Archive | July, 2012

निर्मल भारत अभियान प्रत्येक व्यक्ति का अपना अभियान बनाया जाय-आलोक रंजन

Posted on 31 July 2012 by admin

उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने पंचायत विभाग को निर्देश दिए हैं कि निर्मल भारत अभियान (सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान) के अन्तर्गत चयनित ग्रामो में ग्रामीणों को खुले में शौच जाने की व्यवस्था से मुक्त कराया जाय और ठोस एवं द्रव्य अवशिष्ट प्रबन्धन की समुचित व्यवस्था करते हुए ग्रामीणों के मन में निर्मल भारत अभियान के सम्बन्ध में जागरूकता पैदा की जाय। उन्होने कहा कि पंचायती राज विभाग को हर संभव कोशिश करनी चाहिए कि निर्मल भारत अभियान प्रत्येक व्यक्ति का अपना अभियान बन सके और लोग खुले में शौच करने तथा गंदगी फेकने से स्वेच्छापूर्वक बचना शुरू करें।
श्री आलोक रंजन आज अपने कार्यालय में पंचायत राज के विभाग के विभिन्न विकास कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे थे। समीक्षा बैठक में प्रमख सचिव श्री मनोज कुमार, निदेशक, पंचायती राज श्री मुरलीधर दुबे, विशेष सचिव पंचायती राज ताहिर इकबाल तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। बैठक मंे निर्मल भारत अभियान के साथ डा0 राम मनोहर लोहिया समग्र विकास योजना, भूख मुक्ति व जीवन रक्षा गारण्टी योजना की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने निर्मल भारत अभियान के प्रचार के सम्बन्ध में कार्य योजना केन्द्र को भेजने के निर्देश देते हुए कहा कि ग्रामीणों को इस अभियान से ज्यादा से ज्यादा जोड़ने के लिए एक प्रोत्साहन पुरस्कार, जिसे निर्मल पुरस्कार के नाम से बनाया जाय प्रदान करने का कार्य करना चाहिए। उन्होने बैठक में पंचायत विभाग में प्रियासाफ्ट एकाउण्टिंग साफ्टवेयर की भी समीक्षा की, जिसमें पाया गया कि 50,000 से ज्यादा पंचायतों द्वारा अपने खर्चो का लेखा-जोखा प्रिया साफ्टवेयर पर दर्ज किया जा रहा है। पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि (बी0आर0जी0एफ0) जिसके अन्तर्गत राज्य के 35 जिलों की 420 क्षेत्र पंचायतें, 27353 ग्राम पंचायतें और 262 नागर निकाय आच्छादित होते हैं के क्रियाकलाप की भी समीक्षा की गई । कृषि उत्पादन आयुक्त को अवगत कराया गया कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों तथा जिला पंचायतों में विकास कार्यो के लिए 744 करोड़ की धनराशि सम्बन्धित जिलों को उपलब्ध करा दी गई है। 13वें वित्त आयोग के अन्तर्गत भारत सरकार से मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए धनराशि शीघ्र अवमुक्त कराने के लिए कार्यवाही पूरी करने के निर्देश कृषि उत्पादन आयुक्त ने दिए।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने बी0आर0जी0एफ0 के कार्यो की समीक्षा करते हुए कहा कि इस योजना से आच्छादित जनपदों के जिलाधिकारियों द्वारा जिला योजना समिति की बैठकें अविलम्ब करायी जायें। बी0आर0जी0एफ0 की वार्षिक कार्य योजना को स्वीकृत कराते हुए उसे प्लान प्लस साफ्टवेयर पर अपलोड करा दिया जाय, जिससे मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए भारत सरकार से धनराशि शीघ्र मिल सके।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
[email protected]
[email protected]

Comments (0)

विष्व स्तनपान सप्ताह 1-7 अगस्त तक मनाया जायेगा -मुकेष मेश्राम

Posted on 30 July 2012 by admin

नवजात षिषु के लिए माॅं का दूध ही सर्वोंत्तम आहार है। प्रत्येक वर्ष की भाॅंति इस वर्ष भी अगस्त माह का प्रथम सप्ताह विष्व स्तनपान सप्ताह के रूप  में मनाया जायेगा। यह जानकारी देते हुए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिषन के निदेषक श्री मुकेष मेश्राम ने बताया कि वर्ष 2012-13 का थीम ‘‘अतीत के अनुभव, श्विष्य की योजना’’ है। स्तनपान षिषु का मौलिक अधिकार है तथा विभिन्न शोधों से यह स्पष्ट हो चुका है कि षिषु के व्यापक विकास और स्वास्थ्य के लिए अवष्यक है कि षिषु को प्रथम 6 माह तक केवल माॅं का ही दूध पिलाया जाय। तत्पष्चात घर की बनी हुई सुपाच्य सामग्री के साथ 2 वर्ष की आयु तक माॅं का दूध पिलाया जाना चाहिए। इस उद्देष्य की पूर्ति हेतु स्तनपान को विषेष रूप से बढ़ावा देने के लिए विष्व स्तनपान सप्ताह (1-7 अगस्त 2012) मनाया जा रहा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
[email protected]
[email protected]

Comments (0)

