Archive | Uttar Pradesh

विशेष कार्यशाला का आयोजन किया

Posted on 30 November 2012 by admin

उत्तर प्रदेश सरकार ने यूनिसेफ के सहयोग से राज्य में 22 पश्चिमी जिलों में एक महत्वपूर्ण अभियान आरंभ करने से पूर्व एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया। अभियान जो खसरा कैंच-अप अभियान के नाम से जाना जाता है, की शुरूआत सहारनपुर, मुजफ्फरपुर, प्रबुद्ध नगर, मेरठ, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, गौतम बुद्ध नगर, बागपत, पंचशील नगर, मुरादाबाद, रामपुर, बिजनौर, जेपी नगर, भीम नगर, अलीगढ़, एटा, कांशीराम नगर, हाथरस, बरेली, बदायूॅ, शाहजहाॅपुर और पीलीभीत में किया जायेगा।
मीजल्स अर्थात खसरा छोटे बच्चों में मृत्यु का एक बड़ा कारण है। इस तथ्य के बावजूद कि एक सुरक्षित एवं प्रभावशाली टीके 40 वर्षो से उपलब्ध रहे है। विश्व भर में प्रतिदिन 400 से अधिक बच्चों की मृत्यु खसरे के कारण होती है एवं अकेला भारत ही दुखद विषय का 75 प्रतिशत हिस्सेदार है। यदि भारत को वर्ष 2015 तक नवजात शिशु मृत्यु दर कम करने का मिलेनियम विकास लक्ष्य प्राप्त करना है तो हमें यह सुनिश्चित होगा कि खसरा को सख्तता से नियंत्रण किया जाता है। खसरा को सबसे अधिक संक्रामक रोगों में माना जाता है और खसरा से पीडि़त होने के बाद, एक बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाता है, एवं यह एक जानलेवा बीमारी हो सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार ने खास कैच-अप अभियान को 22 पश्चिमी उप्र जिलों में तीन सप्ताह के लिए 3 दिसम्बर 2012 से शुरू करने का फैसला लिया है। इस अभियान के अन्तर्गत सबसे गतिविधि, यह सुनिश्चित करना है कि 9 महीने से लेकर 10 वर्ष तक आयु वर्ग के सभी बच्चों को खसरा टीके की दूसरी खुराक दी जाती है। अब तक, 9 से 12 महीने के आयु के बच्चे को खसरा टीके के केवल एक ही खुराक दी जाती है। संजय अग्रवाल, आईएएस मुख्य सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने उप्र सरकार द्वारा राज्य के 22 जिलों में खासरा कैच-अप अभियान के सफलतापूर्वक संचालन के लिए उठाए गए कदमों के बारे में मीडिया को सूचित किए। उन्होंने आगे बताया कि इस अभियान के दौरान 22 जिलों में लगभग 1.14 करोड़ बच्चे 9 महीने से 10 साल तक आयु वर्ग के बच्चों का टीकाकरण किया जायेगा। उत्तर प्रदेश के परिवार कल्याण के महानिदेशक डाॅ. एस.टी. हुसैन ने कहा, ‘‘हमें मीडिया लोगांे से मदद की जरूरत है जैसे कि हम जानते है कि उनके मदद के बिना यह अभियान कभी पूरा नही होगा’’। परिवार कल्याण निदेशालय के संयुक्त निदेशक, नियमित प्रतिरक्षण, डाॅ. ए.पी. चतुर्वेदी ने मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा सूक्ष्म योजनाओं को विस्तापूर्ववक बनाया गया है ताकि सेवाऐं प्रदान करने वाले दूरदराज गांवों में मौजूद अंतिम बच्चेां तक पहुंचने में सक्षम हो।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
[email protected]
[email protected]

Comments (0)


Advertise Here
Advertise Here

INFORMATION

  • Log in
  • Entries RSS
  • Comments RSS
-->





 Type in