नयी दिल्ली - भारत के सर्वोच्च न्यायालय के सबसे सीनियर जज सरोश होमी कपाड़िया ने बुधवार को भारत के 38वें मुख्य न्यायाधीश का पद ग्रहण कर लिया है, राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने कपाड़िया को शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, रिटायर होने वाले मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन , यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम, रक्षा मंत्री एके एंटोनी, कानून मंत्री वीरप्पा मोइली, स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद और मंत्रिमंडल के अन्य मंत्री उपस्थित थे। इसके अलावा लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्य सभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली तथा श्री राम जेठमलानी एवं श्री सोली सोराबजी सहित कई प्रतिष्ठित वकील भी इस मौके पर मौजूद थे। न्यायमूर्ति कपाड़िया ने वर्ष 1974 में बंबई बार एसोसिएशन में वकील के तौर पर अपने कैरियर की शुरुआत की थी।
63 वर्षीय न्यायमूर्ति सरोश होमी कपाडि़या देश के 38वें मुख्य न्यायाधीश हैं लेकिन वे न्यायमूर्तियों की परंपरा में कुछ खास हैं। उनका जन्म 29 सितंबर 1947 को हुआ। वो देश के ऐसे पहले मुख्य न्यायाधीश हैं, जिनका जन्म देश की आजादी यानि 15 अगस्त 1947 के बाद हुआ है। न्यायाधीश कपाड़िया ने 10 सितंबर 1974 को बांबे हाईकोर्ट में वकालत शुरू की थी। 8 अक्टूबर 1991 को बांबे हाईकोर्ट के एडीशनल जज बनाए गए। इसके दो साल बाद 23 मार्च 1993 को बॉम्बे हाईकोर्ट के स्थायी जज बने। 5 अगस्त 2003 को वह उत्तरांचल के मुख्य न्यायाधीश बने। उसी साल दिसंबर में वह सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने।