Archive | September, 2011

उत्तरी, पष्चिमी और केन्द्रीय भारत में बच्चों के विकास पर सर्वश्रेश्ठ पहल के लिए ‘‘प्रेरणा अवार्ड्स’’ का आयोजन किया

Posted on 30 September 2011 by admin

पिछले 60 सालों में उत्तरी, पष्चिमी और केन्द्रीय भारत में बच्चों के विकास पर सर्वश्रेश्ठ पहल के लिए ‘‘प्रेरणा अवार्ड्स’’ का आयोजन किया।

ऽ    ये पुरस्कार भारत में बच्चों के उत्कृश्ट विकास के लिए दिये गये।

ऽ    -चाईल्डफण्ड के 60 वर्श पूरे होने और भारत में युवाओं के साथ इसकी संलग्नता का जष्न मनाया गया-

dsc_0220चाईल्डफण्ड इण्डिया के लिए, आज उत्सव, खुषी और परिवर्तन का दिन था। चाईल्डफण्ड ने उत्तरी, केन्द्रीय और पष्चिमी भारत के 6 राज्यों उत्तर प्रदेष, उत्तराखण्ड, दिल्ली, मध्य प्रदेष, महाराश्ट्र और राजस्थान से बच्चों और युवाओं की आवाज़ का जष्न मनाने के लिए ैच्।छक्।छ 2011 के क्षेत्रीय आयोजन की मेजबानी की। 2011 का उद्देष्य है चाईल्डफण्ड की वचनबद्धता और बच्चों के साथ इसकी सक्रिय संलग्नता को बांटने के लिए व्यापक हितधारक दर्षकों को एक अवसर प्रदान करना।

चाईल्डफण्ड इन्टरनेषनल की अध्यक्ष और सीईओ मिस एने लिनम गोडार्ड ने कहा, ‘‘हम बच्चों को उन संसाधनों और कौषल से सुसज्जित करते हैं, जो बचपन की सभी अवस्थाओं में उनके लिए अनिवार्य है, उन्हें अपने जीवन पर नियन्त्रण रखने में सक्षम बनाते हंै और उनके भविश्य को दिषानिर्देषित करते हैं।  हम परिवारों को अधिक सक्षम बनाने का प्रयास भी करते हैं ताकि वे अपने बच्चों की देखभाल और सुरक्षा कर सकें। हम परिवारों के सहयोग के लिए समुदायों के सषक्तीकरण का प्रयास भी करते हैं। हमारा यह दृश्टिकोण हमारे 70 सालों के समृद्ध अनुभव से तैयार हुआ है। इस अवधि के दौरान हमने सामुदायिक संगठनों के साथ अन्तरराश्ट्रीय स्तर पर काम किया है। हमने बच्चों की गरीबी के हाॅलमार्क पर अध्ययन किये हैं जो दर्षाते हैं कि गरीबी का बच्चों के सामाजिक जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता है, यह उन्हें भावनात्मक और षारीरिक रूप से कश्ट देती है।’’
2011 का यह वर्श चाईल्डफण्ड इण्डिया की 60 वीं सालगिरह है। पिछले 60 वर्शों से यह हमारे देष में वंचित, बहिश्कृत और कमज़ोर बच्चों के बीच काम कर रही है। ैच्।छक्।छ 2011 में युवा लोगों में सकारात्मक विकास एवं अभिव्यक्ति के विभिन्न माध्यमों से युवाओं की आवाज़ का प्रदर्षन किया जायेगा। चाईल्डफण्ड इण्डिया ने राश्ट्रनिर्माण में षान्तिनिर्माताओं के रूप में युवाओं के विकास और उनके समुदाय के विकास के लिए, उनके जीवन को एक नया आकार देने में योगदान दिया है।
चाईल्डफण्ड इण्डिया के राश्ट्रीय निदेषक, मि. डोला महापत्रा ने ैच्।छक्।छ 2011 के इस अवसर पर कहा, ‘‘चाईल्डफण्ड इण्डिया बच्चों और युवाओं की क्षमता की पहचान करती है, उन्हें वे सम्पत्तियां और संसाधन उपलब्ध कराती है जो उनके सकारात्मक विकास के लिए आवष्यक हैं। राश्ट्रीय और अन्तरराश्ट्रीय स्तर पर लागू नीतियों और प्रथाओं का बच्चों पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। हम अपने समर्थकों के साथ काम करते हुए उन्हें कई तरीकों से यह बताते हैं कि वे बच्चों की भलाई में योगदान दे सकते हैं। हम इस ज्ञान और अनुभव में योगदान देने के लिए उन एजेन्सियों और संगठनों को भी सहयोग प्रदान करेंगें जो बच्चों की भलाई और उनके अधिकारों के लिए काम करती हैं।’’

‘‘प्रमुख युवा हस्तक्षेपों जैसे अ. आजीविका षिक्षा और तैयारी; ब. प्रजनक स्वास्थ्य सेवाएं और षिक्षा; तथा स. युवा नेतृत्व और सामाजिक संलग्नता के साथ; चाईल्डफण्ड इण्डिया परिवर्तन लाने वाले नेताआंे के निर्माण की दिषा में काम करने के लिए वचनबद्ध है। यह उन्हें आने वाले वर्शों के लिए तैयार करेगी क्योंकि वे सबसे ज्यादा उत्पादक कार्यबल होंगें और राश्ट्र निर्माण का नेतृत्व करेंगें, ’’ मि. डोला महापत्रा ने कहा।

आयोजन के दौरान, अध्यक्ष ने एक पुस्तक का विमोचन किया जिसमें इस विशय पर उदाहरण प्रस्तुत किये गये हैं कि कैसे बच्चों को उनके घर, समुदाय और समाज में उपेक्षा का सामना करना पड़ता है। इस सत्र के दौरान भारत के युवाओं और बच्चों की दुर्दषा को प्रदर्षित करने वाली एक कलात्मक प्रदर्षनी का आयोजन भी किया गया। उत्तर प्रदेष के एक युवा समूह के द्वारा बनायी गयी एक मल्टीमीडिया फिल्म की स्क्रीनिंग भी की गयी, जिसके बाद दर्षकों ने सवाल रखे। कुछ पूर्व-प्रायोजकों ने प्रायोजन समर्थन के बारे में अपने अनुभव और विचारों का बांटा। सुबह के इस सत्र के दौरान आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों ने इस आयोजन को प्रेरणा और आषा से भर दिया।

आरएमएल लाॅ यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर, प्रोफेसर बलराज चैहान ने कहा, ‘‘चाईल्डफण्ड के साथ जुड़ना बड़े ही गर्व की बात है। एनजीओ के मेरे अनुसंधान और अध्ययन के माध्यम से मैंने यह पाया है कि चाईल्डफण्ड निरन्तर भारत में बच्चों और युवाओं के विकास की दिषा में काम कर रही है। मैं संगठन के साथ अपने सहयोग के माध्यम से आषा करता हूँ कि, मैं चाईल्डफण्ड के काम के इस समुद्र में अपना छोटा सा योगदान दे सकूंगा।’’
प्रेरणा अवार्ड्स
ऽ    भारत में बच्चों के विकास में उत्कृश्टता के लिए
ऽ    ये बच्चों, युवाओं, पूर्व प्रायोजित छात्रों, प्रायोजकों ओर सहभागी संगठनों को दिये जायेंगें।
ऽ    7 विभिन्न श्रेणियों के लिए

अवार्डः
ऽ    बच्चों और युवाओं के लिए, हर बच्चे/ युवा को पुरस्कार में ट्राॅफी, 15,000.00 (रू पन्द्रह हज़ार मात्र) रू की छात्रवृति दी जायेगी।
प्रेरणा अवार्डः सांस्कृतिक प्रदर्षन
षाम के समय आयोजित इस समारोह में कलात्मक और सांस्कृतिक लोक प्रदर्षनों को प्रस्तुत किया गया। मौजूद लोगों ने विभिन्न युवा प्रदर्षनों, एक विज़ुअल आर्ट प्रदर्षनी का आनन्द उठाया। बच्चों, युवाओं ओर अनके परिवारों के लिए सेवाओं और कार्यक्रमों पर संसाधनों के साथ कला का प्रदर्षन भी किया गया। हिस्सा लेने वाले युवाओं ने अपनी मौजूदा चुनौतियों के बारे में बात की, अपने सपनों को बताया, मल्टीमीडिया प्रेज़ेन्टेषन के माध्यम से अपनी आषाओं और आंकाक्षाओं को प्रस्तुत किया, तथा एक नृत्य का प्रदर्षन भी किया गया।  उन्होंने एक मैग्नेटिक थियेटर के माध्यम से दर्षकों के साथ बातचीत की और अपने विचारों को प्रस्तुत किया, अपनी आवाज़ को उठाया।

प्रेरणा अवार्ड्सः विजेता
प्रेरणा अवार्ड प्राप्त करने वालों में षामिल थे, मिस बेबी षंकवार जिन्हें स्टार चाईल्ड चेंजमेकर का पुरस्कार दिया गया। स्टार यूथ अचीवर का अवार्ड मि. भंवर लाल दामा (कल्याणी) को दिया गया। एक्सीलेन्स इन हेल्थ अवार्ड जोलीकोटे के सेंट एन्थोनी प्रोजेक्ट को दिया गया। एक्सीलेन्स इन लिवलीहुड प्रोमोषन अवार्ड कल्याणी को दिया गया और एक्सीलेन्स इन कम्युनिटी पार्टिसिपेषन अवार्ड भारत को दिया गया। उत्तरी आयोजन के लिए स्टार एलम्नी अवार्ड मिसेज अष्विनी अरविन्द घरतकर को दिया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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‘गुसी पीस प्राइज’ से सम्मानित होंगे सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी एवं पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री एम. के. नारायणन

Posted on 30 September 2011 by admin

j-gandhi-with-globe-1एशियन नोबेल प्राइज कहे जाने वाले फिलीपीन्स के अत्यन्त प्रतिष्ठित सम्मान ‘‘गुसी पीस प्राइज’’ हेतु दो भारतीय हस्तियों को चयनित किया गया है जिनमें सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी एवं पश्चिम बंगाल के महामहिम राज्यपाल श्री एम.के. नारायणन शामिल हैं। यह जानकारी सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी है। श्री शर्मा ने बताया कि फिलीपीन्स के राष्ट्रपति महामहिम श्री बेनीगनो एस. एक्युनो-तृतीय आगामी 24 नवम्बर को फिलीपीन्स की राजधानी मनीला में आयोजित एक भव्य समारोह में यह अत्यन्त प्रतिष्ठित सम्मान प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी एवं पश्चिम बंगाल के महामहिम राज्यपाल श्री एम.के. नारायणन को प्रदान करेंगे।
श्री शर्मा ने बताया कि ‘एशियन नोबेल प्राइज’ के रूप में प्रतिष्ठित ‘‘गुसी पीस प्राइज’’ से दो महान भारतीय हस्तियों को सम्मानित किया जाना देश के लिए गर्व की बात है। डा. गाँधी का सम्पूर्ण जीवन बच्चों के लिए समर्पित है तथापि पिछले 52 वर्षों में अपने अतुलनीय प्रयासों से आपने विश्व स्तर पर ‘विश्व के दो अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य’ की आवाज बुलन्द की है एवं विश्व एकता व विश्व शांति की दिशा में पूरे विश्व में जागरूकता जगाई है एवं ‘‘गुसी पीस प्राइज’’ के माध्यम से डा. जगदीश गाँधी द्वारा बच्चों के अधिकारों व विश्व एकता व शांति हेतु पिछले 52 वर्षों से किये जा रहे अथक प्रयासों को विश्व स्तर पर एक और सम्मान से नवाजा जा रहा है। श्री शर्मा ने बताया कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री एम.के. नारायणन एक अवकाश प्राप्त आई.पी.एस. पुलिस अधिकारी हंै तथा वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी रह चुके हैं। केन्द्र तथा राज्य सरकारों को सुरक्षा मामलों में उचित परामर्श देने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। श्री नारायणन अपने संवैधानिक दायित्वों को सफलतापूर्वक निभाने के लिए जाने जाते हैं।
श्री शर्मा ने बताया कि फिलीपीन्स सरकार द्वारा 24 नवम्बर को ‘‘गुसी डे आॅफ इण्टरनेशनल फ्रेण्डशिप’’ के रूप में मनाया जा रहा है एवं इस दिन राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। सम्मान समारोह के एक दिन पूर्व 23 नवम्बर को डा. जगदीश गाँधी रिजल मेमोरियल जाकर फिलीपीन्स के उन योद्धाओं के प्रति अपना सम्मान प्रगट करेंगे जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान  की इम्पीरियल आर्मी के विरूद्ध युद्ध लड़ा था। इसके पश्चात डा. गाँधी फिलीपीन्स के महामहिम राष्ट्रपति के साथ लंच में शामिल होने के लिए मनीला स्थित राष्ट्रपति भवन जायेंगे।
श्री शर्मा ने बताया कि विश्वविख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी पूरी निष्ठा एवं दृढ़ता से सिर्फ सी.एम.एस. के ही नहीं अपितु पूरे देश व विश्व के बच्चों में जीवन मूल्य, मानव कल्याण, विश्व बन्धुत्व एवं ईश्वर भक्ति के उच्च आदर्शों को समावेश करने में संलग्न हैं। आप ही के अथक प्रयासों का प्रतिफल है कि विश्वविख्यात सिटी मोन्टेसरी स्कूल ने गिनीज़ बुक आॅफ वल्र्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया है एवं वर्ष 2002 में सी.एम.एस. को यूनेस्को द्वारा ‘शांति शिक्षा पुरस्कार’ से नवाजा गया। श्री शर्मा ने कहा कि श्री गाँधी को अब तक देश व विश्व स्तर पर अनेकों प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है तथापि अब गुसी पीस प्राइज फाउण्डेशन द्वारा उन्हें ‘एशियन नोबेल प्राइज - गुसी पीस प्राइज’ प्रदान करने की घोषणा ने विश्व समाज की सेवा हेतु उनके कार्यो को और अधिक मान्यता प्रदान कर दी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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अगले 100 दिन के लिए एजेंडा जारी - इस्पात मंत्री

Posted on 27 September 2011 by admin

नई दिल्ली केन्द्रीय इस्पात मंत्री श्री बेनी प्रसाद वर्मा के मंत्री अपने मंत्रालय के लिए अगले 100 दिनों के लिए एजेंडा जारी आज यहां. एजेंडे की परिकल्पना की गई है इस्पात 2020 तक 200 लाख टन और समय सभी पीएसयू परियोजनाओं के लिए बाध्य प्रगति सुनिश्चित करने के लिए एक सक्रिय तंत्र के लिए भारत में क्षमता बनाने में वृद्धि हुई है.

अन्य बातों के बीच एजेंडा इस्पात पर 12 वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) के लिए कार्यदल की सिफारिशों को अंतिम रूप देने में करना है. एजेंडा भी भारतीय इस्पात उद्योग में हस्तक्षेप अनुसंधान एवं विकास में नीति कागज के मुद्दे की तरह अंक शामिल, अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं और इस्पात उत्पादों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों के फिर से प्रकाशित की निगरानी के लिए परियोजना समीक्षा समिति का गठन.

एजेंडा भी नीचे इस्पात मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए मील के पत्थर देता है. इन के अलावा, एजेंडे का विश्लेषण करने के लिए
अगले 100 दिनों में संयुक्त संयंत्र समिति (जेपीसी) द्वारा जारी किए जाने वाले दस्तावेजों में इस्पात की मांग के मूल्यांकन, फेरो मिश्र धातु के सर्वेक्षण पर मसौदा रिपोर्ट के अध्ययन की अंतिम रिपोर्ट में शामिल होगा लाभकारी की व्यवहार्यता का अध्ययन और कम ग्रेड अयस्क के इस्पात के लिए उपयोग भारत में बना रही है.

अगले 100 दिनों के लिए यह बहु बिंदु एजेंडे सचिव की उपस्थिति में जारी किया गया था, इस्पात मंत्रालय, श्री पी.के. मिश्रा और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी.

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केन्द्रीय इस्पात मंत्री श्री बेनी प्रसाद वर्मा एजेंडा अगले 100 दिनों के लिए रिहा, नई दिल्ली में सचिव (स्टील) श्री पी.के. की उपस्थिति में 27 सितम्बर, 2011 को मिश्रा (बाएं) और सेल के चेयरमैन श्री सीएस वर्मा (दाएं).

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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सेल अपने एम एंड ई योजना की कई उपलब्धियां हासिल की

Posted on 27 September 2011 by admin

union-steel-minister-shri-beni-prasad-vermaकेंद्रीय इस्पात मंत्री श्री बेनी प्रसाद वर्मा के लिए मंत्री के Maharatna स्टील अथॉरिटी इंडिया लिमिटेड (सेल) Q1 के दौरान ‘12 वित्तीय वर्ष (अप्रैल - जून) के प्रदर्शन की समीक्षा आज यहां है. श्री वर्मा कंपनी 2012-13 द्वारा समय पर अपने चल रहे आधुनिकीकरण और विस्तार कार्यक्रम (एम एंड ई) के पहले चरण को पूरा करने के प्रयासों की सराहना की. चालू वित्तीय वर्ष के Q1 के दौरान, एक रिकार्ड रुपये की तिमाही पूंजीगत व्यय कर रही है. 2006 करोड़, सेल अपने एम एंड ई योजना की कई
उपलब्धियां हासिल की. सेलम इस्पात संयंत्र है जो समय पर सितम्बर ‘10 में पूरा किया गया विस्तार योजना के तहत सभी प्रमुख सुविधाएं नियमित रूप से उत्पादन के लिए स्थिरीकरण के तहत किया गया. अन्य प्रमुख उत्पादन Q1 के दौरान कमीशन सुविधाओं के अलावा कोक ओवन बैटरी भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) में नंबर 6, और कोक ओवन बैटरी बोकारो स्टील प्लांट में नंबर 1 थे.

2011-12 के Q1 में सेल के प्रदर्शन की मुख्य विशेषताएं शामिल हैं:

• उच्चतम कभी concast मार्ग के माध्यम से कच्चे इस्पात का उत्पादन 2.35 मिलियन टन हासिल की इसी अवधि के मुकाबले 5% की वृद्धि पिछले साल (CPLY) दिखा.
• उच्च उत्पादन मानव संसाधन (12%) प्लेटें, ईआरडब्ल्यू पाइप (14%), सीआर coils / शीट (9%), मध्यम स्ट्रक्चरल्स (7%), मानव संसाधन coils (6%), रेल (2% के रूप में ऐसी वस्तुओं में दर्ज की गई थी ) आदि
• रुपए के टर्नओवर. 12,167 करोड़ दिखाया CPLY से अधिक 20% वृद्धि.
2.7 लाख टन की कुल बिक्री (एमटी) 18% CPLY की तुलना में अधिक थे.
• तार छड़ (65%), जस्ती उत्पादों (43%), मानव संसाधन coils (30.6%), पाइप (28.5%), रेलवे सामग्री (10%), आदि जैसे मूल्य वर्धित मदों में बिक्री वृद्धि
• कंपनी `देश भर में डीलर नेटवर्क के माध्यम से बिक्री में 21% की ग्रोथ. सेल ज्योति और सेल टीएमटी देखा की बिक्री में 57% और 9.5%, क्रमशः इस वितरण चैनल के माध्यम से विकास के रूप में ब्रांडेड उत्पादों. 51 नए डीलरों को जोड़ा गया था.
• उच्चतम कभी रुपए की निवल मूल्य. 37,908 करोड़ हासिल था रुपये की वृद्धि को दर्शाती है. CPLY से अधिक 3415 करोड़.
• समझौता ज्ञापन MIDHANI के साथ हस्ताक्षर किए रक्षा और अन्य रणनीतिक क्षेत्रों की आवश्यकताओं को पूरा.

सेल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री CSVerma समर्थन और समय पर हस्तक्षेप और मार्गदर्शन जो कच्चे माल की आपूर्ति की सुरक्षा प्राप्त करने के लिए कंपनी की मदद के लिए मंत्री को धन्यवाद दिया. चरण-I वानिकी के पर्यावरण एवं वन (एमओईएफ) Ajitaburu लिए मंत्रालय द्वारा मंजूरी और पर्यावरण मंजूरी, Chiria लौह अयस्क खानों और खानों Barsua काल्टा - Taldih Budhaburu पट्टों कंपनी अपने इस्पात संयंत्रों के लिए सुरक्षित लौह अयस्क की आपूर्ति का आश्वासन दिया है. कंपनी भी एक प्रमुख देशों में जो संसाधन उपलब्ध हैं आश्वासन दिया कोयला आपूर्ति हासिल करने पर जोर दिया है, सरकारी - - - के माध्यम से मुख्य रूप से. अपनी कैप्टिव कोयला खदानों से उत्पादन में वृद्धि के लिए कदम उठाने के अलावा ICVL (इंटरनेशनल कोल वेंचर्स लिमिटेड, जिनमें से सेल एनटीपीसी के साथ एक सदस्य है कोल इंडिया,
एनएमडीसी और आरआईएनएल), के पहल. मंत्री ने बताया था कि प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री देश में श्रम पुरस्कार की प्राप्तकर्ताओं के 59% से अधिक इस साल सेल से थे. कंपनी ने भी हाल ही में निदेशकों के संस्थान द्वारा गोल्डन पीकॉक पर्यावरण प्रबंधन 2011 पुरस्कार से सम्मानित किया था. ‘विनिर्माण उद्योग’ श्रेणी में सबसे आकर्षक
नियोक्ता पुरस्कार के रूप में - 2011 Randstand पुरस्कार ‘.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Dr Jagdish Gandhi honoured with ‘Sanskriti Award’ for unity and amiability

Posted on 27 September 2011 by admin

jg-honouring-1Lucknow, 27 September : Renowned educationist and Founder of City Montessori School, Dr jagdish Gandhi has been honoured with ‘Sanskriti Award’ by the Indian-Norwegian Information and Cultural Forum, Norway, for his unparalleled efforts in promoting unity, peace and harmony in the world. This prestigious honour was conferred to the CMS Founder Dr Gandhi at a special ceremony, where the president of Indian-Norwegian Information and Cultural Forum and noted journalist in Norway, Mr Suresh Chandra Shukla welcomed Dr Gandhi and the Mayor of Vitvel, Oslo (Norway), Mr Torestein Winger presented the prestigious ‘Sanskriti Award’. On this occasion, Mr Dinesh Kumar Nanda, First Secretary of the Indian Embassy in Norway presented a Shawl of Honour to Dr Jagdish Gandhi. This information was given by the Chief Public Relations Officer of CMS, Mr Hari Om Sharma. Mr Sharma informed that Dr Gandhi has just returned to India on 25 September after a very successful trip to Norway. Mr Sharma said that the ‘Sanskriti Award’ was awarded to Dr Jagdish Gandhi on the 150th birth anniversary of India’s Nobel Laureate Gurudev Rabindra Nath Tagore and Nobel Peace Prize winner of Norway Mr Fridjof Nansen.
On this occasion, President of Norwegian Information and Cultural Forum and noted journalist in Norway, Mr Suresh Chandra Shukla said in his address that the struggles of Dr Gandhi’s life to success is very motivating for youth. His successful life can encourage anyone to reach the top provided one struggles firmly with dedication and the feeling to serve the mankind. Mr Shukla further said that if he get the opportunity then he would definitely like to publish Dr Gandhi’s biography in his magazine. Dr Gandhi also spoke on ‘Education for the Protection and Security of the World’. Dr Gandhi said in his address that now is the time when we must prepare young generation for global thinking and serving the world. We must teach children from their early childhood that God is One, Religion if One and Mankind is One, he said. At the end of his speech, Dr Gandhi thanked Indian-Norwegian Information and Cultural Forum and said that this prestigious award will embolden his responsibilities towards safeguarding the future of world’s two billion children.