44- National Convention of International Goodwill Society concludes

Posted on 29 July 2012 by admin

Civil Society plays significant role in  bringing positive social change
— Shri Mata Prasad Pandey, Speaker, UP Legislative Assembly

inauguration_goodwill-society-122nd National Convention of International Goodwill Society of India concluded today at City Montessori School, Kanpur Road auditorium. At this convention, eminent speakers put forth their views on the theme of the convention ‘Role of Civil Societies in Governance and Development’ highlighting the latest beliefs about the dimensions and significance of civil societies. The souvenir of the society was also unveiled on the occasion. Earlier the Speaker of UP Legislative Assembly, Shri Mata Prasad Pandey formally inaugurated the convention by lighting the lamp with Chief Guest of the occasion, Mr N K Mehrotra, Lok Ayukta, UP. Expressing his views at the convention, Shri Mata Prasad Pandey said that the theme of the 22nd National Convention of Goodwill Society i.e.. ‘Role of Civil Societies in Governance and Development;’ is fit to the occasion. The civil societies need public support and this union of civil societies and the public puts pressure on the government to take action against wrong policies. He said that with civil societies contributing in building public opinion, a positive change in social set up can indeed be brought about.
Chairman of the Reception Committee, National Convention of Goodwill Society of India and renowned educationist Dr Jagdish Gandhi, Founder, CMS, welcomed all the eminent personalities attending the meeting saying that their participation in this convention, besides adding glory to the occasion, indicates the importance of pubic participation in social development. Dr Gandhi said that in today’s world scenario where the world has been converted into a global village, there is an urgent need for the formation of a new world order based on the concept of justice for all and this organization has this particular objective as its aim. He said that with its philosophy of Vasudhaiv Kutumbkam India has the potential to lead the world towards the formation of a world order based on social justice.
Chief Guest of the occasion, Hon’ble Justice N K Mehrotra, Lok Ayukta, UP, said that the services government provides are analyzed by the civil societies and its effects are seen in the elections that follow after 5 years of rule of a particular government. He said that proper administration is a theory of public administration. This is not the main objective but is the best way to achieve the objective. He said that today, when the social development, about to reach its pinnacle, there is a need for the government to get rid of its worst enemy, corruption and make sure that it provides the best services. Expressing his views at the convention, Dy Chairman, Planning Commission, UP, Mr N C Bajpai said that the needs of the society are changing with time. While earlier we talked about Social Justice, which later changed to Equable Social Justice, now we are talking about Empowerment and behind all these positive changes are the sincere and honest efforts of civil societies which help in building public opinion and bringing transparency and accountability in administrative procedures.
Central President of International Goodwill Society of India, Mr Yogendra Narain said that in democracy, civil society’s voice is heard not just by the public but also by the governments and if civil society is aware it can help in eradicating many vices. He said that in order to achieve this objective a society should first ensure that it is proactive instead of being reactive. He said that in their efforts of being helpful to the society, the civil societies should also make sure that they don’t work on commercial basis and highlight society’s issues instead of their own. Besides, the views and opinions of each member of the civil society should be completely independent and before taking any step he should think how it can help the society rather than thinking how he himself can benefit from the society. He said that we should aim not to oppose the government but to oppose the policies.
General Secretary of International Goodwill Society of India, Dr R K Bhatnagar informed that the International Goodwill society was established by the former Chief Justice of International Court of Justice, Late Hon’ble Justice Nagendra Singh with a view to establish world unity and world peace. On this occasion Dr Bhatnagar also read out the annual progress report of the society.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
[email protected]
[email protected]

Comments (0)

रचनोत्सव इवेन्ट्स अकादमी और यूके की प्रमुख लीड्स मेट्रोपोलिटन यूनिवर्सिटी में इवेन्ट मैनेजमेंट और वेडिंग प्लानिंग की शिक्षा को बढावा देने के लिए MoU साइन किया

