इम्प्लान्ट भारत में 90 के दशक में शुरू किये गए थे जिसमें कि अब तक काॅफी पदोन्नति कर ली है। इम्प्लान्ट अत्यधिक सफल रहे हैं और लापता दाँत Missing Tooth की अचल प्रतिस्थापन Fixed Replacement के लिए अपेक्षाकृत सबसे अच्छा विकल्प है।
भगवान ने दो दाँतों के सेट को बनाया और दन्त चिकित्सकों के द्वारा बनाये गये अचल Fixed दाँतों के सेट को डेण्टल इम्प्लान्ट कहते है।
दन्त चिकित्सकों का एक समूह, जिसमें डाॅ. इकबाल अली, डाॅ. पुनीत वाधवानी, डाॅ. सौरभ चतुर्वेदी, डाॅ. सुबोध नाटू के साथ मिल कर डाॅ. टी.वी. नारायण (प्रसिद्ध इम्प्लाॅन्टोलोजिस्ट) एक वर्कशाप की शुरूआत की और एक इम्प्लान्ट की लाइव सर्जरी दिखाई।
इस कार्यशाला की विशेषता यह है कि इसमें कम खर्च में (3 माॅड्यूल्स, 9 दिन) वर्कशाप हो रही है। आयोजकों की टीम में डाॅ. उत्सव श्रीवास्तव, डाॅ. सौम्या सिंह, डाॅ. मोनिका निशाल हैं जिनका महत्वपूर्ण योगदान है। इस कार्यशाला में 40 प्रतियोगी दन्त चिकित्सकों, परास्नातक दन्त चिकित्सकों और स्नातक दन्त चिकित्सकों ने मिल कर भाग लिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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