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SAIL gives Rs. 1 crore for flood relief at Odisha

Posted on 25 September 2011 by admin

Bhubaneswar: Mr. C.S. Verma, Chairman of Maharatna Steel Authority of India Limited (SAIL), presented a cheque of Rs. 1 crore yesterday to Shri  Naveen Patnaik,  Hon’ble Chief Minister of Odisha, for the Chief Minister’s Relief Fund, to provide relief to the flood affected people of the state.
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Odisha Chief Secretary Shri B.K.Patnaik, Rourkela Steel Plant CEO Mr.S.N.Singh and other senior SAIL executives were also present on  the occasion.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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ऐक्सिस बैंक को एफआईबीएसी 2011 में ‘ओवरआॅल मोस्ट प्रोडक्टिव बैंक‘ तथा ‘बेस्ट रिस्क मास्टर अवार्ड मिला

Posted on 19 September 2011 by admin

shri-s-k-chakrabarti-deputy-managing-director-axis-bank-receiving-award-from-maharashtra-chief-minister-shriदेश में निजी क्षेत्र के तीसरे सबसे बड़े बैंक ऐक्सिस बैंक ने ‘एफआईबीएसी बैंकिंग अवार्ड्स 2011‘ में निजी क्षेत्र श्रेणी में ‘ओवरआॅल मोस्ट प्रोडक्टिव बैंक‘ तथा ‘बेस्ट रिस्क मास्टर‘ अवार्ड प्राप्त किया है। बैंक को यह अवार्ड महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री पृथ्वी राज चव्हाण ने मुंबई में, फिक्की-आईबीए द्वारा ‘ग्लोबल बैंकिंग‘ पैराडाइम शिफ्ट‘ (वैश्विक बैंकिंगः बदलते परिदृश्य) विषय पर आयोजित तीन दिवसीय सेमिनार के समापन के अवसर पर, प्रदान किया। माननीय मुख्यमंत्री के कर कमलों से यह अवार्ड ऐक्सिस बैंक की तरफ से उप प्रबंध निदेशक श्री एस. के. चक्रवर्ती ने प्राप्त किया।

इस अवसर पर श्री एस. के. चक्रवर्ती ने कहा कि, ‘‘एफआईबीसीए में दो अवार्ड्स प्राप्त कर  ऐक्सिस बैंक को अपार प्रसन्नता हो रही है। यह अवार्ड हमारी उस प्रतिबद्धता का परिचायक है, जिसके अंतर्गत हम अपने ग्राहकों को सर्वश्रेष्ठ सेवायें उपलब्ध कराने का प्रयास करते हैं और यह हमें भविष्य में भी इस कार्य के लिये प्रेरित करता रहेगा।‘‘

‘ओवरआॅल मोस्ट प्रोडक्टिव बैंक‘ का सम्मान बैंकिंग व्यवसाय में उन्हें प्रदान किया जाता है जो अपने सभी संसाधनों का सक्षमतापूर्वक उपयोग करते हैं। इनमें वित्तीय और मानव संसाधन दोनों ही शामिल होते हैं और साथ में इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि विकास के अवसरों के साथ किसी प्रकार का समझौता न किया जाये। इसका अर्थ यह हुआ कि बैंकिंग क्षेत्र में उत्पादकता से संबंधित सभी क्रियाकलाप, परिचालन खर्च से लेकर जोखिम प्रबंधन या फिर पूंजी पर्याप्तता, सब कुछ सर्वश्रेष्ठ तरीके से प्रबंधित हों। ‘बेस्ट रिस्क मास्टर‘ अवार्ड क्रेडिट का मूल्यांकन; निगरानी तथा वसूली दक्षता के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये प्रदान किया जाता है।

ऐक्सिस बैंक के विषय में:
ऐक्सिस बैंक निजी क्षेत्र में देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक है। बैंक द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं का दायरा व्यापक पैमाने पर फैला हुआ है, जिनमें लार्ज एवं मिड काॅरपोरेट बैंकिंग, एसएमई बैंकिंग, एग्रिकल्चर एवं रीटेल बैंकिंग शामिल हैं।

30 जून 2011 को भारत में बैंक के नेटवर्क में 1411 शाखा कार्यालय (एक्सटेंशन काउंटर सहित), 6,871 एटीएम्स हैं। बैंक की शाखायें 932 से अधिक शहरों एवं नगरों में हैं। इन शाखा कार्यालयों की सहायता से बैंक व्यापक एवं विभिन्न ग्राहक वर्ग तक अपने उत्पादों एवं सेवाओं को रीटेल एवं काॅरपोरेट क्षेत्र में पहुंचाने में सफल रहा है। ऐक्सिस बैंक ने सिंगापुर, हांगकांग, शंघाई, दुबई तथा अबू धाबी में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रखी है।

बैंक की वेबसाइट www.axisbank.com  इसकी विभिन्न योजनाओं के विषय में व्यापक जानकारी उपलब्ध कराती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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भारतीय राजनीति विश्वास से विज्ञापन तक - नरेन्द्र सिंह राणा

