Archive | June, 2012

‘बच्चे हैं ईश्वर का वरदान, इनको दें पूरा सम्मान’ का अलख जगाने सी.एम.एस. शिक्षकों का विशाल मार्च आज

Posted on 28 June 2012 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल के लगभग 3000 शिक्षक ‘बच्चे हैं ईश्वर का वरदान, इनकों दें पूरा सम्मान’ का अलख जगाने हेतु कल दिनाँक 29 जून को एक विशाल मार्च निकाल रहे हैं। सी.एम.एस. शिक्षकों का यह विशाल मार्च कल 29 जून 2012, दिन शुक्रवार को प्रातः 7.30 बजे सी.एम.एस. कानपुर रोड स्थित पुरानी चुंगी से प्रारम्भ होकर सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम तक निकाला जायेगा। यह जानकारी सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी है। श्री शर्मा ने बताया कि ‘चलना है स्कूल, सभी को चलना है स्कूल’ विषय पर आधारित  सी.एम.एस. शिक्षकों के इस विशाल मार्च का उद्देश्य बच्चों को जीवन मूल्यों के विकास हेतु स्कूल चलने के लिए प्रेरित करना है, साथ ही साथ भावी पीढ़ी को शिक्षित करने एवं उनके भौतिक, सामाजिक व नैतिक उत्थान हेतु जन-समुदाय को जागरूक करना है। इस विशाल मार्च में लखनऊ के गणमान्य नागरिक, वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी, शिक्षाविद् व पत्रकार आदि बड़ी संख्या में शामिल होंगे। सी.एम.एस. शिक्षकों का यह विशाल मार्च सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम पहुँचकर एक विशाल सभा में परिवर्तित हो जायेगा, जहाँ सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी शिक्षकों को सम्बोधित करेंगे।
श्री शर्मा ने बताया कि इस विशाल मार्च के दौरान सी.एम.एस. शिक्षक ‘बच्चे हैं ईश्वर का वरदान, इनकों दें पूरा सम्मान’ ‘शिक्षक बदलेंगे बच्चों को, बच्चे बदलेंगे संसार को’ आदि का जयघोष करते हुए सर्वधर्म समानत्व’ का पुरजोर संदेश देंगे, साथ ही साथ छात्रों के चरित्र निर्माण एवं विश्व एकता व विश्व शान्ति का संदेश भी देंगे। सी.एम.एस. शिक्षक हाथों में ग्लोब लेकर सभी जन-मानस से अपील करेंगे कि शान्ति व एकता स्थापित करने हेतु छात्रों को विद्यालय में ही एकता के विचार देने चाहिए जिससे छात्रों में अलगाववाद के स्थान पर एकता के विचारों का रोपण हो सके। इस विशाल मार्च में सी.एम.एस. शिक्षक विभिन्न देशों के राष्ट्रीय ध्वज, महान अवतारों एवं महापुरूषों के चित्र, धार्मिक एकता एवं चरित्र निर्माण से ओतप्रोत स्लोगन की ताख्तियां, बैनर्स आदि के द्वारा धार्मिक एकता एवं चरित्र निर्माण का अभूतपूर्व दृश्य प्रस्तुत करेंगे।
श्री शर्मा ने बताया कि इस उद्देश्यपूर्ण विशाल मार्च के उपरान्त सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में आयोजित एक भव्य समारोह में सी.एम.एस. के कर्तव्यपरायण शिक्षकों एवं उनके माता-पिता को पुरष्कृत कर सम्मानित किया जायेगा। इस अवसर पर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय मुख्य अतिथि होंगे। इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करने वाले विद्यालय के पूर्व व वर्तमान छात्रों एवं उनके माता-पिता को भी सम्मानित किया जायेगा। इसके अलावा मेधावी छात्रों की माताजी को फलों एवं फूलों से तौलकर ‘रानी माँ’ की
उपाधि से सम्मानित किया जायेगा तथापि इनके पिताजी व टीचर-गार्जियन्स को भी विशेष रूप से सम्मानित किया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
[email protected]
[email protected]

Comments (0)

हिंदी सेवी सम्मान समारोह

Posted on 19 June 2012 by admin

केंद्रीय हिंदी संस्थारन, आगरा मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा 1961 ई. में संस्थारपित स्वाियत्तय संगठन केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल द्वारा संचालित एक स्वारयत्त्शासी शैक्षिक संस्थाथ है। संस्थासन का मुख्याठलय आगरा में स्थित है। इसके आठ केंद्र इन नगरों में सक्रिय हैं-दिल्लीष (1970), हैदराबाद (1976), गुवाहाटी (1978), शिलांग (1987), मैसूर (1988), दीमापुर (2003), भुवनेश्व‍र (2003) तथा अहमदाबाद (2006)।

