 45 बच्चों की मेरिट सूची में अपना नाम दर्ज कराकर विद्यालय का गौरव सारे देश में बढ़ाया है तथापि इस उपलब्धि के लिए इस प्रतिभाशाली छात्रा को दिल्ली में आयोजित भव्य सम्मान समारोह में पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया। यह जानकारी सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी है। श्री शर्मा ने बताया कि इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में देश भर से कई प्रतिष्ठित विद्यालयों के छात्रों ने प्रतिभाग किया जिसमें सी.एम.एस. की इस अत्यन्त प्रतिभाशाली छात्रा ने अपने मौलिक व सृजनात्मक  चिंतन तथा अभूतपूर्व कलात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए सर्वश्रेष्ठ 45 बाल कलाकारों में अपना नाम दर्ज कराया है। इस प्रतियोगिता के अन्तर्गत इस प्रतिभाशाली छात्रा त्रिशा ने सर्च इंजन ‘गूगल’ के लोगो के विभिन्न अक्षरों को देश के प्रमुख त्योहार दुर्गा पूजा एवं ‘माँ दुर्गा’ के बहुआयामी छटा से जोड़कर भारतीय सभ्यता व संस्कृति का अनूठा अहसास सारे विश्व को कराया।
श्री शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. सदैव ही विभिन्न रचनात्मक एवं सृजनात्मक प्रतियोगिताओं के माध्यम से अपने छात्रों की बहुमुखी प्रतिभा को निखारने के साथ ही जीवन में आगे ही आगे बढ़ने हेतु प्रोत्साहित करता रहता है। सी0एम0एस0 का लक्ष्य बच्चों को वल्र्ड लीडर के रूप में तैयार करने वाली शिक्षा उपलब्ध कराना है। ताकि वे कल के विश्वव्यापी समाज का नेतृत्व अपने विकसित मानवीय दृष्टिकोण से कर सके। सी.एम.एस. द्वारा वैज्ञानिक युग के महत्व को स्वीकारते हुए अपने छात्रों का दृष्टिकोण वैज्ञानिक एवं विश्वव्यापी बनाने के उद्देश्य से जोरदार प्रयास किये जा रहे हंै। विगत वर्षो में सी.एम.एस. के छात्रों ने विज्ञान, गणित, कम्प्यूटर टैक्नालाॅजी, इण्टरनेट एवं साइवर स्पेस विषयों की अनेक राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में सर्वाधिक पुरस्कार जीतकर प्रदेश व देश का नाम राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर रोशन किया हैै।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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डाॅबर आँवला ने ‘असली आँवला स्टार की खोज लखनऊ से शुरू की