Posted on 14 September 2011 by admin

प्रारम्भ से ही भारत में राजनीति का आधार विश्वास रहा है, विज्ञापन नहीं। आजादी के चंद वर्षो बाद से राजनीति में विश्वास की जगह विज्ञापन ने ले ली है। आज देश में केन्द्र की सरकार हो या प्रदेश की सरकार हो सब अपनी लम्बी आयु के लिए विज्ञापन पर आधारित हो चली हैं। इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि विज्ञापन का अपना महत्व होता है। परन्तु जनता की गाढ़ी कमाई को अपनी वाहवाही में फूंकना कहां तक उचित है। यह बात कोई दल, सरकार समझने को तैयार नहीं है। समझाना तो दूर की बात, वे तो सुनने को भी राजी नहीं हैं, बदस्तूर अपनी झूठी सच्ची दास्तान, स्वलिखित या तैयार कराए गए विज्ञापन से पीठ ठोकने का सिलसिला जारी है।
परम पूज्य सुप्रसिद्ध रामकथा के गायक मोरारी बापू जी हरिद्वार में राम कथा सुनने आए आपने लाखों श्रोताओं को और आस्था चैनल के माध्यम से देश विदेश में रामकथा का श्रवण करने वाले करोड़ों भक्तजनों से कह रहे थे कि तस्वीर बनाने में और तकदीर बनाने में बड़ा अन्तर होता है। पैदल से पद तक, पद से पैदल तक वहां से पहुंचना आसान होता है परन्तु आत्मा तक पहुंचना लम्बी यात्रा है। ’’एम0ए0 पास हो चाहे किसी के कितने भी खास हो यदि सत्य में नहीं जीते हो तो ढाक के तीन पात हो। सत्य जिसमें आ जाता है और जो सत्य में समा जाता है उसको क्रिया नहीं करनी पड़ती स्वतः फल आ जाता है। भारत भूमि में ऐसे महापुरूष सदा से हैं जिन्होंने जो कह दिया सो हो गया। मेरी बातें किसी विज्ञापन के लिए नहीं विश्वास पर आधारित हैं। राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद महात्मा गांधी जी ने अपने सम्पूर्ण जीवन में सत्य को अपनाया उसी को ओढ़ा और बिछाया। जब-जब आवश्यकता पड़ी देशवासियों को उनके कर्तव्यों व अधिकारों के लिए सत्य से अवगत कराया, परिणामस्वरूप देश गुलामी की काली छाया से बाहर आया। राष्ट्र संत विनोबा भावे जी भी महात्मा गांधी के साथ देश के लिए मानव सेवा के लिए अपना सर्वस्व त्याग कर हर समय उनके साथ डटे रहे। महान कवि ठाकुर रविन्द्रनाथ टैगौर जी भी अपनी कविताओं के माध्यम से जनमानस को जगाते रहे। यद्यपि गांधी जी व रविन्द्रनाथ जी में कुछ वैचारिक मतभेद भी रहे, परन्तु अत्यन्त ही सहज सरल व सजग तरीके से उसको दोनों ओर से व्यक्त किया गया। यह बात आज के आपाधापी जीवन में बहुत ही कम लोगों को ज्ञात होगी कि गांधी जी को सबसे पहले टैगौर ने ही महात्मा कह कर पुकारा था। उसके बाद उस महान विभूति ने जिसका जितना भी स्मरण किया जाए हमारे लिए और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी अपर्याप्त ही रहेगा। उस नेता जी के नाम से सुप्रसिद्ध सुभाष चन्द्र बोस ने गांधी जी को महात्मा कहकर देश की आजादी में सिंगापुर से उनसे आशीर्वाद मांगा था। मेरे देश के संतों ने देश को ही नहीं सम्पूर्ण जगत को प्रकाशित किया है। सब मानव मात्र के कल्याण के लिए यहां तक की नभचर, जलचर, थलचर नाना जीवों के कल्याण के लिए सर्मिर्पत रहे। प्रभु श्री राम-कृष्ण-महाबीर-बुद्ध-रहीम-सूफीफरीद-तुलसी-नानक-कबीर-चैतन्यमहाप्रभु-मीराबाई- बिट्ठल-तुकाराम-रतनगिर बाबा-सरदारा सिंह व बहोती देवी सबने प्रकाशित किया। जगत को प्रभावित करना बहुत आसान है, प्रकाशित करना बेहद मुश्किल है। आज राजनीति में ऐसे-ऐसे लोग आ गए हैं जो खाते स्वदेशी महात्मा गांधी के नाम पर हैं और गाते विदेशी गांधी की हैं। कांगे्रस तथा यूपीए सरकार में कुछ तो ऐसे हैं जो जवाब के भी लायक नहीं हैं। कहाॅं बैरिस्टर, सुसम्पन्न महात्मा गांधी जो अपने वतन की आजादी के लिए अपने महलों को त्यागकर आश्रम की छोटी सी झोपड़ी में सपत्नीक रहे, कहां ये जो अपना वतन छोड़कर यहां आलीशान महलों में रह रहे हैं। इनके चम्पुओं की अकड़ और अहंकार को गांधीवादी अन्ना हजारे साहब ने कुछ हद तक ठिकाने लगा दिया है और रही सही बाकी कसर जनता पूरी कर देगी। इनके लिए रामलीला मैदान का मंच खूब सजा रहा। आज रालेगढ़ सिद्धि में मंच लगा है। वहां से