भारत की एकता की एक महत्वदपूर्ण कड़ी हिंदी है। आधुनिक भारत के लिए राष्ट्री य एकता सबसे बड़ा मूल्य् है, जो केंद्रीय हिंदी संस्था न के हर कार्यक्रम के मूल में विद्यमान रहा है। हिंदी की भावात्मक एकता के इसी संदेश को मूर्त रूप देने वाली हिंदी सेवी सम्मान योजना की शुरूआत सन् 1989 में हुई। इसके अंतर्गत राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी के उन्नयन, विकास एवं प्रचार-प्रसार हेतु उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रतिवर्ष 14 समर्पित विद्वानों को संस्थान की ओर से भारत के राष्ट्रपति द्वारा एक लाख रुपए, शॉल तथा प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित/ पुरस्कृत किया जाता है। प्रारम्भ में इस योजना के अंतर्गत 10 पुरस्कार रखे गए थे, किंतु वर्ष 2002 में इनकी संख्या 15 कर दी गई। वर्तमान में यह संख्या 14 है।

वर्ष 2008 और 2009 का हिंदी सेवी सम्मान समारोह दिनांक 20 जून, 2012 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया जा रहा है जिसमें भारत की राष्ट्रपति महामहिम श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटील हिंदी सेवी विद्वानों को सम्मानित करेंगी। श्री कपिल सिब्बल, माननीय मानव संसाधन विकास मंत्री, भारत सरकार तथा अध्यक्ष, केंद्रीय हिंदी शिक्षण मण्डल, आगरा समारोह की अध्यक्षता करेंगे।
हिंदी सेवी सम्मान समारोह (वर्ष 2008 और 2009) में सम्मानित किए जाने वाले विद्वानों का विवरण इस प्रकार है-
गंगाशरण सिंह पुरस्काार (हिंदी प्रचार-प्रसार एवं‍ हिंदी प्रशिक्षण के क्षेत्र में उल्लेिखनीय कार्य के लिए)
वर्ष 2008 के लिए
1. श्री गिरीश कर्नाड
2. श्री श्याशम बेनेगल
3. प्रो. माधुरी छेड़ा
4. श्री बल्ली  सिंह चीमा
वर्ष 2009 के लिए
1. प्रो. वाई.लक्ष्मीद प्रसाद
2. श्री मधुर भंडारकर
3. डॉ. दामोदर खडसे
4. प्रो. चमनलाल सप्रू

गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्काचर (हिंदी पत्रकारिता तथा रचनात्म‍क साहित्यि के क्षेत्र में उल्लेभखनीय कार्य के लिए)
वर्ष 2008 के लिए
1. श्री पंकज पचौरी
2. श्री विनोद अग्निहोत्री
वर्ष 2009 के लिए
1. श्री ब्रजमोहन बख़्शी
2. श्री बलराम

आत्मा राम पुरस्का र (वैज्ञानिक एवं तकनीकी साहित्या और उपकरण विकास के क्षेत्र में उल्ले खनीय कार्य के‍ लिए)
वर्ष 2008 के लिए
1. प्रो. यशपाल
2. मुहम्म द ख़लील
वर्ष 2009 के लिए
1. श्री सुभाष लखेड़ा
2. डॉ. नरेंद्र के. सहगल

सुब्रह्मण्य9 भारती पुरस्का र (हिंदी के विकास से संबंधित सर्जनात्मकक/ आलोचनात्मेक क्षेत्र में उल्लेहखनीय सेवाओं के लिए)
वर्ष 2008 के लिए
1. डॉ. नंदकिशोर आचार्य
2. डॉ. विजय बहादुर सिंह
वर्ष 2009 के लिए
1. श्री अजित कुमार
2. श्री गोपाल चतुर्वेदी

महापंडित राहुल सांकृत्यातयन पुरस्का.र (हिंदी में खोज और अनुसंधान करने तथा यात्रा विवरण आदि के लिए)
वर्ष 2008 के लिए
1. प्रो. गोपाल राय
2. डॉ. विमलेश कांति वर्मा
वर्ष 2009 के लिए
1. प्रो. हरिमोहन
2. डॉ. विक्रम सिंह

पद्मभूषण डॉ. मोटूरि सत्यसनारायण पुरस्कादर
भारतीय मूल के विद्वान को विदेशों में हिंदी के प्रचार-प्रसार में उल्लेंखनीय कार्य के लिए
1. वर्ष 2008 के लिए      - श्रीमती पूर्णिमा वर्मन (यू.ए.ई.)
2. वर्ष 2009 के लिए   - डॉ. सुरेंद्र गंभीर (यू.एस.ए.)