Posted on 07 January 2012 by admin

विजेता को ब्रांड एंबैस्डर रानी मुखर्जी के साथ एक विज्ञापन अभियान में मौका मिलेगा

डाॅबर के ‘असली आँवला स्टार’ की खोज शुरू हो गई है! लखनऊ से सैकड़ों लड़कियां आज फिनीक्स माल में डाॅबर आँवला के ताज को पाने के लिए एकत्रित हुईं हैं - शहर में सबसे अच्छे बालों को खोजने की यह एक अनोखी प्रतियोगिता है।
मिस  शंमा  सिददीकी                       को लखनऊ में शाम को हुए फाइनल में विजेता घोषित किया गया। अब विजेता को बाॅलीवुड सेलिब्रिटी व डाॅबर आँमला ब्रांड एम्बैस्डर रानी मुर्खजी के साथ एक विज्ञापन अभियान में विशेष रूप से प्रदर्शित किया जाएगा।
इस प्रतियोगिता की शुरूआत लखनऊ में तीन दिन पहले हो गई थी जिसमें डाॅबल आँवला की टीम लखनऊ के कई काॅलेजों में प्रतियोगिता को बढ़ावा देने के लिए छात्राओं के बीच गई। टीम शहर के कई हाॅट स्पाॅट और बाजारों में इस प्रतियोगिता के बारे में जानकारी का प्रसार करने के लिए दौरा किया। कुल मिलाकर लखनऊ से 1000 से ज्यादा लड़कियों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया और इसे हाल के दिनों में लखनऊ के कुछ बड़े स्टाॅर हंट में से एक बना दिया।
प्रतियोगिता का फाइनल लखनऊ के फिनिक्स माल में हुआ जहां पर 12 बजे के बाद से सैंकड़ों प्रतियोगी एकत्रित हुए। बाल विशेषज्ञ ने उन्हें बालों की लंबाई, मजबूती व सुंदरता के आधार पर जज किया और 12 लड़कियों को आज 5 बजे के फाइनल राउण्ड के लिए चुना गया। लखनऊ के विख्यात ब्यूटी विशेषज्ञ और इनोवेटिव क्योर हेल्थ एण्ड ब्यूटी इंस्टीट्यूट की मालिक मिस अनुराधा गुप्ता व रेडियो मिर्ची के लोकप्रिय आरजे                      12 प्रतियोगियों में से विजेता का चुनाव करेेंगें।
लखनऊ में आज के फाइनल में डाॅबर असली आँवला स्टाॅर की खोज अभियान को भी चिन्हित किया। इस अभियान के तहत डाॅबर आँवलां की टीम प्रत्येक शहर की सबसे सुंदर बालों वाली लड़की की खोज करेगी और उसे डाॅबर असली आँवला स्टार के ताज से नवाजा जाएगा। टीम 13 शहरों में जाएगी जिसमें से 6 शहर - लखनऊ, नोएडा, गोरखपुर, कानपुर, वाराणसी व इलाहाबाद यूपी के है।
इस अवसर पर बोलते हुए डाॅबर आँवला, डाॅबर इंडिया लिमिटेड के उत्पाद प्रबंधक श्री नियोजिता यादव ने कहा कि, ‘‘डाॅबर आँवला हेयर आॅयल को लखनऊ में इस प्रतियोगिता की मेजबानी करके गर्व महसूस हो रहा है। लखनऊ की सभी लड़कियों में इस तरह का जोश देखकर हम बेहद उत्साहित हैं। इस प्रतियोगिता के पीछे का विचार लखनऊ की महिलाओं को डाॅबर आँवला हेयर आॅयल के लबंे, मजबूत व सुंदर बालों के वादे का अनुभव कराना और साथ ही लड़कियों को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी खूबसूरती दिखाने का मंच प्रदान करना रहा है।
प्रतिष्ठित ताज जीतकर उत्साहित लखनऊ की विजेता ने कहा कि, ‘‘वास्तव में लखनऊ का डाॅबर असली आँवला स्टार घोषित होना बेहद आकर्षक है। इस ताज को जीतना व अपनी पसंदीदा सिने स्टार रानी मुखर्जी के साथ एक विज्ञापन अभियान में आना मेरे लिए सपना सच होने जैसा है। मैं बचपन से ही नियमित रूप से डाॅबर आँवला हेयर आॅयल का प्रयोग कर कर रही हूँ और मैं इसका शुक्रिया अदा करती हूँ जिससे मेरे बाल सुंदर व मजबूत बने और मुझे इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता को जीतने में सहायता की।’’

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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केईसी इंटरनैशनल को मिला 1,212 करोड़ रूपये का कारोबारी आदेश

Posted on 05 January 2012 by admin

    ट्रांस्मिशन कारोबार में 723 करोड़ रूपये का आॅर्डर
    विद्युत व्यवस्था कारोबार में 253 करोड़ रूपये का आॅर्डर
    जल कारोबार में 82 करोड़ रूपये का आॅर्डर
    केबल कारोबार में 105 करोड़ रूपये का आॅर्डर
    टेलीकाॅम कारोबार में 49 करोड़ रूपये का आॅर्डर

मुंबई, 5 जनवरी 2012: आरपीजी का उपक्रम एवं बिलियन डाॅलर ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर ईपीसी, केईसी इंटरनैशनल लिमिटेड (केईसी) ने 1,212 करोड़ रूपये मूल्य का आॅर्डर प्राप्त किया है। इसमें 723 करोड़ रूपये का आर्डर ट्रांस्मिशन व्यवसाय में, 253 करोड़ रूपये का सबस्टेशन संयंत्रों के लिए विद्युत व्यवस्था में, 82 करोड़ रूपये का जल व्यवसाय में, 105 करोड़ रूपये का केबल व्यवसाय में और 49 करोड़ रूपये का आर्डर टेलीकाॅम व्यवसाय के क्षेत्र में मिला है।

ट्रांस्मिशन:

ट्रांस्मिशन व्यवसाय में इस कंपनी को सउदी अरब, संयुक्त राज्य अमेरिका और अफगानिस्तान से आॅर्डर प्राप्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त इस कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी इकाई, एसएई टावर्स को भी संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील और मेक्सिको से आॅर्डर मिले हैं।

सउदी अरब से टर्नकी (संस्थापना के बाद तुरंत इस्तेमाल के लायक) आधार पर 110 केवी/132 केवी के डबल सर्किट ओवरहेड ट्रांस्मिशन लाइन (68 किलोमीटर लंबी) और भूमिगत केबल बिछाने (13 किलोमीटर लंबी) का आॅर्डर मिला है। इस आॅर्डर का मूल्य 310 करोड़ रूपये है और काॅन्ट्रैक्ट के आधार पर इस कार्य को 21 महीनों में पूरा करना है।

संयुक्त राज्य अमेरिका के आॅर्डर 345 केवी ट्रांस्मिशन टावरों की आपूर्ति के लिए हैं। यह आॅर्डर आइसोलक्स इंजीनिरिया एस.ए. से हासिल किया गया है। इस आॅर्डर का मूल्य 155 करोड़ रूपये है और इसका क्रियान्वयन 12 महीनों में करना है।

अफगानिस्तान से मिले आॅर्डर के तहत टर्नकी आधार पर कुंदुज और तलोकन सबस्टेशनों के बीच 220 केवी का डबल सर्किट ओवरहेड ट्रांस्मिशन लाइन का निर्माण होना है। यह आॅर्डर द अफगानिस्तान ब्रेश्ना शेरकत की तरफ से मिला है जिसे सहायक संघीय समझौते के तहत हासिल किया गया है। इस आॅर्डर का कुल मूल्य 132 करोड़ रूपये है जिसमें केईसी का हिस्सा 104 करोड़ रूपये का है। इस अनुबंध को 18 महीनों में पूरा करना है।

एसएई टावर्स इस कंपनी के पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी इकाई है और इसने संयुक्त राज्य अमेरिका, मेक्सिको तथा ब्राजील से टावर की आपूर्ति के विभिन्न आॅर्डर हासिल किए हैं। इन आॅर्डरों का कुल मूल्य 154 करोड़ रूपये है।
विद्युत व्यवस्थाएँ:

विद्युत व्यवस्था व्यवसाय में इस कंपनी को केन्या, भारत और फिलीपिंस से सबस्टेशन संयंत्रों के लिए आॅर्डर मिले हैं।

केन्या के आॅर्डर द केन्या इलेक्ट्रिसिटी जेनरेटिंग कंपनी लिमिटेड (केनजेन) की तरफ से मिले हैं। इसके तहत ओल्केरिया प्ट एवं ओल्केरिया प् विद्युत संयंत्रों के लिए अंतर्संबंधी ट्रांस्मिशन लाइनों के साथ 220/132 केवी के 3 सबस्टेशनों का निर्माण होना है। 141 करोड़ रूपये के इस आॅर्डर को 27 महीनों में पूरा करना है।

भारत से प्राप्त आॅर्डर पावर ग्रिड काॅरपोरेशन आॅफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआइएल) की ओर से मिले हैं जो कर्नाटक में 400केवी/220केवी तुमकुर न्यू एआइएस सबस्टेशन और 400केवी गूटी सबस्टेशन एक्सटेंशन के निर्माण के लिए हैं। 24 महीनों में पूरा होने वाले इस आॅर्डर का कुल मूल्य 59 करोड़ रूपये है।