जनभावनाएं प्रकट करते लोग प्रायः यह कहते सुने जाते हैं, ’’कुछ तो मेरा (अन्ना का) ख्याल करते हैं-वो मुझे बेइमान कहते हैं (कांगे्रस प्रवक्ता मनीष तिवारी) आॅंखें उनकी बिगड़ी हैं-सवाल मुझसे पूछा करते हैं (दिग्विजय सिंह) मरने वाले तो बेबस होते ही हैं-यहां तो जीने वाले कमाल करते हैं। मोस्ट वांटेड आतंकवादी को ओसामा जी कहकर संबोधित करते हैं। जहां महान समाजसेवी अन्ना हजारे जी जिनमें अनेक गुण हैं यहां मैं उनके तीन महान गुणों की बात कर रहा हॅू, जिनके कारण लोग उनकी बात को गम्भीरता से सुनते हैं और मानते हैं। वहीं कांगे्रस तथा यूपीए सरकार में भंयकर दुर्गुण हैं जिनके कारण वह जनता की नजरों से गिर चुकी है। जैसे 1- अन्ना का सर्मिर्पत जीवन- अन्ना हजारे ने अपना पूरा जीवन देश व समाज की सेवा में समर्पित किया हुआ है। सनातन सत्य है जो समर्पित होता है वह तिनका भी पहाड़ बन जाता है और यदि कोई समर्पण के स्थान पर अपहरण की नीति अपनाए तो वह पहाड़ भी तिनका बन जाता है। पूज्य संत गोस्वामी तुलसीदास जी ने माॅं सीता की छायामात्र का अपहरण करने गए रावण को स्वान कहा है। सन् 1971 में देश के लिए जान की बाजी लगाने वाली भारतीय सेना की टुकड़ी का एक सिपाही जो तब ड्राइवर की भूमिका निभा रहा था वही किशन बाबू राव हजारे आज समाज व देश सेवा में समर्पण के महान् गुण के कारण तिनके से पहाड़ हो गया। वहीं समर्पण के अभाव तथा अपहरण की नीति पर चलते वर्तमान सत्ता और आजादी के बाद से लम्बे समय तक देश पर राज करने वाली कांगे्रस पार्टी तिनके के समान हिल रही है। 2-नाम और रूप को छोड़ना- अन्ना हजारे ने अपने नाम और रूप दोनों को छोड़ा हुआ है। सहज, सरल परन्तु अत्यन्त सजग संत अन्ना हजारे गांव के मन्दिर में बने 10ग8 के कमरे में रहते हैं, खादी की धोती व कुर्ता पहनते हैं तथा घड़े का पानी पीते हैं। गांव के स्कूल में बनने वाला साधा भोजन छात्रों के साथ करते हैं वह भी दिन में केवल एक बार। वर्तमान सरकार तथा सत्ता के शीर्ष का हाल जानने के लिए एक तत्कालीन मंत्री का उदाहरण ही काफी है। बताते चलें देश की राजधानी नई दिल्ली में 2008 में हुए श्रंखलाबद्ध विस्फोटों के समय  दिन में कई बार पोशाक बदलना नहीं भूले थे देश के तत्कालीन गृहमंत्री। इलेक्ट्रानिक चैनल ने जब उनकी गम्भीरता से देश को अवगत कराया तब पता चला सरकार के मंत्री के लिए मुसीबत में भी मौज जरूरी है। वहां संवाददाता तथा यहां लेखक किसी की निजता पर सवाल खड़ा नहीं कर रहा है, बल्कि देश पर आए संकट के समय देश की रक्षा की जिम्मेदारी निभाने वाले तत्कालीन गृह मंत्री के रवैय की निन्दा करते हुए अपना मत बता रहा है। कांगे्रस पार्टी ने उस समय जनता का आक्रोश न बढ़े इस कारण उनको पद से हटाया परन्तु कुछ समय बाद उन्हीं को उससे बड़ा पद दे दिया। जनता के हक की लड़ाई लड़ रहे परम सम्मानित अन्ना हजारे कभी व्यक्ति बदलने की बात नहीं करते बल्कि जनता की आॅंखों में धूल झोंकने की वृत्ति छोड़ने की बात करते हैं। उल्लेखनीय है कि वर्तमान सत्ता के शीर्षस्थों के खान-पान, रहन-सहन व स्वास्थ्य पर बोलना मना है, उनकी बीमारी के बारे में जानना भी मना है। तभी तो विदेश से शल्य चिकित्सा कराकर लौटी श्रीमती सोनिया गांधी की बीमारी को अभी तक छुपाया जा रहा है इत्यादि। अन्ना अपने रंग रूप को संवारने पर कुछ भी खर्च नही करते और सत्तारूढ़ माननीय अपने रंग रूप को संवारने पर भारी-भरकम राशि का इस्तेमाल करते हैं। बाकायदा उनके लिए इस प्रकार के धन का बजट में आवंटन होता है। 3- यश छोड़ना-अन्ना का अपना कोई राजनीतिक दल नहीं है न ही वह किसी राजनीतिज्ञ से मंच साझा करते हैं। उनके साथ ईमानदार,साफ छवि वाले महानुभाव होते हैं और आपके साथ जो होते हैं प्रायः उनके विषय में साॅंप की केंचुली बदलने वाली कहावत ही पर्याप्त है। शेष आगे लिखगें- विजेन्द्र त्यागी के इस शेर के साथ आज के लेख की बात समाप्त
खुद आते हैं कब परिवर्तन, इन्हें लोग लाया करते हैं
उन्हीं की दासी होती मंजिल, जो काॅंटों से पग भरते हैं