उक्त कार्यक्रम का राष्ट्रपति भवन से सीधा प्रसारण दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल और डीडी न्यूज पर प्रातः 10.30 बजे से किया जाएगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
[email protected]
[email protected]

Comments (0)

फरीदाबाद में वित्तीय बज़ारों के पाठ्यक्रम के लिए, एनएसई का एनआईएफएम के साथ गठबंधन

Posted on 19 June 2012 by admin

छात्र 25 जून 2012 को या उससे पहले करें आवेदन

नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज (एनएसई) ने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा स्थापित नेशनल इंस्टिट्यूट आॅफ फाईनेंशियल मार्केट्स (एनआईएफएम) के साथ वित्तीय बज़ारों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए गठबंधन किया। पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन फाईनेंस मैनेंजमैंट या पीजीपी-एफएम, एनएसई और एनआईएफएम द्वारा संयुक्त रूप से प्रमाणित, स्नातकों के लिए एक पूर्णकालिक और आवासीय पाठ्यक्रम है।
यह पूर्णकालिक पाठ्यक्रम में छात्रों को एनआईएफएम फरीदाबाद इंस्टिट्यूट में रह कर करना पड़ेगा जो सेक्टर-48, पाली रोड, बदखाल गांव के निकट, फरीदाबाद- 121 001, हरियाणा, भारत में स्थित है।
छात्रावास में करीब 250 छात्रों को समायोजित कर सकतें हैंै। छात्रावास विशाल कक्षाओं, कंप्यूटर लैब और पुस्तकालय की सुविधाओं के साथ पूर्ण रूप से वातानुकूलित है।
अपने पूर्णकालिक पाठ्यक्रम पीजीपी-एफएम में छात्रों को नामांकन करने के लिए एनएसई एनआईएफएम के साथ, 30 जून और 1 जुलाई 2012 को दिल्ली में आॅनलाइन परीक्षण संचालित करा रहा है। परीक्षा नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज आॅफ इंडिया लिमिटेड, चैथे तल, जीवन विहार भवन, संसद मार्ग, नई दिल्ली- 110001 में आयोजित कराइ जाएगी।
इस पूर्णकालिक पाठ्यक्रम के लिए चयन मानदंड में शैक्षिक प्रोफ़ाइल (20 प्रतिशत), एनएसई-एनआईएफएम आॅनलाइन टेस्ट या सीएटी, एमएटी, एक्सएटी स्कोर (50 प्रतिशत), और व्यक्तिगत इंटरव्यू (30 प्रतिशत), शामिल है। वो उम्मीदवार जिनका सीएटी/एमएटी/एक्सएटी स्कोर वैध नहीं है उन्हें एनएसई-एनआईएफएम द्वारा आयोजित आॅनलाइन टेस्ट देना आवश्यक है। इच्छुक उम्मीदवारों को एनएसई की वेबसाइट www.nseindia.com पर पंजीकरण करना अनिवार्य है। पीजीपी-एफएम के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 25 जून 2012 है।
एनएसई-एनआईएफएम के आॅनलाइन टेस्ट दिल्ली सहित 12 शहरों में आयोजित किए जाएंगें। छात्र सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे के बीच चार समय स्लाॅट्स में आॅनलाइन सीट बुक करा सकतें हैं।
नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज के संयुक्त प्रबंध निदेशक चित्रा रामाकृष्णा, ने कहा, ’’यह पहली बार हुआ है कि छात्रों और पेशेवरांे को प्रशिक्षित करने के लिए बाज़ार समुदाय द्वारा व्यापार में उपयोगी देश में विषेष बाज़ार अनुकार साॅफ्टवेयर डिजाइन किया गया है। हमें विश्वास है कि यह अनुभव छात्रों और अधिकारियों को वित्तीय क्षेत्र में विकास करनें में और उनका कौशल बढ़ाने में मद्द करेगा।’’
अपने कौशल के उन्नयन के अलावा, नवीनतम तकनीक के साथ, यह प्रशिक्षण छात्रों और काम करनें वाले पेशेवरों के लिए निवेश बैंकिंग, अनुसंधान कंपनियों, म्यूचुअल फंड, ब्रोकरेज और नाॅलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग केंद्र (केपीओ) में रोज़गार के नए अवसर खोल देगा।
एनएसई पहली बार इन पाठ्यक्रमों के लिए शिक्षकों को सर्मथन प्रदान करने के साथ-साथ ग्लोबल इक्स्पोज़र के लिए अंतरराष्ट्रीय शेयर बाज़ार और वित्तीय केंद्र भी दिखा रहा है।
इस पाठ्यक्रम में कक्षा प्रशिक्षण के साथ एनएसई द्वारा विषेष रूप से डिज़ाइन किया बाज़ार अनुसार साॅफ्टवेयर, जिसे एनएसई लर्न टू ट्रेड या एनएलटी कहा जाता है, में भी प्रशिक्षण मिलेगा।
पाठ्यक्रम में नकदी बाज़ार और डेरिवेटिव, विलय और अधिग्रहण, म्यूचुअल फंड, कमोडिटी बाज़ार परिचालन और काॅर्पोरेट और पूंजी बाज़ार कानून जैसे विभिन्न विषय कवर किए जाएंगें।
अधिक जानकारी के लिए लाॅग औन करें www.nseindia.com पर।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
[email protected]
[email protected]