Posted on 28 July 2012 by admin

हैदराबाद की रचनोत्सव इवेन्ट्स अकादमी जोकि एशिया की पहली इवेन्ट मैनेजमेंट और वेडिंग प्लानिंग अकादमी है ने यूके की लीड्स मेट्रोपोलिटन यूनिवर्सिटी के साथ इवेन्ट मैनेजमेंट कैरिकुलम के विकास के लिए हाथ मिलाया। रचनोत्सव इवेन्ट्स अकादमी हैदराबाद की फाउन्डर डायरेक्टर मिस. राखी कंकारिया और यूके की लीड्स मेट्रोपोलिटन यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर श्री एन्ड्रयू डिस्बरी ने डवन् पर हस्ताक्षर किये जोकि दोनों संस्थानों के बीच एक शैक्षिक सहयोग और सन्धि है जो कोर्स कैरिकुलम का विकास अन्तर्राष्ट्रीय ज्ञान के आदान प्रदान और व्यवसायिक प्रतिभा को तैयार करने के लिए है जिसमें कि इवेन्ट मैनेजमेंट और वेडिंग प्लानिंग उद्योग को बढावा मिल सके।
इस डवन् पर रचनोत्सव इवेन्ट्स अकादमी की डायरेक्टर मिस. राखी कंकारिया ने आज एक प्रेस नोट जारी किया और कहा रचनोत्सव इवेन्ट्स अकादमी साउथ एशिया की पहली शैक्षिक संस्था है जहां इवेन्ट मैनेजमेंट और वेडिंग प्लानिंग दोनों में एकीकृत कोर्स उपलब्ध है। लीड्स मेट्रोपोलिटन यूनिवर्सिटी के साथ डवन् पर हस्ताक्षर करने के उपरान्त दोनों ही संस्थान एक दूसरे का विश्वव्यापी शिक्षा में श्रेष्ठता पाने के लिए पारस्परिक रूप से सहयोग करेंगे और उपलब्ध संसाधनों को लेकर एकीकृत कैरिकुलम तैयार करेंगे।
इस सन्धि द्वारा रचनोत्सव इवेन्ट्स अकादमी इवेन्ट मैनेजमेंट, स्पोर्ट्स इवेन्ट मैनेजमेंट और वेडिंग प्लानिंग में फाउन्डेशन तथा एडवान्स्ड कोर्सेस भी हैदराबाद कैम्पस में चलायेंगे। इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के उपरान्त कई ऐसे रास्ते खुल गये हैं जिनसे शैक्षिक, औद्योगिक और इन्टर्नशिप आधारित रोजगार को इवेन्ट मैनेजमेंट, स्पोर्ट्स इवेन्ट मैनेजमेंट और वेडिंग प्लानिंग में फाउन्डेशन तथा एडवान्स्ड स्तर पर बढावा और मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही ये डवन् रचनोत्सव इवेन्ट्स अकादमी और लीड्स मेट्रोपोलिटन यूनिवर्सिटी दोनों के गुणों को और पारस्परिक उद्देश्यों को साथ लाकर योग्य और प्रोफेशनल इवेन्ट मैनेजर्स और वेडिंग प्लानर्स तैयार कर सकेगा।
श्री एन्ड्रयू डिस्बरी, डायरेक्टर इन्टरनेशनल एकेडमिक रिलेसन्स जिन्होंने डवन् पर हस्ताक्षर किये उन्होंने स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा कि लीड्स मेट्रोपोलिटन यूनिवर्सिटी कैरिकुलम को तैयार करने में, वर्कशाॅप का विकास करने में, स्टाॅफ को ट्रेंड करने में और ओवरसीज इन्टर्नशिप में हर तरह से सहयोग और सहायता देगी। इस डवन् का उद्देश्य है उच्च दर्जे की योग्यता, नौकरी के अवसर, उद्योग तथा शैक्षिक एकीकरण। ये सीधे भारतीय युवाओं की आशाओं और सपनों को सम्बोधित करेगा।’’ श्री एन्ड्रयू डिस्बरी ने कहा।
रचनोत्सव इवेन्ट्स अकादमी की डायरेक्टर राखी कंकारिया ने कहा’’ ऐसी कई शैक्षिक संस्थाएं और संगठन है जो इवेन्ट मैनेजमेंट की ट्रेनिंग छोटे स्तर पर देते हैं और उनका पाठ्यक्रम ढांचारहित होता है। हम विश्वास रखते हैं एक व्यवसायिक ढंग की शिक्षा में जो किसी विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त भी हो, जिससे कि क्षेत्रों को इस कोर्स को एक नये नजरिये से पूरा करने में मदद मिलेगी। एक्सचेन्ज प्रोग्राम के तहद रचनोत्सव का क्षेत्र अपने खर्चे पर कुछ समय के लिए यूके आकर यहां विश्वव्यापी शैक्षिक अनुभव पा सकते है।
रचनोत्सव इवेन्ट्स अकादमी शुरूआत में इवेन्ट मैनेजमेंट में तीन और वेडिंग प्लानिंग में एक कोर्स चलायेगें। इनमें Basic Professional Foundation Course in Event Management (BPFCEM), Advance Masters Course in Event Management (AMCEM) aur Advanced Masters Course in Wedding Planning and Designing (AMCWP)  होगें। कोर्स में दाखिला लेने वालों के लिये किसी भी बोर्ड High School Board viz. CBSE / ICSE / State Board / IB से बारहवीं पास करना अनिवार्य है। अंग्रेजी  में 60 प्रतिशत अनिवार्य है जो कि IELTS 6.0  के बराबर है।

Comments (0)

स्कूली शिक्षकों के सशक्तिकरण के लिए पीयरसन ने डीसलेक्सिया के लिए क्रांतिकारी स्क्रीनिंग टेस्ट शुरू की

Posted on 28 July 2012 by admin

pic1शिक्षा के क्षेत्र में दुनिया भर में अग्रणी पीयरसन के एक डिविजन, पीयरसन क्लिनिकल एंड टैलेंट ऐसेसमेंट ने आज अपने प्रमुख, डीसलेक्सिया स्क्रीनिंग टेस्ट के भारतीय संस्करण (डीसलेक्सिया स्क्रीनिंग टेस्ट दृ जूनियर, इंडिया एडिशन या डीएसटी-जे इंडिया) को भारतीय बाजार में पेश किया। इसे देश भर के स्कूलों में स्कूली शिक्षकों, विशेष शिक्षकों और मनोवैज्ञानिकों के लिए पेश किया गया है।
डीएसटी-जे इंडिया एक क्रांतिकारी मनोवैज्ञानिक स्क्रीनिंग टेस्ट है जिससे डीसलेक्सिया के जोखिम वाले बच्चों की पहचान की जाती है। इसे वर्ल्ड एजुकेशन समिट 2012 में नई दिल्ली में पेश किया गया था। समझा जाता है कि डीएसटी-जे इंडिया स्कूलों में सीखने की कमजोरी वाले बच्चों की पहचान करने के तरीके में बदलाव लाएगा और सभी बच्चों के पढ़ने के लिए एक इनक्लूसिव माहौल बनाएगा। डीएसटी-जे इंडिया का विकास पीयरसन क्लिनिकल एंड टैलेंट ऐसेसमेंट के अग्रणी वैज्ञानिक अनुसंधान से किया गया। इससे भारत में बच्चों और वयस्कों के पढ़ने के तरीके को बदला जा रहा है। यह जांच अनूठी है क्योंकि अन्य ज्यादातर मनोवैज्ञानिक परीक्षणों से अलग इस स्कूल सिस्टम में जिस टेस्ट का उपयोग किया जाता है उसे शिक्षक भी कर सकते हैं।
डीएसटी-जे इंडिया को डॉ. एंजेला फॉसेट ने पेश किया। इससे पहले उन्होंने दि वर्ल्ड एजुकेशन समिट में ष्दि डीएसटी-जे इंडिया . एन इनोवेशन इन टीचर एमपावरमेंटष् पर अपना व्याख्यान दिया था। डॉ एंजेला फॉसेट डीसलेक्सिया पर अंतरराष्ट्रीय विद्वान और ब्रिटिश डीसलेक्सिया एसोसिएशन की वाइस प्रेसिडेंट और स्वानसी यूनिवर्सिटी, यूके में एमेरीटस प्रोफेसर हैं।
इस मौके पर अपने विचार रखते हुए डॉ. फॉसेट ने कहा, डीएसटी-जे को डीसलेक्सिया और सीखने की दूसरी मुश्किलों के सबसे सफल और प्रभावी स्क्रीनिंग टूल के रूप में सारी दुनिया में जाना जाता है। इसकी वजह से दुनिया भर में 20 प्रतिशत तक बच्चे नाकाम और तनाव में रहते हैं। यह बच्चों के असफल होने से पहले शिक्षकों को पढ़ाई संबंधी समस्याओं की पहचान करने और सीखने में सहायता करने में सक्षम बनाता है। डीएसटी-जे इंडिया भारत में उन बच्चों के भविष्य में बदलाव लाएगा जो सीखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस तरह वे अपनी कमजोरियों से जीतकर अपनी शक्ति दिखा सकेंगे। इस टेस्ट को भारत में लाने पर मुझे खुशी है।
लांच के समय पीयरसन क्लिनिकल एंड टैलेंट ऐसेसमेंट में सीनियर प्रोडक्ट डेवलपमेंट लीडर डॉ. नितिन आनंद भी मौजूद थे। उन्होंने डीएसटी-जे इंडिया के मानकीकरण की शुरुआत की थी। भारत की स्कूल व्यवस्था में डीएसटी-जे इंडिया की भूमिका से आशावान डॉ. नितिन आनंद ने कहा, भारतीय स्कूल प्रणाली में ऐसेसमेंट का विकास करने में डीएसटी-जे इंडिया एक महत्त्वपूर्ण घटना है। डीएसटी-जे इंडिया यह सुनिश्चित करेगा कि परंपरागत कक्षाओं में अभी तक कमजोर स्थिति में रहने वाले जो छात्र सीखने की अपनी कमजोरियों के कारण खराब स्थिति में रहे हैं उनकी पहचान शुरुआती स्थिति में ही हो जाएगी। समय पर आवश्यक सहायता मुहैया कराने के लिए शुरू में ही इस स्थिति की पहचान जरूरी है ताकि समय पर उन्हें आवश्यक सहायता दी जा सके और सीखने की उनकी रफ्तार में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके। डीएसटी-जे इंडिया एक सघन वैज्ञानिक अध्ययन का भाग है जो भारत के ग्यारह शहरों में किया गया था ताकि शिक्षा, मनोविज्ञान और संबद्ध क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाला आकलन मुहैया कराने की पीयरसन की प्रतिबद्धता सुनिश्चित कर सके।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
[email protected]
[email protected]

Comments (0)

कृषि के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी में महत्त्वपूर्ण वृद्धि हुई

Posted on 27 July 2012 by admin

पिछले दो दशकों में कृषि के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी में महत्त्वपूर्ण वृद्धि हुई है स इसका प्रमाण इस बात से लगाया जा सकता है की आज भारत में कृषि से जुडी हुई कुल जनसँख्या की लगभग 40 प्रतिशत  आबादी महिलाओं की है स यह बात प्रदेश के एक प्रख्यात आर्थिक एवं सामाजिक शोध संस्थान “अवध रिसर्च फाउंडेशन के वार्षिक समारोह के दौरान आयोजित एक चर्चा में उभर कर आई स यह समारोह दिनांक 27जी जुलाई, 2012 को होटल डायमंड पैलेस, लखनऊ के सभागार में आयोजित किया गया स

यह कार्यक्रम देश एवं विदेश के प्रतिष्ठित शोधकर्ताओं, प्रबंधकों, शिक्षाविदों तथा शासनतंत्र के संचालनकर्ताओं को एक मंच पर लाने का एक अनूठा प्रयास था स इस कार्यक्रम का उदघाटन ।त्थ् के निदेशकों अनुपम चटर्जी एवं श्री संतोष श्रीवास्तव द्वारा किया गया स कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों द्वारा भाग लिया गया स