लेखक-    उ0प्र0 भाजपा के मीडिया प्रभारी हैं।
लखनऊ, मो0 9415013300
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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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अन्ना हजारे को भारत रत्न या नोबेल पुरस्कार : एनजीओ नें ऑनलाइन सर्वेक्षण शुरू किया

Posted on 03 September 2011 by admin

अन्ना हजारे का नाम नोबेल पुरस्कार के लिए मनोनीत करने और अन्ना को भारत रत्न पुरस्कार देने संबधी आवाजें पिछले कुछ समय से समाज के बिभिन्न विभिन्न हलकों से उठती रहीं हैं |अन्ना हजारे के हाल ही में संपन्न भ्रष्टाचार के खिलाफ सफल आंदोलन के बाद इन मांगों नें और अधिक गति प्राप्त कर ली है |

लखनऊ का एक एनजीओ येश्वार्यज  सेवा संस्थान  इस मुद्दे पर देश-दुनिया के विचार जानने के लिए ऑनलाइन सर्वेक्षण  के एक अद्वितीय विचार के साथ आगे आया है|

इस मुद्दे पर बोलते हुए येश्वार्यज की  सचिव  उर्वशी शर्मा ने कहा कि चूंकि मुद्दा  समकालीन और प्रासंगिक है अतः  हम इस मुद्दे पर एक ऑनलाइन सर्वेक्षण के द्वारा देश-दुनिया की नव्ज जानकर सही तथ्य सबके सामने रखना चाहते हैं |”  इस  ऑनलाइन सर्वेक्षण में भाग लेने के लिए यूज़र को ऑनलाइन यूआरएल http://yaishwaryaj.surveydaddy.com/s/nobel-prize-nomination-or-bharat-ratna-to-anna-hazare पर क्लिक करना होगा |

सर्वेक्षण में पांच विकल्प है जिसमें से  भागीदार  केवल एक विकल्प का चयन कर सकते हैं |विकल्पों में  पूँछा गया है कि क्या भारत सरकार को पहले अन्ना को भारत रत्न प्रदान करना चाहिए   या पहले नोबेल पुरस्कार के लिए अन्ना हजारे का  नाम मनोनीत करना चाहिए  या  सरकार को इन   दोनों कार्यों को एक साथ करना  चाहिए या  सरकार को एस मुद्दे पर कुछ भी नहीं करना चाहिए या  मुद्दे पर भागीदार की कोई  राय नहीं है |

येश्वर्याज की सचिव उर्वशी शर्मा नें और जानकारी देते हुए कहा  ”अभी, सर्वेक्षण ऑनलाइन ही उपलब्ध है  हम सर्वेक्षण के प्रपत्र  मुद्रित कराने
जा रहे हैं  और यह उत्तर प्रदेश के सभी शहरों में आम जनता के लिए लाने की  योजना बना रहे हैं  |हम  सामान विचारधारा बाले सभी गैर सरकारी संगठनों और स्वयंसेवकों से इस उपक्रम में येश्वार्यज की मदद करने के आवाहन करते हैं , ताकि इस सर्वेक्षण को व्यापक आधार प्रदान कर  तार्किक परिणाम प्राप्त किये जा सकें |”

संपर्क करें - 9369613513, 8081898081 9455553838
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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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हर्बल चाय से मशहूर डॉक्टर निधि माहेश्वरी को राष्ट्रपति अवॉर्ड 2 सितंबर 2011

Posted on 03 September 2011 by admin

ताजनगरी आगरा की डॉक्टर निधि माहेश्वरी ने फिर शहर का नाम ऊंचा कर दिया है। उन्हें उत्कृष्ट उद्यमिता के राष्ट्रीय पुरस्कार 2010 से नवाजा गया है। दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटील की उपस्थिति में उन्हें यह अवॉर्ड दिया गया। वह हर्बल उत्पाद बनाने वाली इशान हर्बोटेक इंटरनेशनल नाम की कंपनी की प्रमुख हैं।

आयुर्वेद की जानकार डॉक्टर निधि माहेश्वरी को दुनिया भर में एक खास किस्म की आयुर्वेदिक चाय का फॉर्मूला बनाने के लिए जाना जाता है। इस चाय से वजन कम हो सकता है तो चेहरे की रंगत भी बढ़ जाती है। आयुर्वेद में विशेष शिक्षा ले चुकी डॉक्टर निधि दिल्ली के एम्स में शोध वैज्ञानिक के रुप में वर्षों कार्यरत रहीं।
इसके बाद ग्रेटर नोएडा के एक इंस्टीट्यूड में बायो मेडिकल कॉलेज की विभागाध्यक्ष रहीं। वह कहती हैं-”आयुर्वेद से मुझे बचपन से लगाव रहा। मैंने आगरा कॉलेज से एमएससी और फिर एस एन मेडिकल कॉलेज से पीएचडी की। कैंसर के इलाज में हर्बल औषधियों के इस्तेमाल पर शोध के दौरान मुझे आर्युवेद में विशेष दिलचस्पी पैदा हुई। इसके बाद मैंने कुछ उत्पाद निर्मित किए।”

डॉक्टर निधि के पति डॉक्टर यू के माहेश्वरी का संबंध भी आगरा से है। उनकी कंपनी अब हेल्थ प्रोडक्ट के साथ ब्यूटी प्रोडक्ट भी बना रही है। उनके सभी उत्पाद रसायन मुक्त और ऑर्गेनिक सर्टिफाइड हैं। वह अब अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों में अपने हर्बल प्रोडक्ट का निर्यात कर रही हैं। इशान हर्बोटेक के अंतर्गत वह लगातार नए उत्पाद बनाने की दिशा में अग्रसर हैं। इस कंपनी की स्थापना उन्होंने 2002 में की थी। शुरुआती दौर में वह सिर्फ हर्बल प्रोडक्ट के निर्यात से जुड़ी थी लेकिन 2006 में उन्होंने हर्बल प्रोडक्ट का निर्माण भी शुरु कर दिया। लघु उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में उनके प्रयास को सराहना मिली है। माइक्रो प्रोडक्ट की श्रेणी में विशेष काम को देखते हुए उन्हें साल 2010 में उत्कृष्ट उद्यमशील का पुरस्कार दिया गया है। भारत सरकार छोटे,मंझोले और मध्यम स्तर के उद्योगों को बढ़ावा देने के मकसद से हर वर्ष यह पुरस्कार देती है। इस साल डॉक्टर निधि माहेश्वरी के अलावा कुछ अन्य उद्यमियों को भी अवॉर्ड दिया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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