Comments (0)

बच्चे विद्यालय में रहें - बालश्रम से दूर बालश्रम - बाल अधिकारों का उल्लंघन

Posted on 13 June 2012 by admin

विष्व बालश्रम विरोध दिवस की पूर्व संध्या पर श्रम विभाग, उत्तर प्रदेष सरकार तथा युनीसेफ द्वारा संयुक्त रूप से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

nandita-das-with-children-in-unicef-eventलखनऊ। बाल षोषण का निकृष्टतम रूप वह है जब बच्चे अपना बचपन खोकर, श्रमिक का कठिनाइयों और जोखिम भरा जीवन जीने को बाध्य हो जायें। भारत ने लगभग 20 वर्ष पूर्व, ’बच्चों के अधिकार’ (सी आर सी) सम्बंधी समझौते को स्वीकार किया था। यह एक वादा था, हर समय, सभी बच्चों के लिए सभी अधिकारों को सुनिष्चित करना। इस विषय पर श्रम विभाग, उत्तर प्रदेष सरकार तथा युनीसेफ द्वारा संयुक्त रूप से कार्यक्रम का आयोजन विश्वेष्वरैया सभागार में किया गया।
बाल अधिकारों में एक प्रमुख अधिकार है, किसी भी ऐसे काम से सुरक्षा का अधिकार, जो बच्चे की षिक्षा में बाधा उत्पन्न करता हो।
षिक्षा का अधिकार, 14 वर्ष के नीचे के प्रत्येक बच्चे के लिए आवष्यक तथा निःषुल्क षिक्षा का वादा करता है। एक कड़वी सच्चाई यह है कि भारत में 14 वर्ष के नीचे बाल श्रमिक की संख्या, विष्व भर में सबसे अधिक है। पूरे भारत में, उत्तर प्रदेष सबसे अधिक श्रमिकों की संख्या के साथ असहज स्थिति में है।
विद्यालय ना जाने वाले ये बच्चे बालश्रम सहित, किसी न किसी तरह के षोषण के जोखिम पर हैं।
सभी देषांे ने 12 जून को ’विष्व बालश्रम विरोध दिवस’ के रूप में स्वीकार किया है। यह वह दिन है, जब हम इस सामाजिक बुराई जो बच्चांे को षोषण के जोखिम पर लाती है, को समाप्त करने के अपने संकल्प की शपथ लेते हैं।
कुछ मुख्य कदम जो हम इन बच्चांे के अधिकारों को सुनिष्चित करने के लिए उठा सकतें है वें हैं- बालश्रम से बचाव सम्बन्धी कदम, बाल श्रमिकों का पुनर्वास, गुणवत्ता युक्त प्राथमिक षिक्षा के लिए सक्षम तंत्र, रोज़गार संभावनाओं तथा परिवारों के बीच बेहतर जुड़ाव, सषक्त समाज कल्याण तंत्र तथा मीडिया की सकारात्मक भूमिका।
युनीसेफ की ’बाल अधिकार’ पक्षकार तथा मषहूर अभिनेत्री नंदिता दास ने इस अवसर पर अपना पक्ष रखा। नंदिता दास  एक सामाजिक कार्यकर्ता रही हैं और अपने काम के माध्यम से कामकाजी बच्चांे के मुद्दे को लगातार उठाती रही हैं।
इस वर्ष के कार्यक्रम का विषय है- ’’आषा और गरिमा’’- कुछ चीज़े जो हमारे समाज द्वारा बच्चांे को अवष्य दी जानी चाहिए।
श्रम विभाग, उत्तर प्रदेष सरकार तथा युनीसेफ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम का केन्द्र वे बच्चे होंगे जिन्हे वापस विद्यालय में पहुँचाया गया है साथ ही कुछ उन कार्यकर्ताओं (चेन्ज एजेन्ट्स) को सम्मानित किया जाएगा जो घर घर जाकर बाल अधिकारों के विषय में जागरूकता पैदा कर रहे हैं। ये असाधारण लोग, साधारण पृष्ठभूमि से आये है लेकिन इन्होंनें बच्चांे के समर्थन में जीवन काल से बढ़कर भूमिका निभाई है।
श्री शैलेष कृष्णा, प्रमुख सचिव श्रम, इस आयोजन के सम्मानित अतिथि थें और उन्होने इन बच्चांे से बातचीत की। डाॅ0 हरषरण दास, राज्य श्रम आयुक्त, उन प्रमुख परिणामों की चर्चा की जिनकी प्राप्ती की दिषा में सरकार काम कर रही है। श्री डेविड मैक्लिंगम् उप प्रतिनिधि यूनिसेफ ने प्रतिभागियों को सम्बोधित किया।
यूनिसेफ उत्तर प्रदेष की प्रमुख एडिल खुर्द ने बताया- यह सुनिष्चित करने के लिए कि बच्चों के सभी अधिकार उन्हें मिलें हमें यह समझना होगा कि ये अधिकार अलग-अलग बंटें हुए नहीं हैं। ये सभी आपस में जुडे हुए है और किसी एक अधिकार के पूरा न होने की स्थिति में दूसरे अधिकारों को सुनिष्चित करने में कई चुनौतियाँ आती है। और ये बच्चें सबसे ज़्यादा जोखिम पर हैं क्योंकि ये कम आमदनी और षिक्षा के अभाव के न टूटने वाले कुचक्र में फसंे हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
[email protected]
[email protected]