फिलीपिंस में इस कंपनी को नैशनल ग्रिड काॅरपोरेशन आॅफ फिलीपिंस से 3 आॅर्डर मिले हैं जिनमें लुम्बान में 230केवी का सबस्टेशन और कोलोन-सेबू में 138केवी के सबस्टेशन का निर्माण शामिल है। इन आॅर्डरों का कुल मूल्य 53 करोड़ रूपये है और इनमें प्रत्येक आॅर्डर को 12 महीनों में पूरा करना है।

जल:
जल व्यवसाय में इस कंपनी को 82 करोड़ रूपये के 4 नए आॅर्डर प्राप्त हुए हैं। इनमें तीन आॅर्डर मध्य प्रदेश के हैं जो नहरों के निर्माण के लिए हैं और एक आॅर्डर पश्चिम बंगाल से  बाढ़ नियंत्रण कार्यों के लिए मिला है। इन आॅर्डरों को मिलाकर इस कंपनी के खाते में जल व्यवसाय का कुल आॅर्डर 250 करोड़ रूपये को पार कर गया है।

केबल्स:
केबल व्यवसाय में इस कंपनी ने विद्युत केबुल एवं टेलीकाॅम केबुल की आपूर्ति के विभिन्न आॅर्डर हासिल किए हैं इन आॅर्डरों का कुल मूल्य 105 करोड़ रूपये है।

टेलीकाॅम:
टेलीकाॅम के व्यवसाय में इस कंपनी को पावर ग्रिड (पीजीसीआइएल) से 49 करोड़ के आर्डर मिले हैं। इसके तहत भारत के पूर्वी क्षेत्र में हाॅटलाइन स्थितियों में 2200 किलोमीटर आॅप्टिकल पावर ग्राउंड वायर (ओपीजीडब्लू) संचार नेटवर्क स्थापित करना है। इसमें ओपीजीडब्लू केबुल तथा परीक्षण उपकरण लगाने और कसने का कार्य शामिल है।

इन आॅर्डरों के विषय में चर्चा करते हुए केईसी इंटरनैशनल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारीे, श्री रमेश चांडक ने कहा कि, ”सकारात्मक संकेतों के साथ नया साल आरंभ करते हुए हमें खुशी हो रही है। टर्नकी एवं आपूर्ति आदेश के लाभकारी मेल के साथ भौगोलिक एवं व्यावसायिक संदर्भ में हमें काफी विविधतापूर्ण आॅर्डर मिले हैं। 1,231 करोड़ रूपये मूल्य के इन आॅर्डरों की बदौलत हमारे आॅर्डर खाते का आंकड़ा 9,000 करोड़ रूपये के अंक तक पहुंच गया है।“

केईसी इंटरनैशनल लिमिटेड के विषय में:

केईसी इंटरनैशनल की क्षमता एक बिलियर डाॅलर टर्नओवर की है और यह कंपनी वैश्विक आधारभूत संरचना की अभियांत्रिकी, अधिप्राप्ति एवं निर्माण (ईपीसी) का कारोबार करती है। विद्युत संचारण, विद्युत व्यवस्था, केबल, रेलवे, टेलीकाॅम एवं जल उद्योगों में इसकी पहचान है। इस कंपनी के जिम्मे दक्षिण एशिया, मध्य पूर्व, अफ्रीका, मध्य एशिया और उत्तरी एवं दक्षिणी अमेरिकी महादेशों के 45 देशों में विद्युतीकृत आधारभूत संरचना विकास के कार्य चल रहे हैं। यह आरपीजी ग्रुप की अग्रणी कंपनी है।

आरपीजी एंटरप्राइजेज के विषय में:
आरपीजी एंटरप्राइजेज की स्थापना वर्ष 1979 में हुई थी। यह भारत का सबसे तेजी से बढ़ता हुआ व्यावसायिक समूह है जिसका टर्नओवर 20,000 करोड़ रूपये के करीब है। इस समूह के नियंत्रण में 16 से अधिक कंपनियाँ कार्यरत हैं जो विद्युत, टायर, आधारभूत संरचना, सूचना प्रोद्यौगिकी, खुदरा कारोबार, मनोरंजन, कार्बन ब्लैक एवं स्पेशियलिटी संबंधित विभिन्न व्यवसायिक हितों का प्रबंधन करती हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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