सभा को संबोधित करते हुए श्री अनुपम चटर्जी (निदेशक प्रोजेक्ट्स, ने कहा कि  “आंकड़ों के अनुसार देश के कुल ग्रामीण पुरुष श्रमिकों का लगभग 53 प्रतिशत कृषि में हैं, जबकि कुल ग्रामीण महिला श्रमिकों का लगभग 85 प्रतिशत कृषि में कार्यरत है तथा यह अंतर नित्य बढ़ता ही जा रहा है स एक अनुमान के अनुसार हमारे गाँवों के लगभग एक चैथाई परिवारों का भरण-पोषण विभिन्न कारणों-वश महिलाओं द्वारा ही किया जाता है स इन कारणों में पति की अकाल मृत्यु, परित्याग तथा परिवार के पुरुषों का जीविका की तलाश में शहरों की ओर पलायन करना शामिल हैं स परिणाम स्वरुप इन महिलाओं को अक्सर परिवार से जुड़े सभी कार्यों की बागडोर अपने हाथों में लेनी पड़ती है, चाहे वो खेती हो या फिर पशुधन सँभालने की जिम्मेदारी स”

देश में महिलाओं की कृषि के क्षेत्र में प्रमुख भूमिका होने के बावजूद हमारे देश के पुरुष प्रधान समाज में आज भी भूमि का स्वामित्व अधिकतर पुरुषों के हाथों में ही केंद्रित है स एक अनुमान के अनुसार भारत में महिलाओं के नाम भूमि का स्वामित्व मात्र 10 प्रतिशत ही है स सभा को संबोधित करते हुए श्री संतोष श्रीवास्तव (निदेशक आपरेशन्स, ।त्थ्) ने कहा कि “स्वामित्व का अधिकार न होने से कृषि से जुड़े महिलाओं की दक्षता पर काफी असर पड़ता है, क्योंकि स्वामित्व के अभाव में महिलाओं को जहाँ एक ओर बैंकों व अन्य वित्तीय संस्थाओं द्वारा ऋण नहीं प्राप्त हो पाता है वहीँ दूसरी ओर उन्हे सिंचाई एवं कृषि से जुड़े अन्य संसाधनों को भी प्राप्त करने में विषम परिस्थितिओं का सामना करना पड़ता है।

अवध रिसर्च फाउंडेशन (ए.आर.एफ.) के इस कार्यक्रम के दौरान चर्चा में भाग लेने वाले लगभग सभी सदस्यों ने हिंदू सक्षेशन (अमेंडमेंट) एक्ट (भ्ै।।), 2005 को महिलाओं के सशक्तिकरण का एक प्रमुख माध्यम बताया स परन्तु चर्चा में भाग ले रहे लगभग सभी वक्ता इस बात पर भी सहमत होते नजर

आये की इस प्रकार के किसी भी कानून को राष्ट्रीय स्तर पर सफलता पूर्वक क्रियान्वित करने हेतु एक सतत अभियान की आवश्यकता है  तथा ऐसे प्रयासों के आभाव में भ्ै।। जैसे सभी कानून अप्रासंगिक है।

वार्षिक कार्यक्रम संसथान के संस्थापकों एवं प्रबंधकों का उनके दल के सभी सदस्यों का उनकी निष्ठा, कार्यकुशलता व निस्वार्थ भावना के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का भी माध्यम था स इस अवसर पर बोलते हुए श्री संतोष श्रीवास्तव ने टीम के सदस्यों की प्रसंशा करते हुए कहा कि “आज के युग में आर्थिक व सामाजिक शोध के महत्व को ध्यान में रखते हुए यह अत्यंत आवश्यक है की हमारी टीम के सभी सदस्य अपनी पूरी लगन व निष्ठा से अपना कार्य करते रहें स इस अवसर पर श्री अनुपम चटर्जी ने कहा कि “विकास से जुडी ज्वलंत समस्याओं के समाधान के लिए यह आवश्यक है की हम एक सशक्त एवं क्रियाशील प्रणाली की संरचना की ओर अपना ध्यान केंद्रित करें स इससे हमारे निति निर्धारकों व शासनतंत्र के संचालनकर्ताओं को विकास के विभिन्न कार्यक्रमों को सुचारू एवं बेहतर ढंग से क्रियान्वित करने में सहायता मिलती है.

अवध रिसर्च फाउंडेशन  वर्ष 2005 में स्थापित एक प्रख्यात आर्थिक व सामाजिक शोध संस्थान है स विगत कुछ वर्षों में संस्थान को देश-विदेश के कई विख्यात संस्थाओ के साथ कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ है जिनमें विश्व बैंक, मेरीलैंड यूनीवर्सिटी-यू.एस.ए., वर्जीनिया यूनीवर्सिटी-यू.एस.ए., ब्राउन यूनीवर्सिटी-यू.एस.ए., गूगल फाउंडेशन, बिल व मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, इंटरनेशनल ग्रोथ सेंटर दृ लंदन स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स तथा फाउंडेशन ऑफ एडवांस्ड स्टडीज इन इंटरनेशनल डेवेलोपमेंट, जापान प्रमुख हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
[email protected]
[email protected]

