सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर सभागार में आयोजित विश्व एकता सत्सग में बोलते हुए सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका व प्रख्यात शिक्षाविद्, बहाई धर्मानुयाई डा. भारती गाँधी ने कहा कि सहनशीलता मनुष्यों विशेषकर माताओं के लिए आवश्यक है तभी उनके बच्चे महान बनेंगे। मातायें सहनशील होंगी तो घर में एकता होगी और बच्चों का पालन पोषण अनुकूल वातावरण में होगा और बच्चे एकता का महत्व समझेंगे। यही बच्चे आगे चलकर समाज, देश तथा विश्व में एकता स्थापित करने में सफल होंगे। डा. गाँधी ने आगे कहा कि सहनशील व्यक्तियों को ईश्वर की विशेष कृपा इहलोग एवं परलोक दोनों स्थानों पर पूर्णरूपेण प्राप्त होती है।
विश्व एकता सत्संग में आज सी.एम.एस. अलीगंज (द्वितीय कैम्पस) के छात्रों ने एक से बढ़कर एक शानदार आध्यात्मिक एवं नैतिक विचारों से परिपूर्ण शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। जहाँ एक ओर इन छात्रों ने प्रार्थना, सद्विचार व नृत्य नाटिका आदि के माध्यम से आध्यात्मिक विचारों की गंगा प्रवाहित की तो वहीं दूसरी ओर ‘ये पत्तियां ये ठंडी हवा, ये सारा जहां है तेरा…’ आदि भक्ति गीतों से सम्पूर्ण आॅडिटोरियम को ईश्वरीय आभा से परिपूर्ण कर दिया। सत्संग में उपस्थित सभी नागरिकों ने जोरदार तालियाँ बजाकर सी.एम.एस. छात्रों की खूब हौसलाअफजाई की। इस अवसर पर छात्रों ने अभिभावक भी अपने बच्चों के चरित्र निर्माण, व्यक्तित्व विकास एवं सामाजिकता के समुचित ज्ञान के प्रदर्शन से गद्गद दिखे। सत्संग में सी.एम.एस. अलीगंज (द्वितीय कैम्पस) की प्रधानाचार्या श्रीमती ज्योति कश्यप समेत कई मूर्धन्य विद्वान उपस्थित थे।
विश्व एकता सत्संग में उपस्थित विभिन्न विद्वानों ने भी अपने सारगर्भित विचारों से इस आयोजन को गरिमा प्रदान की। इस्लाम धर्मानुयायी श्री आब्दी ने कहा कि हम सभी धर्मों में एकता चाहते हैं। मनुष्य अपने अंतर्मन में प्रेम की भूख एवं परोपकार की भावना जागृत करें, तभी विश्व में एकता व शांति आयेगी। श्री आब्दी ने कहा कि इच्छाओं पर नियन्त्रण रखने से खुशी बढ़ती है। वरिष्ठ पत्रकार श्री वीर विक्रम बहादुर मिश्र ने कहा कि सिर्फ किताबी ज्ञान से नहीं बल्कि आध्यात्मिक एवं नैतिक शिक्षा के सहयोग से बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है। कार्यक्रम का समापन मास्टर रोशन गाँधी फारुखी के शांति गीत ‘टीचिंग पीस आॅफ अराउण्ड, यू एण्ड मी एवरी सिटी, एवरी टाउन’ से हुआ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री