Comments (0)

HCBL Co-operative Bank Limited enters into a tie-up with National Payment Corporation of India for ATM sharing with all major banks

Posted on 06 June 2012 by admin

hcbl•    Customers can access around more than 90000 ATMs of almost all banks
•    The Bank inaugurated its grand ‘Note Depositor Machine’ through which the customer can deposit money any time at our E-Lobby

HCBL Co-operative Bank Limited the new generation Co-operative Bank, today has entered into a tie-up with National Payment Corporation of India’s (NPCI’s) National Financial Switch, which will enable the bank’s customers to access more than 90,000 ATMs of almost all banks in India i.e. State Bank of India, Punjab National Bank, Union Bank of India, Central Bank, ICICI Bank, HDFC Bank, Axis Bank and a host of other Public sector, Private sector and Co-operative Banks. In the Co-operative sector, HCBL Bank is one of the first Co-Operative Banks to enter into a tie-up with NPCI for ATM accessibility.

Henceforth, customers can access the ATMs of other banks using the ATM Card of HCBL Bank and similarly, the customers of other banks can also access their ATM cards on the ATM Machines of HCBL Bank. The bank has also installed a Note Acceptor Machine at its E-Lobby wherein you can deposit money anytime.

Commenting on the occasion, Shri Pawan Kapoor the C.E.O of HCBL Co-Operative Bank Ltd. said-“Our tie-up with NPCI and linkage to the network of NFS will go a long way in improving ATM accessibility with different banks and in providing better customer services at reduced cost per transaction.”

For a growing bank which is still in the expansion mode, linkage to the NFS Network and obtaining accessibility of other ATM’s is a faster and more convenient way to grow and reach out to customers throughout India and set new milestones in our customer services alongwith our novel concepts of E-Lobby operational 24 x 7.

Besides serving customer interest through convenient facilities like ATM sharing, the Bank also provides one of the finest returns on the deposits of customers by means of attractive rates of interest not only on fixed deposits but also Saving Deposits. The Bank has created a spur in the market since the beginning of the year by announcing an attractive interest rate of 7.25% p.a. on saving deposits of Rs. 1 Lac and above. HCBL Bank is the only bank in India which is providing the highest and most lucrative interest rates on saving deposits.

About HCBL Co-Operative Bank Limited

The HCBL Co-operative Bank Limited is a new Generation profit making co-operative bank, providing all kinds of banking services. It is open on all seven days in a week and is equipped with all modern technologies of Mobile banking, net banking, call center facilities etc. It is a direct member of clearing house and is constantly understanding its Social Responsibility and emphasizing on Customer Welfare. Apart from its regular responsibility of acting as a custodian of the customer’s hard earned money, it also provides life insurance and security to their valuables by providing Locker Facility. The bank also keeps on organizing programs for social cause, from time to time.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
[email protected]
[email protected]

Comments (0)


Advertise Here
Advertise Here

INFORMATION

  • Log in
  • Entries RSS
  • Comments RSS
-->





 Type in