Comments (0)

सी.एम.एस. कम्यूनिटी रेडियो द्वारा नशा विरोधी कार्यक्रम का आयोजन

Posted on 26 July 2012 by admin

community-radioसिटी मान्टेसरी स्कूल के कम्यूनिटी रेडियो एवं मध्य निषेद्य विभाग, उ.प्र. द्वारा अर्जुनगंज के पास स्थित ग्राम झिलझिला पुरवा में आज नशा विरोधी जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सिटी मान्टेसरी स्कूल फिल्म एवं रेडियो डिवीजन के प्रमुख श्री वी कुरियन ने अपने स्वागत संदेश में लोगों से नशा छोड़ने की अपील की और कहा कि नशा समाज में बुराईयों की जड़ है। नशा करने से अपने घर परिवार के साथ-साथ समाज का भी पतन होता है। इस अवसर पर क्षेत्रीय मध्य निषेद्य अधिकारी, श्री जलज मिश्रा ने ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए कहा कि नशा हजार बीमारियों की जड़ है। इसे छोड़कर ही जीवन खुशहाल और समृद्ध हो सकता है। समारोह में ग्राम प्रधान श्री राकेश कुमार भी मंच पर उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान सी.एम.एस. रेडियो डिवीजन के श्री आर.के.सिंह ने ग्राम झिलझिला पुरवा निवासी एवं सी.एम.एस. कम्यूनिटी रेडियो की एंकर सुश्री सरिता रावत की सफलता की कहानी बताई तथापि सुश्री रावत को ‘साथी हाथ बढ़ाना’ कार्यक्रम की सर्वोत्कृष्ट एंकरिंग हेतु रु 2500/- के नगद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में सी.एम.एस. फिल्म डिवीजन द्वारा निर्मित फिल्म ‘‘गांव से गगन तक’’ का भी प्रदर्शन किया साथ ही मध्यनिषेद्य विभाग द्वारा निर्मित फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। दोनों फिल्मों को ग्रामीणों ने खूब सराहा। कार्यक्रम में जादूगर आफताब आलम ने भी अपने जादू के कारनामों के द्वारा लोगों को नशा न करने का संदेश दिया। इस दौरान मध्यनिषेद्य विभाग ने एक प्रदर्शनी का आयोजन किया जिसके माध्यम से ग्रामीणों को नशे से होने वाली बुराईयों और बीमारियों के बारे में बताया गया। इस कार्यक्रम में श्री राम आसरे सदस्य ग्राम पंचायत, श्री रमेश,
प्रधान बगियामऊ तथा आसपास के गावों के गणमान्य लोग उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
[email protected]
[email protected]

Comments (0)

सी.एम.एस. छात्र ‘चांसलर्स गोल्ड मैडल’ से सम्मानित

Posted on 26 July 2012 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर कैम्पस के पूर्व छात्र दीपान्श दलेला को किंग जार्ज मेडिकल युनिवर्सिटी के सर्वोच्च पुरस्कार ‘चान्सलर्स गोल्ड मैडल’ से सम्मानित किया गया है। दीपान्श को यह सम्मान एम.बी.बी.एस. के प्रथम वर्ष से लेकर अन्तिम वर्ष तक लगातार सर्वोच्च अंक अंर्जित करने के लिए प्रदान किया गया है। इसके अलावा एम.बी.बी.एस. की अन्तिम वर्ष की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए ‘हीवेट मैडल’ से सम्मानित किया गया है। यह जानकारी सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी है। श्री शर्मा ने बताया कि दीपान्श ने अपनी इस अभूतपूर्व सफलता का सारा श्रेय सी.एम.एस. के शान्तिपूर्ण व ईश्वरीय एकता से ओतप्रोत शैक्षिक वातावरण, अपने माता-पिता व गुरुजनों को दिया है। इसका कहना है कि सी.एम.एस. का शैक्षिक वातावरण छात्रों को उत्साह से भर देता है और उन्हें जीवन में सदैव आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। दीपान्श सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी के विचारों से अत्यन्त प्रभावित है।
श्री शर्मा ने बताया कि दीपान्श ने वर्ष 2006 में आई.एस.सी. परीक्षा अत्यन्त उच्च अंकों के साथ सी.एम.एस. गोमती नगर कैम्पस से उत्तीर्ण की थी एवं इसके उपरान्त मेडिकल की पढाई के लिए केजीएमसी में दाखिला लिया। एम.बी.बी.एस. के प्रथम वर्ष में दीपान्श को सर्वश्रेष्ठ आॅल राउंड के लिए हाजी अब्दुल्ला ओमार ट्राफी से सम्मानित किया गया एवं एनाटाॅमी में सर्वश्रेष्ठ पेपर प्रजेन्टेशन हेतु ‘धरम नाराण बुक प्राइज’ प्रदान किया गया। इसके अलावा एम.बी.बी.एस. के द्वितीय व तृतीय वर्षों में प्रोफेसर दिनकर चंद्रा गोल्ड मैडल (पैथेालाजी में सर्वश्रेष्ठ), जगदीश चन्द्र गोल्ड मैडल (माइक्रो बायलोजी में सर्वश्रेष्ठ), डा. आर सी अग्निहोत्री गोल्ड मैडल (पैथोलाॅजी व माइक्रोबायलाॅजी में सर्वोच्च अंक) व प्रोफेसर के पी भार्गव गोल्ड मैडल (फिजियोलाॅजी, बायोकेमिस्ट्री और पैथोलाॅजी में सर्वश्रेष्ठ अंक) से सम्मानित किया गया। इसके अलावा वर्ष 2010 में दीपान्श को फारमाकोलाॅजी का सर्वश्रेष्ठ छात्र घोषित किया गया। श्री शर्मा ने बताया कि इसके अलावा भी दीपान्श ने कई प्रतियोगिताओं जैसे अंग्रेजी रचनात्क लेखन, भाषण, फोटोग्राफी व साइन्स क्विज आदि में पुरस्कार अर्जित कर सी.एम.एस. का नाम रोशन किया है।
श्री शर्मा ने बताया कि वैज्ञानिक युग के महत्व को स्वीकारते हुए सी.एम.एस. अपने छात्रों का दृष्टिकोण वैज्ञानिक एवं विश्वव्यापी बनाने के उद्देश्य से जोरदार प्रयास कर रहा है जिसकी बदौलत सी.एम.एस. छात्र विभिन्न राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में नये नये कीर्तिमान गढ़ रहे हैं। सी.एम.एस. में पूरे वर्ष विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, विज्ञान, कम्प्यूटर, रोबोटिक्स, एक्ट्रोनाॅमी, संगीत, खेलकूद आदि विषयों में छात्रों की विश्व-स्तरीय प्रतिभा निखारने के लिए सर्वाधिक 34 अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएंे आयोजित की जाती हैं जिनमें देश-विदेश के छात्र एक मंच पर विभिन्न प्रतिस्पधाओं के माध्यम से अपने ज्ञान-विज्ञान का उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं। ऐसे आयोजनों से एक अन्तर्राष्ट्रीय मंच तो उपलब्ध होता ही है साथ ही उनमें आत्मविश्वास का संचार भी होता है। यही कारण है कि उत्कृष्ट ज्ञान व बुद्धिमत्ता से लबालब सी.एम.एस. छात्र शैक्षिक क्षेत्र में विद्यालय का परचम पूरे विश्व में लहरा रहे हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
[email protected]
[email protected]

Comments (0)

बच्चे समाज का अभिन्न अंग हैं

Posted on 24 July 2012 by admin

वृहद् वृक्षारोपण का कार्य दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित, शारीरिक एवं मानसिक निःशुक्तजन, विकलांग बच्चों द्वारा कियागया, यह पुनीत कार्य है। ऐसे कार्य इन बच्चों के सशक्तीकरण की दशा में महत्वपूर्ण हैं। इन बच्चों के समाज में समन्वय, सहयोग से समाज सुधार किया जा सकता है, ये बच्चे समाज का अभिन्न अंग हैं। कालेज के प्रांगण में बच्चों द्वारा लगाये 200 वृक्षों के पालन पोषण, संरक्षण में बच्चे सहयोग करेंगे। सभी के अपने-अपने नाम से वृक्ष सुनिश्चित किये जायेंगे।
यह विचार आज यहाँ राजकीय स्पर्श दृष्टिबाधित बालिका इण्टर कालेज के प्रांगण में प्रमुख सचिव विकलांग कल्याण, श्री वी0एन0गर्ग ने प्रांगण में मुख्यमंत्री का प्रिय वृक्ष कनक चम्पा के पेड़ का वृक्षारोपण करने के उपरान्त रखे। वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम में लखनऊ की मुख्य विकास अधिकारी सुश्री अदिति सिंह ने सिल्वर आॅक का वृक्ष लगाया। इसके अतिरिक्त विकलांग कल्याण निदेशक श्री हरिलाल पासी, मुख्य वन संरक्षक सुश्री ईवा शर्मा, लाइन्स क्लब की डाॅ अनीता आदि ने पड़े रोपित किये। लगातार वर्षा के मौसम में भी दृष्टिबाधित, विकलांग बच्चों ने अपार उत्साह के साथ वृक्षारोपण किया।वृहद् वृक्षारोपण कार्यक्रम के उपरान्त दृष्टिबाधित बच्चों द्वारा मंत्रमुग्ध करने वाला रंगारंग नृत्य कार्यक्रम, स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। सेन्टफ्रांसिस एवं ममता विद्यालय के भी बच्चों ने बहुत सुन्दर नृत्य एवं काव्य पाठ आदि किया। मुख्य विकास अधिकारीसुश्री अदिति सिंह ने लगाये गये पेड़ों के पालन-पोषण तथा संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने विकलांग बच्चों के प्रमाण पत्र, परिवहन आदि की तमाम दिक्कतों को दूर करने के लिए वर्कशाॅप आयोजित करने की बात कही। निदेशक श्री हरिलाल पासी ने कहा कि वृक्षों से हमारा वातावरण शुद्ध होता है। मुख्य वन संरक्षक सुश्री ईवा शर्मा ने कहा कि वृक्षारोपण का कार्य मानवता के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। प्रकृति ने भी इसमें पूरा-पूरा सहयोग दिया है। लाइन्स इण्टर नेशनल अवध क्लब की डाॅ0 अनीता ने कहा कि बच्चों की समस्याओं के निराकरण में वे सदा सहयोग प्रदान करेंगी। कार्यक्रम का कुशल संचालन जिला विकलांग कल्याण अधिकारी श्री अखिलेश बाजपेई ने किया।
वृहद् वृक्षारोपण कार्यक्रम में बच्चों ने ‘जहाँ वन है वहाँ जीवन’, ‘जहाँ हरियाली वहाँ खुशिहाली’, ‘जीवन में मत अन्याय करो वृक्षो के संग न्याय करो’, ‘धरती की यही पुकार वृक्ष लगा कर करो श्रंृगार’, ‘एक वृक्ष दस पुत्रों के बराबर’ आदि के महत्वपूर्ण स्लोगन तख्तियों पर लिखे हुए हाथ में लिये थे। वृक्षारोपण के अवसर पर उपनिदेशक श्री अखिलेन्द्र कुमार, अपर निदेशक श्री विष्णु कांत मिश्र, प्रधानाचार्य श्री दीपा द्विवेदी प्रधान सुश्री सुनीता देवी, वी0डी0ओ0 आदि ने भाग लिया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
[email protected]
[email protected]

Comments (0)

CMS celebrates Groundwater Day with great enthusiasm,

Posted on 21 July 2012 by admin

Rainwater Harvesting Project launched
Save water and avert a third world war
— Mr Rajan Shukla, IAS
groundwater-dayLucknow, 21 July : Groundwater Day was celebrated with great zeal and enthusiasm at City Montessori School, Gomti Nagar Campus II to make the students and youth aware of the growing need to conserve water resources and save the environment from depletion. On this occasion, the Chief Guest, Mr Rajan Shukla, IAS, Secretary, Horticulture, Stamp and Registration said that water is a free gift of nature and we cannot even imagine life without water. He said that throughout the world, the water table is receding at an alarming rate. This has given rise to the concern of scholars who are predicting that the third World War will be fought over water. If we have to save mankind from a third Word War, we must take concrete steps to save water resources on earth. Mr Shukla showered profuse praise on CMS saying that the institution has always taken up issues of global concern. The problem of water is one of the burning issues of the present times and it is our social responsibility to do something in this direction. The efforts of Dr Jagdish Gandhi, Dr Bharti Gandhi and Prof. Geeta Kingdon are sure to bear fruit, he said. It may be mentioned that CMS has launched a huge campaign to conserve water and energy resources and thus protect the environment and in this regard, Groundwater Preservation Week is being celebrated by CMS from 16 to 22 July.
Earlier, the Chief Guest, Mr Rajan Shukla, IAS, inaugurated the Rainwater Harvesting Project of CMS at CMS Gomti Nagar Campus II this morning. On this occasion, Mr V N Garg, IAS, Principal Secretary, Welfare of Disabled, UP; Mr G K Rawat, Senior Hydrologist, Groundwater Department, UP and other distinguished persons were also present. CMS students delighted the audience with an array of educational-cultural items highlighting the importance of water in our lives and suggesting ways of conservation of this vital source of energy. A multimedia presentation to this effect added to the flavour of this show. In her welcome address Headmistress of CMS Gomti nagar II, Mrs Aditi Sharma showed warm appreciation and greeted the eminent guests.
Groundwater expert, Dr G K Rawat said that every year, we celebrate 10 June as Groundwater Day because in the hot weather, we feel the shortage of water ore acutely. Groundwater is a gift of God, it is necessary to use it wisely and conserve it. Inside the earth, water is conserved and filtered in a natural way. It can be easily used for drinking and for agriculture.
Prof. Geeta Kingdon, Chief Operating Officer of CMS said that education is a preparation for life. It is not only for attaining academic brilliance but more importantly to make people social responsible citizens. Dr Kingdon further informed that CMS is collaborating with the Centre for Science and Environment, New Delhi in launching this ambitious Water Preservation Programme. We are also getting the cooperation of the state government in this. At every CMS campuses, we are setting up Rainwater Harvesting Plants and every staff member in the 20 CMS campuses is expected to plant at least one tree. Dr Kingdon said that there is need to transform people’s habits and make them think constructively. This programme being celebrated at ‘Groundwater Preservation Week’ is being carried out by 44000 CMS student and 3000 CMS staff to inspire 2 lakh people of Lucknow.
Mrs Susmita Basu, HOD, CMS Quality Assurance and Innovation Department, said that it is necessary to prepare Eco Warriors or Eco Ambassadors out of these children to save the environment. All CMS camps have set up energy clubs through which children are creating an awareness in society regarding water and energy preservation. She said that with these small efforts greater achievements are possible. Dr Jagdish Gandhi, Founder of CMS and renowned educationist, said that this environment problem is not restricted to a particular country, it is a global phenomenon. Our resources are limited and we must use them with discretion. Dr (Mrs) Bharti Gandhi, Founder-Director, CMS said that CMS students are not only concentrating on textual knowledge but also gaining practical wisdom by doing socially useful and productive work. Congratulate the teachers, she said who are guiding the students in this project. Ms Manjit Batra, Senior Principal, CMS Gomti Nagar while delivering the Vote of Thanks said that this a huge project which can be made fully successful by the cooperation of all students and teachers.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
[email protected]
[email protected]

Comments (0)


Advertise Here
Advertise Here

INFORMATION

  • Log in
  • Entries RSS
  • Comments RSS
-->





 Type in